Begin typing your search above and press return to search.
दुनिया

जानें कोरोना से लड़ने में अमेरिका क्यों चूका? ट्रंप प्रशासन ने की ये बड़ी गलतियां

Janjwar Team
13 April 2020 10:32 AM IST
जानें कोरोना से लड़ने में अमेरिका क्यों चूका? ट्रंप प्रशासन ने की ये बड़ी गलतियां
x

'वाशिंगटन पोस्ट' में हाल ही छपे एक लेख में अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर निशाना साधा गया है और बताया गया है कि कैसे पहले 70 दिन में अमेरिकी सरकार ने कई बड़ी गलतियां की...

बीजिंगः जैसे-जैसे मृतकों की संख्या आगे बढ़ती जा रही है, अमेरिकी मीडिया इस बात पर विचार करने लगा है कि अमेरिका ने कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ने में कैसे कीमती समय बर्बाद किया है। 'वाशिंगटन पोस्ट' में हाल ही छपे एक लेख में अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर निशाना साधा गया है और बताया गया है कि कैसे पहले 70 दिन में अमेरिकी सरकार ने कई बड़ी गलतियां की.

'वाशिंगटन पोस्ट' ने 4 अप्रैल को कोरोनो वायरस संकट आने के पहले 70 दिनों में अमेरिका के विफल अनुभव और इसके मूल कारणों के बारे में एक लेख जारी किया था, जिसमें अमेरिकी सरकार के अधिकारियों, सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों, खुफिया अधिकारियों और अन्य लोगों के साथ 47 साक्षात्कार शामिल हैं।

यह भी पढ़ें- चीन में CORONA के दोबारा उभार के चलते बढ़ रही अफ्रीकियों पर नस्ली हिंसा की वारदातें

लेख में कहा गया है कि सभी चरम उपायों के बावजूद, और यह भी माना जाता है कि अमेरिका हमेशा महामारी से निपटने के लिए सबसे अच्छी तरह से तैयारी करने वाला देश है, लेकिन अतत: कोरोना वायरस के सामने भयंकर रूप से हार गया। अब तक अमेरिका में कोविड-19 से संक्रमित रोगियों की संख्या दुनिया में सबसे अधिक रही है।

लेख के मुताबिक, प्रारंभिक सूचना मिलने के 70 दिनों के बाद ही ट्रम्प को आखिरकार यह एहसास हुआ कि कोरोना वायरस इतना घातक व भयानक है, जो आसानी से हजारों लोगों को मार सकता है।

यह भी पढ़ें- एक तिहाई पाकिस्तानियों ने कहा कोरोना वायरस है अमेरिका-इजराइल की साजिश

लेख में कहा गया है कि सबसे गंभीर विफलता यह है कि नैदानिक परीक्षणों को विकसित करने के शुरुआती प्रयास विफल रहे। इस तरह के परीक्षणों को पूरे अमेरिका में बड़े पैमाने पर किया जा सकता था, ताकि संबंधित एजेंसियों को बीमारी के प्रकोप का पता लगाने और उसे नियंत्रित करने के लिए संगरोध उपाय करने के मौके मिलें।

लेख का मानना है कि आंतरिक कलह, क्षेत्रीय विवाद और नेतृत्व में अचानक परिवर्तन ने व्हाइट हाउस के महामारी से लड़ाई में बाधा डाली।

यह भी पढ़ें- कोरोना फैलने से पहले ही नवंबर में खुफिया एजेंसी ने दी थी चेतावनी, अमेरिकी न्यूज चैनल का सनसनजीखेज दावा

लेख में कहा गया कि हफ्तों के लिए, ट्रंप ने इस संकट के बारे में कुछ नहीं कहा। साथ ही उन्होंने अपनी सरकार में खुफिया अधिकारियों और वरिष्ठ सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों की चेतावनी को भी खारिज कर दिया। ट्रंप अमेरिका में बड़े पैमाने पर फैली महामारी पर चिंतित नहीं हैं।

तथ्यों ने एक बार फिर साबित कर दिया कि शिथिलता की कीमत काफी महंगी है। वेंटिलेटर, मास्क और अन्य सुरक्षात्मक उपकरणों के भंडारण का अवसर चूक गया। मार्च के अंत में, सरकार ने 10,000 वेंटिलेटर का ऑर्डर दिया, जो कि सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों और राज्यपालों की मांग से बहुत कम है। ये मशीनें गर्मियों या शरद ऋतु तक अमेरिका में नहीं पहुंचेंगी।

Next Story

विविध