Begin typing your search above and press return to search.
आंदोलन

दिल्ली में लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए हो रहे दो दिवसीय सम्मेलन को बीच में रोका

Prema Negi
1 Sep 2019 9:22 AM GMT
दिल्ली में लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए हो रहे दो दिवसीय सम्मेलन को बीच में रोका
x

कार्यक्रम को बीच में रोकते हुए अराजक तत्वों ने जय श्रीराम और भारत माता की जय के नारे लगाये और बनाया माहौल को तनावपूर्ण, कार्यक्रम डेढ़ दिन चलने के बाद उस समय रोका गया, जबकि अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने के खिलाफ एक रिजोल्यूशन पास होना था...

जनज्वार। नेशनल कनवेंशन इन डिफेंस आफ डेमोक्रेटिक राइट्स के दो दिवसीय कार्यक्रम को गुंडागर्दी के बल पर आज दिल्ली में रोक दिया गया। दिल्ली के मालवीय स्मृति भवन में 31 अगस्त और 1 सितंबर को यह कार्यक्रम आयोजित होना था, जिसमें से डेढ़ दिन यह कार्यक्रम हो चुका था।

कार्यक्रम को बीच में रोकते हुए अराजक तत्वों ने जय श्रीराम और भारत माता की जय के नारे लगाये और माहौल को तनावपूर्ण बनाया। कार्यक्रम डेढ़ दिन चलने के बाद उस समय रोका गया, जबकि अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने के खिलाफ एक रिजोल्यूशन पास होना था। रिजोल्यूशन पास होने से पहले ही वहां हंगामा खड़ा कर दिया गया। हालांकि कार्यक्रम में हिस्सेदारी कर रहे लोगों की अधिक संख्या होने के कारण जय श्री राम के नारे लगा रहे लोगों को वापस भागना पड़ा।

दूसरी तरफ मालवीय स्मृति भवन की मैनेजमेंट कमेटी ने पत्र जारी कर आयोजकों से कहा है कि आपके इस ​देश विरोधी कार्यक्रम की हम इजाजत नहीं दे सकते, इसलिए इसे रद्द करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह जो कार्यक्रम हो रहा है वह मदन मोहन मालवीय के मूल्यों के खिलाफ है। मालवीय स्मृति भवन मैनेजमेंट की ओर से संयुक्त रूप से कोषाध्यक्ष शक्तिधर सुमन, एग्जीक्यूटिव कमेटी मेंबर प्रकाश गौतम और एग्जीक्यूटिव मेंबर संतोष तिवारी की तरफ से यह पत्र जारी किया गया था।

कार्यक्रम की सहयोगी और भागीदार रही एपवा की कविता कृष्णन ने मालवीय स्मृति भवन की मैनेजमेंट कमेटी के पत्र को साझा करते हुए इसे गैर लोकतांत्रिक और तानाशाहीपूर्ण करार दिया है। उन्होंने कहा कि देश आपातकाल में है और अब बोलने और कहने की आजादी से तक हमें वंचित किया जा रहा है।

2 दिन के इस कार्यक्रम में प्रमुख अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज, पूर्व आईएएस अधिकारी हर्ष मंदर, वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण, पूर्व क्षेत्र नेता शेहला रशीद, महिला अधिकार कार्यकर्ता एनई राजा समेत दर्जनों जाने माने लोग बतौर वक्ता शामिल होने वाले थे।

स कार्यक्रम में अनुच्छेद 370 पर भी बहस होनी थी। अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने के खिलाफ एक रिजोल्यूशन भी पास होना था।

Next Story

विविध