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जनज्वार विशेष

रवीश कुमार को आप के एजेंट की तरह पेश किए जाने पर क्यों नहीं कोई ऐतराज

Janjwar Team
5 Oct 2017 1:08 PM GMT
रवीश कुमार को आप के एजेंट की तरह पेश किए जाने पर क्यों नहीं कोई ऐतराज
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मोदी के खिलाफ केजरीवाल कर रहे एजेंट की तरह पत्रकारों का इस्तेमाल

कभी सोशल मीडिया के पैरोडी अकाउंट इस्तेमाल पर पत्र क्यों नहीं लिखते रवीश, कभी रवीश यह क्यों नहीं कहते कि मुझे पत्रकार ही रहने दिया जाए, पार्टी एजेंट की तरह न पेश करें आप के नेता और कार्यकर्ता...

दिल्ली से स्वतंत्र कुमार की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

सवाल यही है कि अपनी छवि को लेकर बेहद सजग रहने वाले रवीश कुमार, द वायर हिंदी के मुख्य सहयोगी विनोद दुआ और राजनीतिक विश्लेषक अभय कुमार दूबे, आखिर आम आदमी पार्टी के सबसे बड़े सोशल मीडिया एजेंट या प्रचारक के रूप में पेश किए जाने के बावजूद कोई ऐतराज क्यों नहीं करते, कभी कोई शिकायत क्यों नहीं करते, जबकि उनके नामों पर दर्जनों सोशल मीडिया पर दर्जनों अकाउंट चलाए जा रहे हैं जिनका काम आम आदमी पार्टी की तारीफ करना और मोदी की आलोचना करना है।

उक्त तीनों नामों रवीश कुमार, विनोद दुआ और अभय कुमार दूबे के नाम पर पैरोडी 'फर्जी' ट्वीटर हैंडल चलते हैं। फेसबुक पेज, ग्रुप और प्रोफाइल बने हैं। और इनकी खासीयत ये है कि ये सभी हैंडल या फेसबुक के चलाने वाले एकतरफा मोदी सरकार के खिलाफ भीड़े रहते हैं।

इनके ट्वीटर पर कभी आप, केजरीवाल या किसी आप नेता के खिलाफ कोई खबर नहीं होती। अलबत्ता केजरीवाल या आप के खिलाफ मीडिया कोई नकारात्मक खबर चला रही होती है तो रवीश और अभय कुमार दूबे के ट्वीटर हैंडल उसका बचाव करते हैं, कई बार गलत तथ्यों को सही साबित करने की कोशिश में जुटे रहते हैं।

पर ये पत्रकार खुद को आप एजेंट की तरह पेश किए जाने या आम आदमी पार्टी के मीडिया प्रभारी सरीखे बना दिए जाने पर कहीं कोई एक जुबान नहीं खोलते। बावजूद इसके यह चाहते हैं कि इन्हें पत्रकार ही समझा जाए, इन्हें पत्रकार के खोल में पार्टियों का दलाल न बोला जाए।

ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि जिन पत्रकारों के नाम पर ये अभियान चलाया जा रहा है वो पत्रकार कुछ बोलते क्यों नही हैं कि उनके नाम का गलत इस्तेमाल हो रहा है, इसको रोका जाए। ऐसा भी नहीं है कि ये पत्रकार सोशल मीडिया पर नही हैं और इन्हें इस बात का पता नहीं है कि उनके नाम से बीजेपी के खिलाफ प्रोपगंडा चलाया जा रहा है।

हम एक—एक करके बताएंगे कि इन एकाउंट्स से कैसे ट्वीट किए जाते हैं और इन ट्वीट्स को रिट्वीट कौन करता है।

इन पैरोडी एकाउंट्स से अक्सर बीजेपी के खिलाफ तो ट्वीट किए ही जाते हैं। पर इसके साथ—साथ आम आदमी पार्टी के सपोर्ट में ट्वीट किए जाते हैं। और सबसे बड़ी और अहम बात ये है कि आप के सपोर्ट में किये गए इन ट्वीट्स को कोई और नहीं बल्कि आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल रिट्वीट करते हैं।

इस पर भी रिसर्च करने और किताब लिखने की जरूरत है कि दिल्ली के सीएम के अलावा कोई और नेता भी है जो पैरोडी और पत्रकारों के नाम पर बनाये गए फेक एकाउंट के किये गए ट्वीट को रिट्वीट करते हों।

इस खबर के साथ स्क्रीन शॉट भी लगाए गए हैं जिससे आप खुद देख सकते है कि कैसे पैरोडी एकाउंट से किये गए ट्वीट को सीएम केजरीवाल रिट्वीट करते हैं।

मशहूर पत्रकार रवीश के नाम पर एक नहीं बल्कि दर्जन भर 'फेसबुक पेज और ट्विटर एकाउंट बनाये गए हैं। हमने कुछ एकाउंट्स के उदहारण लिए हैं। एक रोफ़लरविश @RoflRavish के नाम से अकाउंट है। जिसके 52 हज़ार फॉलोवर है। इस एकाउंट्स पर सामान्य ट्वीट के अलावा आम आदमी पार्टी के एमएलए के द्वारा किये गए ट्वीट को रिट्वीट किया जाता है। इस एकाउंट पर लिखा है कि ये पैरोडी अकाउंट है।

इस एकाउंट्स से आप के वालंटियर्स के ट्वीट भी रीट्वीट किये जाते हैं। ये एकाउंट आप से जुडी खबरों को रीट्वीट करता है और बाकि बीजेपी की साड़ी नेगेटिव खबरों को ट्वीट करता है।

अभी हाल में इस एकाउंट से एक ऐसा ट्वीट रीट्वीट किया है जिसमें विजया दशमी के कार्यक्रम में अरविन्द केजरीवाल नंगे पैर और मोदी जूता पहन कर श्री राम और सीता बने कलाकारों की पूजा कर रहे हैं। स्पष्ट है कि अकाउंट आप वालों ने बनाया होगा।

इसी एकाउंट से एक ट्वीट कहता है कि केजरीवाल सरकार का गेस्ट टीचर्स को तोहफा, सबकी नौकरी पक्की होगी। एक दूसरा ट्वीट कहता है कि देखो मोदी का खेल तेल 80 रुपए हो गया है। आप के वालंटियर्स द्वारा तेल की बढ़ी कीमतों का विरोध करते हुए ये ट्वीट रीट्वीट किया गया है।

इसके अलावा @सर रवीश कुमार के नाम से ट्विटर है। इस एकाउंट के 37.4 हज़ार फॉलोवर हैं। इस एकाउंट से भी बीजेपी के खिलाफ ही ट्वीट किए गये हैं। यहां एक बात और बताते चलते हैं कि सोशल मीडिया पर बीजेपी के अलावा आम आदमी पार्टी ही धमक के साथ पकड़ बनाये हुए है।

इस एकाउंट से एक ट्वीट किया गया है। जिसमें लिखा है कि 'मोदी जी के बनारस में में बेटियों की इज़्ज़त तार तार, अबकी बार बेटी पर वॉर, डूब मरो मोदी सरकार'।

इसी एकाउंट से एक ट्वीट कहता है की बीजेपी की नेता अरविन्द केजरीवाल से सीखे कैसे काम किया जाता है, कैसे जनता से बात की जाती है, कैसे जनता का दिल जीता जाता है।

एक और बड़े पत्रकार विनोद दुआ के नाम का पैरोडी एकाउंट बनाया गया है। जिसके बस 56 ट्वीट एकाउंट पर दिखाई देते हैं। पर इस एकाउंट के 12.3 हज़ार फॉलोवर है। मतलब की इस एकाउंट के पुराने ट्वीट डिलीट कर दिए गए होंगे ताकि ये ना पता चले कि इस एकाउंट से किस पार्टी के समर्थन और किस पार्टी के खिलाफ ट्वीट किए गए हैं। इस पैरोडी एकाउंट द्वारा करीब 70 लोगों को फॉलो किया जाता है।

खास बात यह है की ये अकाउंट सिर्फ एक नेता को फॉलो करता है जिसका नाम केजरीवाल है। और खुद केजरीवाल इस एकाउंट से उनके समर्थन में किये गए ट्वीट की रिट्वीट करते हैं। ये एकाउंट बाकि सब न्यूज़ चॅनेल्स और अखबारों के ट्वीटर हैंडल फॉलो करता है। अब जरा इस हैंडल से ट्वीट किये जाने वाले ट्वीट देखिये।

1. दिल्ली के एलजी गेस्ट टीचर्स को मिलने वाली स्थाई नौकरी में रुकावट पैदा करके क्या हासिल करना चाहते हैं.

2. दिल्ली में दो सरकार हैं एक दिल्ली चला रही है, दूसरी सरकार देश चला रही है एक मेह्गाई कम करवाने के लिए लड़ रही है दूसरी मेह्गाई बढ़ने के लिए.

3 एक ट्वीट है राज ठाकरे की खबर को टैग करते हुए कि इतना झूठ बोलने वाला प्रधानमंत्री नहीं देखा

इसी तरह एक पैरोडी एकाउंट पत्रकार अभय दुबे के नाम से है। इस पैरोडी अकाउंट 44.2 हज़ार फो्लोवर्स है। एक और बात इस एकाउंट के बायो में लिखा है इस एकाउंट का किसी पोलिटिकल पार्टी से कनेक्शन नहीं है।

अब जरा इस अकाउंट से किये गए कुछ ट्वीट्स और रिट्वीट देख लीजिये।

1.एक बैलगाड़ी है जो दौड़ रही है और इस अकाउंट से लिखा गया है की मोदी जी के अथक प्रयास से भारत में बुलेट ट्रैन का ट्रायल संपन्न।

2.योगी राज में क्राइम बढ़ा ये ट्वीट है।

3.ये एक ट्वीट है कि आपस में भिड़े बीजेपी के कार्यकर्त्ता लहराई रिवॉल्वर।

5.एक ट्वीट कहता है कि आप अगर मेहनत से राजस्थान में चुनाव लड़े को वंहा की जनता आप को विल्कप के रूप में स्वीकार कर सकती है।

6.यशवंत सिन्हा द्वारा मोदी पर किये गए हमले के कई ट्वीट है इस अकाउंट से।

7. अभय कुमार दूबे का एक ट्वीट कहता है की केजरीवाल में गेस्ट टीचर्स के अच्छे दिन आये, 15 हज़ार गेस्ट टीचर्स की नौकरी हुई पक्की, सीखो मोदी जी कैसे वादे पुरे किये जाते हैं।

इस ट्वीटर हैंडल से पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान आप के समर्थन में ट्वीट तक किये गए हैं। इस ट्वीटर हैंडल से आम आदमी पार्टी पंजाब की रैलियों के ट्वीट भी रीट्वीट किये गए है। आप के मेहता जिसके ट्वीट सबसे जयादा केजरीवाल रीट्वीट करते हैं उसके ट्वीट भी इस हैंडल से रीट्वीट किये गए हैं।

जब कपिल मिश्रा आप में होते थे तब उनके भी कई ट्वीट इस हैंडल ने रीट्वीट किये हैं। इतना ही नही इस अकाउंट से गोवा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी की चुनावी सभाओ के ट्वीट भी रीट्वीट किये गए हैं।

इस अकाउंट के साथ एक खास बात है की सारे पिछले ट्वीट डिलीट कर दिए गए हैं इतने अधिक फोल्लोवेर्स के साथ सिर्फ 192 ट्वीटस ही हैं, यही चोरी न पकड़ी जाये कि ये एकाउंट किसको सपोर्ट कर रहा। इसलिए पुराने ट्वीट डिलीट कर दिए गए हैं। हालांकि कुछ पुराने ट्वीट इस एकाउंट के बच गए हैं जिससे हम यह पता लगा पाए कि इस एकाउंट से आम आदमी पार्टी के सपोर्ट में ट्वीट किए गए।

अब आप ही तय कीजिये कि पत्रकारों के नाम पर किसने एकाउंट बनाये हैं और इनके नाम का सोशल मीडिया पर गलत इस्तेमाल कौन कर रहा है। और कर रहा है तो इन पत्रकारों ने कब ऐतराज किया है?

कब रवीश कुमार ने कहा है कि मैं पत्रकार हूं नेता नहीं जो मोदी के खिलाफ आम आदमी पार्टी के साथ मिलकर अभियान चलाउं। कब अभय कुमार दूबे और द वायर के पत्रकार विनोद दुआ ने आम आदमी कार्यकर्ता की तरह इस्तेमाल हो रहे अपने नाम के ट्वीटर हैंडल को लेकर शिकायत की है?

ऐसे में सवाल यह है कि अगर पत्रकार पार्टियों के एजेंट बन जाएंगे, उनके नीतियों के समर्थन में अपने नामों का सरेआम इस्तेमाल होने की छूट देंगे, खास पार्टी के लोग ही उनका ट्वीटर पैरोडी हैंडल चलाएंगे तो फिर लोग पत्रकार को पत्रकार क्यों मानेंगे?

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