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राजनीति

राजद्रोह के आरोप में योगेंद्र यादव की पार्टी के महासचिव और पत्रकार नरसिम्हा गिरफ्तार

Prema Negi
30 Oct 2019 1:59 AM GMT
राजद्रोह के आरोप में योगेंद्र यादव की पार्टी के महासचिव और पत्रकार नरसिम्हा गिरफ्तार
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सामाजिक जीवन और कामों में सक्रिय रहने वाले नरसिम्हा की गिरफ्तारी पर पुलिस का दावा कि वह पिछले 20 वर्षों से थे लापता, जबकि जिस दिन पुलिस ने किया गिरफ्तार उस दिन भी वे रायचूर एक सार्व​जनिक सभा में वैकल्पिक मीडिया पर पहुंचे थे बोलने

जनज्वार। धार्मिक कट्टरपंथियों द्वारा मार दी गईं गौरी लंकेश के नाम पर बने गौरी मीडिया ट्रस्ट के महासचिव, गौरी लंकेश की किताबों के प्रकाशक और स्वराज इंडिया पार्टी के कर्नाटक महासचिव डोड्डीपाल्या नरसिम्हामूर्ति की माओवादी होने के आरोप में गिरफ्तारी बताती है कि जनता के पक्ष में बोलने वाले बुद्धिजीवियों के लिए एक कठिन समय है।

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रिष्ठ लेखक और पत्रकार डोड्डीपाल्या नरसिम्हामूर्ति को कर्नाटक के रायचूर से 24 अक्टूबर को उस समय गिरफ्तार कर लिया गया, जब वे एक निमंत्रण पर 'वैकल्पिक मीडिया' के मसले बोलने पहुंचे थे। द न्यू इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक, 'पुलिस ने उन्हें देशद्रोही और आपराधिक धाराओं में गिरफ्तार किया है। पुलिस का कहना है कि डोड्डीपाल्या नरसिम्हामूर्ति नक्सली हैं और प्रतिबंधित संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) से जुड़े थे। पुलिस का कहना है कि नरसिम्हामूर्ति 1994 से लापता थे। उनके खिलाफ कर्नाटक के रायचूर जिले में पुलिस ​डोजियर है और उनकी गिरफ्तारी रायचूर में इन्हीं आरोपों में की गयी है।'

नरसिम्हामूर्ति अपने परिजनों के साथ गोल घेरे में

रसिम्हामूर्ति की गिरफ्तारी पर स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा, 'मैं नरसिम्हामूर्ति को अच्छे से जानता हूं और अपने साथी की गिरफ्तारी से हतप्रभ हूं। मैं उन्हें पिछले 7 वर्षों से जानता हूं। वे कर्नाटक के बुद्धिजीवियों और पत्रकारों में एक बड़े और लोकप्रिय नाम हैं। स्वराज इंडिया और स्वराज अभियान के साथी के बतौर उन्होंने अंबेडकर के मूल्यों, दलितों के सवालों और किसानों को मसलों को हमेशा ही जोरदार तरीके उठाया है।' स्वराज इंडिया कर्नाटक इकाई ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर नरसिम्हा की गिरफ्तारी का विरोध किया है।

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नरसिम्हा 6 नवंबर तक रहेंगे न्यायिक हिरासत में, नरसिम्हा सांप्रदायिकता और दक्षिणपंथी राजनीति के खिलाफ हमेशा खुलकर बोलने वाले लेखकों-पत्रकारों में हैं शामिल, उनकी गिरफ्तारी के​ खिलाफ हो रहे हैं लगातार प्रदर्शन

रसिम्हामूर्ति की गिरफ्तारी पर कुमार बुराडीकट्टी का कहना है, 'वह 25 साल से लापता नहीं थे, बल्कि सामाजिक आंदोलनों में सबसे आगे रहते थे। रायचूर पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकी, क्योंकि वह खुद पिछले 25 सालों से फरार थी।'

नरसिम्हामूर्ति की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन

पुलिसिया दावे के अनुसार 24 अक्टूबर को गौरी लंकेश मीडिया ट्रस्ट के महासचिव और गौरी मीडिया पब्लिकेशंस के प्रकाशक नरसिम्हामूर्ति को इसलिए गिरफ्तार किया गया, क्योंकि उन पर देशद्रोही होने और प्रतिबंधित माओवादी पार्टी से जुड़े होने के आरोप हैं। वे पिछले 20 साल से लापता थे।'

स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य और पार्टी के कर्नाटक इकाई के नेता कमलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा, 'नरसिम्हामूर्ति की गिरफ्तारी सरकार का सच उजागर करने वाली आवाजों को दबाने का वही सिलसिला है जो पिछले कई सालों से जारी है।'

नरसिम्हामूर्ति की गिरफ्तारी के विरोध में देशभर में जगह-जगह हो रहे प्रदर्शन

रसिम्हा पर पुलिस ने आर्म्स एक्ट की धाराओं के अलावा 120 बी, 307 और 385 जैसी संगीन धाराएं लगायी गयी हैं। उन पर हत्या के प्रयास और उगाही के भी आरोप हैं। पुलिस के अनुसार नरसिम्हा पर 2001 में और बेंग्लुरू के जयप्रकाश नगर में 2016 में यूएपीए के तहत भी मुकदमे दर्ज हैं।

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स्वराज इंडिया दिल्ली के महासचिव नवनीत तिवारी कहते हैं, 'डी. नरसिम्हामूर्ति गौरी लंकेश हत्याकांड सहित अन्य मुद्दे पर सरकार के खिलाफ लगातार लिखते रहे हैं, इसलिए बीजेपी सरकार ने उन्हें मनमाने तरीके से जेल में डाल दिया। सरकार पुलिस का प्रयोग अपने राजनीतिक विरोधियों को कुचलने के लिए कर रही है, जो किसी लोकतांत्रिक समाज में स्वीकार्य नहीं हो सकता।'

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