प्रिंस चार्ल्स ने 9 दिन में बनवाया 4 हजार मरीजों का अस्पताल, क्या ब्रिटेन से कुछ सीखेंगे मोदी
भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए न तो केंद्र सरकार कुछ ठोस कदम उठा रही है, न ही राज्य सरकारें, हालात यह है कि पंजाब और हरियाणा में डॉक्टरों के पास अपने बचाव के उपकरण तक नहीं है...
जनज्वार। विश्व के दूसरे देश कोरोना से लड़ने को कितने तैयार है। वहां अस्पतालों पर युद्ध स्तरपर काम चल रहा है। लंदन में ही ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स ने पांच सौ बेड का एक अस्पताल मात्र नौ दिन में तैयार करा दिया है। नाइटिंगेल अस्पताल, जिसमें वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की सुविधाओं से युक्त 500 बिस्तर बनाये गये हैं। यहां कोरोना के 4,000 मरीजों का इलाज संभव होगा। यह अस्पताल लंदन के डॉकलैंड्स में एक्सेल प्रदर्शनी केंद्र में बनाया गया है।
इंग्लैंड में अस्पताल बनाने में सेना की मदद ली जा रही है। कोरोना से निपटने के लिए छह नए अस्थायी अस्पताल बनाये जाने हैं। इसमें यह पहला अस्पताल तैयार हो गया है। ब्रिटेन में कोरोना से अभी तक 2,921 लोगों की मौत हो चुकी है।
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ध्यान रहे 71 साल के प्रिंस खुद भी कोरोना पॉजिटिव है। उन्होंने कहा, मैं उन भाग्यशाली लोगों में से एक था जो वायरस से संक्रमण से उबर रहे हैं, लेकिन बहुत से लोगों के लिए संक्रमण से उबरना बहुत ही मुश्किल काम होगा। जहां यह अस्पताल बनाया गया है, वह प्रदर्शनी स्थल एक्सेल सेंटर, 900,000 वर्ग फुट से में हैं।
वर्ष 2012 के लंदन ओलंपिक के दौरान इसका इस्तेमाल मुक्केबाजी, तलवारबाजी और भारोत्तोलन के लिए किया गया था। अस्थायी अस्पतालों का निर्माण ब्रिटेन की फैली हुई राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा को मरीजों की आमद से प्रभावित होने से बचाने के लिए किया जा रहा है।
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इधर यदि हम भारत की तुलना करें तो यहां न तो अभी तक संक्रमण का पता लगाने के लिए टेस्ट तेजी से हो रहे हैं, न ही अभी तक संक्रमण से लड़ने की तैयारी नजर आ रही है। हालात तो यह है कि डॉक्टरों के पास अपने बचाव के लिए उचित ड्रेस नहीं है। ऐसे में भारत कैसे इस संक्रमण से निपट सकता है? इसके अतिरिक्त स्पेशल अस्पताल बनना तो दूर है,अभी तक तो यहीं तय नहीं है कि अस्पताल बनाये कहां कहां जाये?
भारत में कोरोना पॉजिटिव की स्थिति इस वक्त दस लाख लोगों पर औसतन 35 टेस्ट हुये हैं, जकि यूएस में 2 हजार 110, इटली में सात हजार 104 यूके में 2560 किये गये हैं। टेस्ट के मामले में तो पाकिस्तान हमारे से आगे हैं। वहां प्रति दस लाख लोगों पर 67 टेस्ट हो चुके हैं।
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कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला मोदी सरकार पर सवाल खड़ा करते हुए कहते हैं, केंद्र सरकार सिर्फ गंभीर होने का दिखावा कर रही है। जमीन पर कुछ नहीं हो रहा है। जबकि होना तो यह चाहिए कि हमें वायरस से लड़ने के लिए अपनी मेडिकल सुविधायें मजबूत करनी चाहिए। अस्पतालों की संख्या बढ़ानी चाहिए। डॉक्टरों को उचित ड्रेस उपलब्ध करायी जाये, जिससे वह बेखौफ होकर मरीजों का इलाज कर सकें। लेकिन इस ओर सरकार का कतई ध्यान नहीं है।
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पंजाब के सीएम अमरेंदर सिंह ने भी केंद्र को लिखा है कि वैंटिलेटर की संख्या बढ़ायी जाये। उन्होंने केंद्र से मदद मांगी है कि इलाज के लिए साधन उपलब्ध कराये जायें, जिससे मरीजों का तेजी से इलाज किया जा सके।