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राजनीति

सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को निजी हाथों में सौंपती त्रिवेंद्र सरकार

Janjwar Team
31 July 2017 12:52 PM GMT
सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को निजी हाथों में सौंपती त्रिवेंद्र सरकार
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पांच साल के समझौते पर सवाल, उसके बाद क्या होगा हाल

त्रिवेंद्र रावत ने डोईवाला अस्पताल के लिए जो व्यवस्था की है वो पूरी तरह से वैकल्पिक है। ये व्यवस्था उनके मुख्यमंत्री या यूं कहे कि उनके इस विधायक के कार्यकाल तक ही रहेगी, फिर वही ढाक के तीन पात...

डोईवाला, देहरादून। चुनावों में जहां नेतागण शासन में आने के लिए तरह—तरह के वादे करते हैं, वहीं जब सत्ता में आने के बाद उन पर अमल करने की बात आती है तो सब वादे धरे के धरे रह जाते हैं। जहां एक तरफ उत्तराखण्ड की स्वास्थ्य्य सेवाएं पहले से ही बीमार हाल में है, कुछ हद तक गरीबों का भरोसा सरकारी स्वास्थ्य्य सेवाओं पर था, वह भी अब सरकार उनसे छीनने जा रही है। यानी गरीबों को जो थोड़ा—बहुत इलाज अब तक सरकारी सेवाओं से मुहैया हो जाता था, वह भी अब नहीं मिल पाएगा। उत्तराखण्ड सरकार सरकारी स्वास्थ्य्य सेवाओं को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की मौजूदगी में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डोईवाला को लेकर स्वास्थ्य विभाग और स्वामीराम हिमालयन विवि के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस समझौते को प्रो-बोनो एग्रीमेंट (नि:शुल्क निस्वार्थ समझौता) का नाम दिया गया है। जिसके अंतर्गत हिमालयन विवि के डॉक्टर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डोईवाला में नि:शुल्क सेवाएं देंगे।

स्वास्थ्य्य विभाग और हिमालयन विवि जौलीग्रांट के बीच जिस प्रो-बोनो एग्रीमेंट (नि:शुल्क निस्वार्थ समझौते) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। उसकी अवधि सिर्फ 5 साल के लिए होगी।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डोईवाला 5 साल बाद फिर से अपनी पहली जैसी स्थिति में आ जाएगा और डोईवाला के इस सरकारी अस्पताल को 5 वर्ष बाद अगली सरकार के रहमोकरम का इंतजार रहेगा। कुल मिलाकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने डोईवाला अस्पताल के लिए जो व्यवस्था की है वो पूरी तरह से वैकल्पिक है और ये व्यवस्था उनके मुख्यमंत्री या यूं कहे कि उनके इस विधायक के कार्यकाल तक ही रहेगी।

सीएचसी डोईवाला के उच्चीकरण के घोषणा राज्य के चार-चार मुख्यमंत्रियों ने की है। मुख्यमंत्री रहते हुए हरीश रावत ने इस अस्पताल को 30 बैड से उच्चीकृत करते हुए 50 बैड का शासनादेश भी जारी किया था। सिर्फ इसमें वित्तीय स्वीकृति मिलनी बाकि थी।

सीएम त्रिवेंद्र ने इस बार डोईवाला से चुनाव लड़ते हुए जनता से अस्पताल के उच्चीकरण का वादा किया था। लेकिन कांग्रेस, सपा और तमाम संगठनों के विरोध को दरकिनार करते हुए वर्तमान सरकार ने इस अस्पताल को पूरी तरह निजी हाथों में सौंप दिया है।

हिमालयन के प्राइवेट चिकित्सकों को डोईवाला के सरकारी अस्पताल में भेजने से पहले अस्पताल में वर्तमान में तैनात सभी सरकारी डॉक्टरों, तकनीशियनों और अन्य स्टॉफ को वहां से हटा दिया जाएगा।

वर्तमान में डोईवाला में हड्डी रोग, बाल रोग, महिला विशेषज्ञ, दंत रोग, फिजिशियन आदि और एक्सरे, लैब टेक्निशयन सेवाएं दे रहे हैं। इन सबका ट्रांसफर कहीं और करके सरकारी अस्पताल को हिमालयन के हाथों सौंप दिया जाएगा।

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