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AIPWA की योगी सरकार को दो टूक, हत्या-बलात्कार पर रोक लगाओ वरना गद्दी छोड़ दो
जनज्वार। उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में बच्चियों एवं महिलाओं पर हो रही यौन हिंसा की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं । हापुड़ , बुलंदशहर , जालौन , जौनपुर , लखीमपुर खीरी , सीतापुर , गोरखपुर व भदोही , हाथरस के बाद अब बदांयू में 50 साल की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता जो पूजा करने के लिए मंदिर गयी थी, उनके साथ न सिर्फ सामूहिक बलात्कार किया गया बल्कि अमानुषिक बर्बरता की गई, उनके पैर , पसली व फेफड़े तक को चोट पहुंचाई गई।
प्रेस को जारी बयान में ऐपवा ने कहा, प्रथमदृष्टया बलात्कार और हत्या का मामला होने के बावजूद पुलिस ने तब तक एफआईआर ही दर्ज नहीं किया, जब तक पोस्टमार्टम की रिपोर्ट नहीं आ गयी। पुलिस की संवेदनहीनता और मंदिर के हत्यारे पुजारी को बचाने की कोशिश का ही नमूना है की वह उनके द्वारा बताई गई कहानी को ही सच मानकर चलती रही ।
इन तमाम घटनाओं के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए ऐपवा ने कहा कहा कि इन हालिया घटनाओं में अपराधियों ने न सिर्फ बलात्कार किया है बल्कि क्रूरता की सारी हदें पार गये । सीतापुर की पीड़िता की जीभ काट दिया तथा आंखे भी निकाल दी । गोरखपुर की पीड़िता को सिगरेट से जलाया गया, भदोही में तो पीड़िता के चेहरे को तेज़ाब से इस कदर जलाया गया था कि उसको पहचानना ही मुश्किल हो गया था परिवार वालों ने उसे कपड़े से पहचाना ।
'वैसे ये चंद घटनाएं है जो किसी तरह से अखबारों की सुर्खियां बनी वरना ऐसे न जाने कितनी घटनाएं 6 साल की बच्ची भी सुरक्षित नहीं है हापुड़ की घटना इसका बड़ा सबूत है । उत्तर प्रदेश आज महिला विरोधी अपराधों का गढ़ बनता जा रहा है।'
ऐपवा ने कहा कि योगी सरकार एक ओर महिला सुरक्षा और सबलीकरण के नाम पर मिशन शक्ति का पाखण्ड कर रही है और लव जिहाद के नाम पर प्रेम और विवाह की आज़ादी तथा निजता के मौलिक अधिकार पर हमला बोल रही है, दूसरी ओर शासन-प्रशासन के संरक्षण के कारण अपराधियों के हौसले बुलंद हैं, बदायूं की वीभत्स घटना इसी का परिणाम है।
ऐपवा आज इसके खिलाफ के प्रदेशव्यापी आह्वान के तहत लखनऊ के गोमतीनगर में सभा करके महिलाओं ने अपना रोष व्यक्त किया। सभा को मुख्यवक्ता के रूप में ऐपवा की जिला संयोजक मीना सिंह ने सम्बोधित किया, अध्यक्षता ऐपवा नेता मोइज़्ज़मा ने किया। उपस्थित अन्य प्रमुख लोगों में सुमन, लीलावती, कैलाशा, प्रभा देवी, संतोषी शर्मा आदि थीं।