कश्मीर से लौटकर महिला पत्रकार राणा अय्यूब ने लिखा महिलाओं को मिल रही रेप की धमकी, बच्चों को दिये जा रहे इलैक्ट्रिक शॉक
अंतरराष्ट्रीय मीडिया और राणा अय्यूब का यह कहना कि यह घाटी के अब तक के सबसे बुरे हालात हैं, इशारा करता है नहीं है सबकुछ ठीक, हालांकि मोदी सरकार का कहना है कश्मीर के हालातों को असामान्य करार देना पाकिस्तान की है चाल...
महिला पत्रकार राणा अय्यूब के कश्मीर से लौटकर लिखे गये ट्वीट से तिलमिलाई लेखिका तवलीन सिंह, कहा बलात्कार और यातना की इन कहानियों पर विश्वास करना मुझे लग रहा है बहुत मुश्किल...
जनज्वार। गुजरात दंगों पर की गई रिपोर्टिंग के बाद साहसिक 'गुजरात फाइल्स' किताब लिखने वाली ख्यात पत्रकार राणा अय्यूब ने कश्मीर से लौटकर आज 30 अगस्त को ट्वीट किया है कि घाटी में अब तक की यह सबसे खराब स्थिति है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया पहले ही रिपोर्टिंग करता आ रहा है कि वहां के हालात बहुत खराब हैं।
गौरतलब है कि मोदी सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म किये जाने के बाद से वहां भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। सरकार और सुरक्षा बलों के मुताबिक वहां हालात सामान्य हैं, मगर अंतरराष्ट्रीय मीडिया और राणा अय्यूब का यह कहना कि यह घाटी के अब तक के सबसे बुरे हालात हैं, इशारा करता है कि सबकुछ ठीकठाक नहीं है। हालांकि मोदी सरकार का कहना है कि कश्मीर के हालातों को असामान्य करार देना पाकिस्तान की चाल है।
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इससे पहले ‘इंडीपेंडेंट यू.के' ने ग्राउंड रिपोर्टिंग करते हुए लिखा है कि 'सड़क नेटवर्क और संचार के सभी साधनों के लगभग पूर्ण बंद होने के बावजूद समूचे राज्य से छोटे पैमाने पर विरोध प्रदर्शन होने की प्रत्यक्षदर्शी रिपोर्टें सामने आई हैं, जिनमें तीन नागरिकों की मौत हुई है, जो उनके परिवारों के हिसाब से सुरक्षा बलों के आंसू गैस, मिर्च पावडर छिड़कने, शॉटगन पैलेट और अन्य तरीके इस्तेमाल करती कार्यवाहियों के नतीजतन हुआ है। पर मृतकों के मृत्यु प्रमाणपत्र जारी नहीं किये जा रहे।'
अनुच्छेद 370 खत्म किये जाने के बाद कश्मीर से लौटी पत्रकार राणा अय्यूब ने भी यह कहकर इस बात की पुष्टि ही की है कि वहां महिलाओं को बलात्कार की धमकी मिल रही है और बच्चों को इलेक्ट्रिक शॉक।
अपने ट्वीटर हैंडल में राणा अय्यूब लिखती हैं, 'अभी कश्मीर से लौटी हूं। बारह साल के लड़के को आधी रात में पकड़ा गया और मारा गया। महिलाओं को रेप की धमकियां मिल रही हैं। बच्चों को इलेक्ट्रिक शॉक दिया जा रहा है। परिवारों को अपनों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। क्या यही नॉर्मल हालात हैं, जिनके बारे में सब बात करते हैं। यह घाटी की अब तक की सबसे खराब स्थिति है।'
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हालांकि राणा अय्यूब के इस ट्वीट पर कई लोग उनके समर्थन में हैं तो कई ने उनसे प्रमाण दिखाने की मांग की है। लेखिका तवलीन सिंह ने उनके ट्वीट को झुठलाते हुए लिखा है 'नब्बे के दशक में सबसे बुरे हालातों में भी ऐसा नहीं हुआ जैसा आप लिख रही हैं। अगर आप उन महिलाओं और बच्चों से मिली हैं, जिन्हें रेप की धमकी और गिरफ्तार किया गया है, तो आपको उनके नाम बताने चाहिए और साथ में आपको अपराधियों के नाम भी बताने चाहिए।'
तवलीन के ट्वीट का जवाब देते हुए राणा अय्यूब ने लिखा है, 'डियर तवलीन मैं वीडियो और फोटो के साथ अपनी एक रिपोर्ट जल्द लिखूंगी, आप उसे जरूर पढ़िए। जल्द ही आपसे इस मुद्दे पर आगे बातचीत होगी।'
इसका जवाब देते हुए तवलीन सिंह ने ट्वीट किया है, 'डियर राणा मैं आपकी रिपोर्ट पढ़ने और वीडियो देखने के लिए उत्सुक हूं। मैंने भी बहुत लंबे समय तक घाटी को कवर किया है और खुद झूठे प्रचार यानी प्रोपेगेंडा की शिकार हुई हूं। यही कारण है कि बलात्कार और यातना की इन कहानियों पर विश्वास करना मुझे बहुत मुश्किल लगता है।'
गौरतलब है कि तवलीन सिंह इससे पहले ख्यात लेखिका अरुंधति रॉय को लेकर भी विवादास्पद टिप्पणी कर चुकी हैं। उनकी गिनती मोदी सरकार के कसीदे पढ़ने वाले लेखकों में की जाती रही है। कई पत्रकार तो उन्हें मोदी का दरबारी लेखक तक घोषित करते हैं।