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बिहार

सकारात्मक पहल: क्वारंटाइन सेंटर में मजदूरों ने कर दिया स्कूल का कायाकल्प

Manish Kumar
4 May 2020 10:06 AM GMT
सकारात्मक पहल: क्वारंटाइन सेंटर में मजदूरों ने कर दिया स्कूल का कायाकल्प
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एक स्कूल को क्वारंटाइन सेंटर का रूप दिया गया था और इसमें 52 मजदूरों को रखा गया था. इन मजदूरों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन करते हुए स्कूल की सूरत ही बदल दी....

आलोक कुमार की रिपोर्ट

जनज्वार। कोरोना संकट के इस दौर में एक क्वारंटाइन सेंटर से सकारात्मक खबर आई है. इंडो नेपाल सीमा पर स्थित लक्ष्मीपुर रमपुरवा राजकीय मध्य विद्यालय, बगहा में एक क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है।

इस क्वारंटाइन सेंटर में 52 मजदूरों को रखा गया है। यहां पर 14 दिनों तक रहना है। लेकिन इन मजदूरों ने इस क्वारंटाइन सेंटर में खाली बैठकर समय बिताने से इनकार कर दिया और कुछ ऐसा कर दिखाया कि पूरे जिले में इनकी तारीफ हो रही है.

इन मजूदरों ने अपनी मेहनत से इस स्कूल की कायाकल्प कर के रख दी. मजदूरों ने स्कूल की इमारत की रंगाई-पुताई कर दी साथ ही स्कूल वृक्षारोपण भी कर दिया.

यह सब करते हुए उन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ध्यान रखा. यह मजदूरों की मेहनत का ही फल है कि यह स्कूल बेहद खूबसूरत और हरा-भरा दिख रहा है.

मजदूरों के इस काम को स्थानीय निवासी और शिक्षक काफी सराहा रहे हैं. जिले के डीएम कुंदन कुमार ने भी इन मजदूरों के काम को अपने सोशल मीडिया वॉल पर सजाया है।

ऐसी ही एक पॉजिटिव खबर कुछ दिनों पहले उत्तराखंड के नैनीताल जिले से आई थी. यहां एक गांव के लोगों ने लॉकडाउन में मिले खाली समय का सही इस्तेमाल करते हुए पहाड़ खोद कर सड़क बना डाली थी. यह सड़क करीब तीन किलोमीटर लंबी है.

कुछ ऐसा ही कारनामा महाराष्ट्र के वाशिम जिले के कर्खेदा गांव के निवासी गजानन पकमोड और उनकी पत्नी पुष्पा ने किया. दोनों ने लॉकडाउन की अवधि का भी सदुपयोग कर लिया. घर में बैठ दोनों पति पत्नी ने अपनी पानी की समस्या को हल करने का फैसला कर लिया. गजानन और पुष्पा ने अपने घर के पास कुआं खोदने की ठान ली. दोनों ने जी-तोड़ मेहनत कर 21 दिन में 25 फिट गहरा कुआं खोद दिया.

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