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बॉलीवुड प्रोड्यूसर ने कसा तंज, मरने वाले बच्चे होते अमीरों-नेताओं के तो क्या करता सिस्टम
दूसरी तरफ अस्पतालों में बेहतर इलाज, उचित और पर्याप्त दवायें उपलब्ध करवाने के बजाय चमकी बुखार के प्रकोप को खत्म करने के लिए आयोजित किए जा रहे हैं हवन...
जनज्वार। बिहार के मुजफ्फरपुर में एक्यूट एंसिफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) यानी चमकी बुखार से बच्चों की होने वाली मौतों का सिलसिला अभी भी थमा नहीं है। इसकी वजह से अब तक 100 से भी ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है, मगर अब तक शासन-प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। यहां तक कि तकरीबन 3 सप्ताह से लगातार हो रही इन मौतों के बाद अब आज 18 जून को पहली बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहली बार बच्चों को देखने मेडिकल कॉलेज पहुंचे।
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वहीं 100 से भी ज्यादा बच्चों की मौतों के बावजूद न तो अस्पतालों में बेहतर इलाज उपलब्ध करवाया जा रहा है और न ही उन्हें उचित और पर्याप्त दवायें उपलब्ध करवायी जा रही हैं। बीमार बच्चों के गरीब मां—बाप अपनी जिगर के टुकड़ों को अपने सामने दम तोड़ते देखने को विवश हैं। बच्चों का फर्श पर लिटाकर इलाज किया जा रहा है।
हाल ये है कि जब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन बच्चों की मौत के बाद प्रेस कांफ्रेंस करते हैं तो केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार सोते हुए नजर आते हैं, शासन-प्रशासन तो पहले से सो ही रहा है। इसी कारण इन लोगों को वहां बीमार बच्चों के मां—बाप के भारी विरोध का सामना भी करना पड़ा।
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लगातार हो रही बच्चों की मौत के लिए अस्पताल की असुविधाएं, प्रशासन और बिहार सरकार बराबर के जिम्मेदार हैं। आम लोगों से लेकर तमाम राजनेताओं और फिल्मी कलाकारों ने भी इस मुद्दे पर शासन—प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए आवाज उठानी शुरू कर दी है।
मुजफ्फरपुर में बच्चों की मौत को हत्या करार देते हुए बॉलीवुड प्रोड्यूसर अशोक पंडित ने भी अपना गुस्सा जाहिर किया है। समसामयिक मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखने वाले अशोक पंडित ने इसके लिए बिहार सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए इंसेफ्लाइटिस से हुई बच्चों की मौत पर अपना दुख व्यक्त करते हुए ट्वीट किया है, 'मैं बिहार की विफल प्रणाली से हुई 125 बच्चों की मौत को सामूहिक हत्या मानता हूं। इसकी जगह अगर मरने वाले बच्चे नेताओं और अमीर लोगों के होते तो सिस्टम की क्या प्रतिक्रिया होती?'
अशोक पंडित ने 100 से ज्यादा बच्चों की मौत को सामूहिक हत्या को प्रशासनिक लापरवाही करार दिया है। अशोक पंडित के ट्वीट का समर्थन करते हुए अनेक लोगों ने इसके लिए शासन—प्रशासन को जमकर कोसा है।
ऐश्वर्य सांडिल्य के नाम से ट्वीट किया गया है, 'एक बिहारी होने के नाते कहना चाहता हूं कि यहां के नेताओं से ज्यादा उस जनता पर गुस्सा पर गुस्सा आता है जो वोट देंगे तो अपनी जात वाले को चाहे वो काम करने वाला न भी हो तो। बिहार कि जनता को सीख लेनी होगी कि बिहार में एक राष्ट्रीय केन्द्र पार्टी की जरूरत है, न कि ये लालू नीतीश की।' अन्य कई लोगों ने इसके लिए सीधे—सीधे नीतीश कुमार सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए तंज कसा है कि यही है सुशासन।
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जे प्रकाश ने ट्वीट किया है, 'इस सरकार में बीजेपी भी पार्टनर है।' तो कई लोगों ने मांग की है कि नीतीश कुमार को बच्चों की इतनी भारी तादाद में मौतों के बाद अपना इस्तीफा दे देना चाहिए।
गौरतलब है कि बिहार के मुजफ्फरपुर में एंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम से बच्चों की मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। अभी भी 100 से ज्यादा बीमार बच्चे गंभीर हालात में अस्पतालों में भर्ती हैं।
चमकी बुखार के प्रकोप को खत्म करने के लिए हो रहा हवन-पूजन
हास्यास्पद ये है कि बजाय बेहतर इलाज मुहैया कराने के बिहार के मुजफ्फरपुर में मर रहे बच्चों के लिए पूजा, पाठ और हवन किया जा रहा है।