NPR की अफवाह के चलते गांववालों ने बैंक से निकाले 6 करोड़ रुपये, तमिलनाडु के तूतीकोरिन की घटना
शाखा प्रबंधक ए मारियाप्पन ने कहा 52 करोड़ रुपये की जमा पूंजी के साथ सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली थी हमारी बैंक शाखा, इस गलतफहमी की वजह से बैंक में जमा पूंजी का हो गया नुकसान...
जनज्वार। तमिलनाडु के मदुरै शहर में सेंट्रल बैंक में एक अफवाह के बाद उस वक्त भगदड़ मच गई जब खाताधारकों को सूचना मिली कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर की जानकारी सेंट्रल बैंक के ग्राहकों की केवाईसी से जुड़ी होगी। इसके बाद खाताधारकों ने लाइनों में लगकर छह करोड़ रूपये निकाल दिए।
दरअसल एक स्थानीय अखबार थिनथंथी में सार्वजनिक सूचना जारी की गई जिसमें लिखा था कि जिन ग्राहकों का खाता तूतीकोरिन के कायालपट्टिन शाखा में हैं, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) की जानकारी सेंट्रल बैंक के ग्राहकों की केवाईसी से जुड़ी होगी। बैंक की ओर से यह विकल्प के तौर पर बताया गया था किंतु ग्राहक इसे ठीक से समझ नहीं पाए।
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इसके बाद लोगों ने सोशल मीडिया पर इस जानकारी को यह साझा करना शुरू कर दिया कि सरकार उनसे सीएए-एनआरसी के विरोध का बदला ले रही है। कायालपट्टिनम गांव मुस्लिम बाहुल है। वहां के लोग डर गए। उन्हें लगा कि उनका बैंक का पैसा डूब जायेगा। सैकड़ों लोग अपने अकाउंट से पैसा निकालने के लिए बैंक के सामने लाइन में लग गए।
लोगों को लगा कि सीएए का विरोध करने के कारण उनके साथ ऐसा किया जा रहा है और बैंक में उनका पैसा भी सुरक्षित नहीं रहेगा। धीरे- धीरे लोगों में ये अफवाह फैलती गई। ग्राहकों द्वारा पैसे निकालने की होड़ से परेशान बैंक ने सभी के लिए 'ऑटो-रिक्शा अभियान' शुरू किया।
बैंक अधिकारियों ने कहा कि बैंक के बाहर सैकड़ों ग्राहकों को देखकर हम आश्चर्यचकित रह गए। कुछ देर बाद मामला समझ में आया कि ग्राहक अपना पैसा वापस चाहते हैं। बैंक कर्मचारियों को भीड़ से निपटने के लिए पड़ोसी शाखा के कर्मचारियों की मदद लेनी पड़ी। साथ ही भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पास के पुलिस स्टेशन से पुलिसकर्मियों को बुलाना पड़ा।
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शाखा प्रबंधक ए मारियाप्पन ने कहा कि उनकी शाखा 52 करोड़ रुपये की जमा पूंजी के साथ सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली शाखा में से एक थी। इस गलतफहमी की वजह से बैंक की जमा पूँजी का नुकसान हुआ। ऐसी अफवाहें भी फैलाई गई कि बैंक दिवालिया है और यह 31 जनवरी को बंद हो जाएगा।
एस.के.सलीह ने कहा, 'हमने लगभग 6,500 लोगों की रैली निकाली, 650 मीटर लंबे राष्ट्रीय ध्वज को लेकर गए और इसके खिलाफ स्कूलों में विशेष प्रार्थनाएं कीं, हमने नो 'एनआरसी-नो सीएए' के बैज पहने। शायद इसीलिए हमें एनपीआर विवरण प्रस्तुत करने के लिए कहा गया।'