पूर्वी भारत में आने वाले कुछ दिनों में हो सकता है भारी संकट, सर्वे में खुलासा
यह देशभर में 18 वर्ष या इससे अधिक आयु के वयस्कों के बीच पिछले सात दिनों के दौरान आयोजित किया गया है। सर्वे सभी राज्यों के विधानसभा क्षेत्रों से रेंडम प्रोबेबिलिटी सैंपलिंग द्वारा जुटाई गई जानकारी पर आधारित है।
जनज्वारः कोरोनावायरस संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन को बढ़ाए जाने की चल रही चर्चाओं के बीच पता चल है कि पूर्वी भारत के 74.9 प्रतिशत लोगों के घरों में आवश्यक वस्तुएं देश के अन्य क्षेत्रों के मुकाबले कम है। वर्तमान का राशन और दवाइयां केवल तीन सप्ताह से कम समय तक ही चलेंगी।
यह बात आईएएनएस/सी-वोटर के सर्वे में सामने निकलकर आई। कुल फीसद में से 40 प्रतिशत के पास जरूरी सामान एक हफ्ते और 18.9 प्रतिशत के पास एक हफ्ते से भी कम का है। जबकि, आवश्यक वस्तुएं को जोड़कर रखने वालों में 16 प्रतिशत लोग ऐसे हैं, जिनके पास दो हफ्तों तक चलाने लायक सामान है।
अन्य क्षेत्रों की बात करें, तो इस सूची में दक्षिण भारतीय दूसरे स्थान पर हैं। यहां 67.4 प्रतिशत लोगों के पास एक सप्ताह से भी कम समय के लिए आवश्यक वस्तुओं का स्टॉक रखा हुआ है।
इन सबके बीच, उत्तर भारत में उन लोगों की संख्या सबसे अधिक है, जिन्होंने तीन सप्ताह से अधिक समय तक के लिए जरूरी सामान का स्टॉक रखा हुआ है।
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आईएएनएस सी-वोटर कोविड ट्रैकर इंडेक्स ऑफ पैनिक पर एक दैनिक ट्रैकिंग पोल पर आधारित हैं। यह देशभर में 18 वर्ष या इससे अधिक आयु के वयस्कों के बीच पिछले सात दिनों के दौरान आयोजित किया गया है।
सर्वे सभी राज्यों के विधानसभा क्षेत्रों से रेंडम प्रोबेबिलिटी सैंपलिंग द्वारा जुटाई गई जानकारी पर आधारित है। नमूना का आकार 1,114 है और सर्वेक्षण 4 से 6 अप्रैल के बीच किया गया था।