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राजनीति

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज समेत 175 चर्चित हस्तियों ने खुला पत्र लिखकर चुनाव आयोग के खिलाफ खोला मोर्चा, बिहार चुनाव परिणामों को बताया बड़ी धोखाधड़ी

Janjwar Desk
20 Nov 2025 6:21 PM IST
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज समेत 175 चर्चित हस्तियों ने खुला पत्र लिखकर चुनाव आयोग के खिलाफ खोला मोर्चा, बिहार चुनाव परिणामों को बताया बड़ी धोखाधड़ी
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file photo

SIR की वर्तमान प्रक्रिया में किए गए बदलाव सत्ताधारी सरकार की सत्ता पर किसी भी कीमत पर बने रहने की अतृप्त लालसा की पूर्ति के लिए किए गए हैं, जिसके माध्यम से एक लोकतांत्रिक चुनाव प्रक्रिया में हेरफेर किया गया है। हम पर्यवेक्षकों, विश्लेषकों और टिप्पणीकारों के रूप में यह देख रहे हैं कि कैसे इस हेरा फेरी से हमारे लोकतंत्र पर काला जादू किया गया और पारदर्शी, स्वतंत्र तथा निष्पक्ष चुनाव प्रणाली के अनिवार्य सिद्धांतों को पूरी तरह दरकिनार किया गया...

Bihar SIR : बिहार SIR के खिलाफ पूर्व जज डॉ. बी. सुधर्शन रेड्डी समेत तमाम शिक्षाविदों, कानूनविदों, पूर्व IAS-IPS अधिकारियों सामाजिक—राजनीतिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और वैज्ञानिकों ने आवाज उठायी है। खुला खत जारी कर इन तमाम लोगों ने दावा किया है कि SIR की वर्तमान प्रक्रिया में किए गए बदलाव सत्ताधारी सरकार की सत्ता पर किसी भी कीमत पर बने रहने की अतृप्त लालसा की पूर्ति के लिए किए गए हैं, जो एक लोकतांत्रिक चुनाव प्रक्रिया के नाम पर एक दिखावटी और नियंत्रित चुनाव को जन्म देते हैं।

पूर्व जज समेत 175 शिक्षाविदों, कानूनविदों, सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और वैज्ञानिकों ने चुनाव आयोग को वर्तमान नेतृत्व में एक वैध संस्था मानने से इनकार किया है और एक रिलीज जारी कर कहा है कि विकृत चुनाव आयोग द्वारा किए गए नुकसान को ठीक करने और एक संवैधानिक रूप से प्रतिबद्ध, निष्पक्ष और लोकतांत्रिक संस्थान को फिर से स्थापित करने की लड़ाई लड़ेंगे।

जारी पत्र में कहा गया है, हम भारत के नागरिक, पूरी तरह से पारदर्शी, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की मांग करते हैं। हम, बिहार चुनाव परिणामों में हुई धोखाधड़ी को सिरे से खारिज करते हैं और विपक्ष से भी यही करने की मांग करते हैं। बिहार ऐसा पहला राज्य है जहाँ स्पेशल इंटेंसिव रिविज़न (SIR) का इस्तेमाल विधानसभा चुनाव में किया गया। इस चुनाव ने लोकतांत्रिक भारत के नागरिकों के लिए और भी अंधकारमय समय की शुरुआत को उजागर किया है।

SIR की वर्तमान प्रक्रिया में किए गए बदलाव सत्ताधारी सरकार की सत्ता पर किसी भी कीमत पर बने रहने की अतृप्त लालसा की पूर्ति के लिए किए गए हैं, जिसके माध्यम से एक लोकतांत्रिक चुनाव प्रक्रिया में हेरफेर किया गया है। हम पर्यवेक्षकों, विश्लेषकों और टिप्पणीकारों के रूप में यह देख रहे हैं कि कैसे इस हेरा फेरी से हमारे लोकतंत्र पर काला जादू किया गया और पारदर्शी, स्वतंत्र तथा निष्पक्ष चुनाव प्रणाली के अनिवार्य सिद्धांतों को पूरी तरह दरकिनार किया गया।

SIR की वर्तमान प्रक्रिया में किए गए बदलाव सत्ताधारी सरकार की सत्ता पर किसी भी कीमत पर बने रहने की अतृप्त लालसा की पूर्ति के लिए किए गए हैं, जो एक लोकतांत्रिक चुनाव प्रक्रिया के नाम पर एक दिखावटी और नियंत्रित चुनाव को जन्म देते हैं। हम पर्यवेक्षकों, विश्लेषकों और टिप्पणीकारों के रूप में यह देख रहे हैं कि कैसे यह हेरफेर किया हुआ तंत्र हमारी लोकतंत्र पर काला जादू चलाता है, और पारदर्शी, स्वतंत्र तथा निष्पक्ष चुनाव प्रणाली के अनिवार्य सिद्धांतों को पूरी तरह दरकिनार कर देता है।

यह हमारे लोकतंत्र और संविधान की रक्षा की लड़ाई का एक नया अध्याय है। यह धोखाधड़ी का खेल खुले आम पूरी निर्लज्जता से खेला जा रहा है —मतों को योजनाबद्ध तरीके से हटाया जा रहा है और उसी सटीकता से जोड़ा जा रहा है, ताकि एक ही पार्टी के उम्मीदवारों की जीत को सुनिश्चित किया जा सके। हम बिहार की जनता के साथ खड़े हैं और चुनाव परिणामों को अस्वीकार करते हैं!

ECI के अनुसार, SIR की प्रक्रिया, 2003 की प्रक्रिया पर आधारित बताई जा रही है, लेकिन वास्तव में उससे कोई समानता नहीं है। एक नया ‘एन्यूमेरेशन फॉर्म’ (गणना सूची) जोड़ा गया है, जिसके तहत हर मतदाता को फिर से आवेदन करने के लिए मजबूर किया गया है अपना नाम मतदाता सूची में नाम जोड़ने के लिए।

अस्वीकृति की प्रक्रिया तथा अंतिम मतदाता सूची पर कोई जवाबदेही या पारदर्शिता नहीं है। इस प्रक्रिया से एक पक्षपातपूर्ण और ‘सैनिटाइज़्ड’ (शुद्ध) सूची तैयार की जाती हैं, जिसमें बिहार की तरह लाखों वैध मतदाताओं को मतदान अधिकार से वंचित कर दिया गया था । हम भारत के मतदाता कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं और मांग करते हैं – कोई भी वैध मतदाता पीछे न छूटे!

हम राजनीतिक विपक्ष से गहरी निराशा जताते हैं जिन्होंने इस हेरफेर किए गए चुनावी तंत्र में स्वेच्छा से भागीदारी की। उनकी ‘वोटर अधिकार यात्रा’ को जनता से मजबूत समर्थन मिला,लेकिन चुनाव में भागीदारी कर के उन्होंने इस धोखाधड़ी से स्थापित सरकार को वैधता प्रदान की है। इसके अलावा, विपक्ष ने जमीनी स्तर के सिविल सोसाइटी समूहों के साथ रणनीतिक रूप से काम करने में भी कमजोरी दिखाई है। पिछले एक दशक में चुनावी लोकतंत्र के इस अंधकारमय काल में सिविल सोसाइटी ने लगातार प्रभावशाली और निर्णायक पहल की है। हम विपक्षी दलों से आग्रह करते हैं कि वे बिहार चुनावों से सबक लेकर संगठित, केंद्रित और सामूहिक कार्रवाई के साथ देश में फिर से लोकतांत्रिक माहौल स्थापित करने का मार्ग खोजें—और हम, भारत के नागरिकों के साथ मिलकर, इस लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए लड़ें।

हमारी लड़ाई अब अगले 12 राज्यों में है जो की SIR प्रक्रिया के लिए सूचीबद्ध है। भारत का चुनाव आयोग अपने संवैधानिक दायित्व को त्यागकर उसी लोकतंत्र को क्षति पहुंचा रहा है जिसे वह बचाने और सशक्त करने के लिए बना था। चुनाव आयोग ने देश के मतदाताओं के विश्वास को तोड़ा है, जिनकी सेवा और सुरक्षा के लिए वह अस्तित्व में है। उसने संविधान द्वारा स्थापित अपने नैतिक और लोकतांत्रिक मूल्यों का अपमान किया है। अपने वर्तमान स्वरूप में वह चुनावी प्रक्रिया की सुरक्षा करने वाले प्रहरी के बजाय उसे चोट पहुंचाने वाला हथियार बन चुका है। इन सब के सामने हम चुप नहीं रहेंगे। हम भारत के चुनाव आयोग को वर्तमान नेतृत्व में एक वैध संस्था मानने से इनकार करते हैं। हम इस विकृत चुनाव आयोग द्वारा किए गए नुकसान को ठीक करने और एक संवैधानिक रूप से प्रतिबद्ध, निष्पक्ष और लोकतांत्रिक संस्थान को फिर से स्थापित करने की लड़ाई लड़ेंगे।

1. डॉ. बी. सुधर्शन रेड्डी – सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश

2. देवासहायम एम. जी. – सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी

3. डॉ. पराकला प्रभाकर – राजनीतिक अर्थशास्त्री एवं लेखक

4. डॉ. जस्टिस शंकर के. जी. – पूर्व न्यायाधीश, संयुक्त आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट

5. प्रकाश राज – भारतीय फ़िल्म अभिनेता

6. माधव देशपांडे – सलाहकार, प्रौद्योगिकी एवं सुरक्षा, पुणे

7. राम शरण – जनतंत्र समाज, बिहार

8. रशीद हुसैन – सामाजिक कार्यकर्ता, बिहार

9. क्रिस्टन गोंसाल्वेस – बिहार

10. डॉ. सुनीलम – पूर्व विधायक; राष्ट्रीय अध्यक्ष, किसान संघर्ष समिति

11. के. रामचंद्र मूर्ति – पूर्व सम्पादक, आंध्र ज्योति एवं साक्षी समाचारपत्र

12. तारा राव – एद्देलु कर्नाटक

13. विजयम्मा – वरिष्ठ पत्रकार

14. नूर श्रीधर – एद्देलु कर्नाटक

15. तुषार गांधी – हम भारत के लोग

16. रमेश पटनायक – मेलुको आंध्र; प्रकाश कम्माराडी – कृषि अर्थशास्त्र, वैज्ञानिक

17. थॉमस फ्रैंको – मतदाता अधिकार संरक्षण आंदोलन

18. नूर मंसूर – सेवानिवृत्त केएएस अधिकारी

19. किरण कमल प्रसाद – जीविका

20. मीना गुप्ता – आईएएस (सेवानिवृत्त)

21. गुरजीत सिंह चीमा – आईएएस (सेवानिवृत्त)

22. नागलसामी – आईए&एएस (सेवानिवृत्त)

23. अशोक कुमार शर्मा – आईएफ़ओएस (सेवानिवृत्त)

24. मनोरमा शर्मा – गुवाहाटी

25. अशोक शर्मा (आईएफ़एस सेवानिवृत्त) एवं प्रो. कोलंदई – चेन्नई

26. फ़िरोज़ मीठीबोरवाला – वी द पीपल ऑफ इंडिया

27. इंद्राणी दत्ता – सामाजिक कार्यकर्ता, असम

28. रॉबिन दत्ता – सामाजिक कार्यकर्ता, असम

29. प्रेरणा देसाई – राष्ट्रीय युवा संगठन

30. मोहम्मद कुन्ही – राज्य सचिव, जमाअत-ए-इस्लामी हिंद

31. अरुण लुईस – निदेशक, आशीर्वाद, कर्नाटक

32. ए. के. शिवुराज – स्वतंत्र पत्रकार, केरल

33. सेड्रिक प्रकाश – गुजरात

34. कुमार प्रशांत – गांधी पीस फ़ाउंडेशन

35. खालिद नवेद – मूवमेंट फ़ॉर पीस एंड जस्टिस, तेलंगाना; वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया; जमाअत-ए-इस्लामी तेलंगाना

36. प्रज्वल शास्त्री – भौतिक विज्ञानी

37. प्रेम चंदावरकर – वास्तुकार

38. योगेंद्र यादव – राष्ट्रीय अध्यक्ष, एनडीपीएफ

39. वीरेश नायकर – रायचूर

40. प्रवीण भारद्वा – व्यवसायी

41. नरेंद्र सिंह – पत्रकार

42. आशीष नैथानी – दुकानदार

43. सुमित सिंह रावत – फ़ोटोग्राफ़र

44. डेनिस कुरियन – व्यवसायी

45. स्वाति नेगी – सामाजिक कार्यकर्ता

46. रोहित सिंह – तृष्णा वेलफेयर ट्रस्ट

47. आशुतोष कोठारी – केयर योर प्लैनेट इंडिया

48. ससीधरन – कोलिकोडे

49. शबनम हाशमी

50. रूपा यादव – वकील

51. राघवेंद्र कुस्तागी – वरिष्ठ राजनीतिक एवं सांस्कृतिक कार्यकर्ता

52. ऐशिक गुप्ता – स्वतंत्र नागरिक

53. माणिक महना – माणिक महना फ़िल्म्स

54. सुमित – फ़ोटोग्राफ़र

55. खालिद नवेद – मूवमेंट फ़ॉर पीस एंड जस्टिस

56. डेनिस चाको कुरियन – INVACTRR

57. सुषमा वर्मा – कर्नाटक जनशक्ति

58. प्रकाश लुईस – बीएमएच

59. पवन कुमार – एसबीआई पेंशनर्स एसोसिएशन

60. एलिज़ लोबो – स्कूल

61. सिस्टर नित्या – YES

62. सोनी सेबेस्टियन

63. निकिता नायडू – पुनर्योजी न्याय सामाजिक कार्यकर्ता एवं एक्टिविस्ट

64. ज़हीरा – देशीय मानविका वेदी, केरल

65. एलिज़ाबेथ – गृहिणी

66. डॉ. कदीजा मुमताज़ – देशीय मानविका वेदी

67. अपूर्व कुमार बरूआ – सुस्‍था समाज विकास चक्र

68. एबिन – फ़्रीलांसर

69. चंद्रकला – उत्तराखंड महिला मंच

70. लीना पडम – सोशल एक्शन सेंटर, बगैचा, नमकुम

71. हरिदास नारायणन – देशीय मानविका वेदी

72. बसंती लकड़ा – स्वतंत्र नागरिक

73. शमीम – देशीय मानविका वेदी

74. दिव्या गौतम – सीपीआई (एमएल)

75. मंजनाथा जी. एस. – स्वतंत्र नागरिक

76. पी. एम. एंटनी – बगैचा

77. टीपू सुल्तान – IPTA

78. कमलेश खंतवाल – PSM

79. सुसाना पिकार्डो – फ़ोरम ऑफ रिलिजियस

80. पीटर डी’क्रूज़ – साझा कदम

81. लैली रैंडॉल्फ – नागरिक स्वयंसेवक

82. रविकांत एन – कलाकार

83. गिबॉय पणिकर – ABCD

84. ज्योति – चिंतित नागरिक

85. पायल – सामाजिक कार्यकर्ता

86. मोहम्मद मंसूर – राज्य सचिव, केपीसीसी

87. आर. श्रीनिवासा – केपीसीसी ग्रेजुएट सेल

88. सिने चेरीयन – स्वयं

89. सुसई सेबेस्टियन – सेवानिवृत्त

90. राजा श्रीनिवास – केपीसीसी

91. डॉ. स्मिता पी. कुमार – देशीय मानविका वेदी

92. पुष्पा एलेक्स – कर्नाटक

93. मैल्कम – AXA

94. सलीम सोन्नेखान – एसडीएम कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी

95. रोहन पी – बेंगलुरु

96. स्टीफन रमेश – फ्रीलांसर निवेश गुरु

97. मार्गरेट गोंसाल्विस – सिस्टर्स

98. . अल्विन – जेसुइट

99. बालसंगमेश्वर वोलेप्रे – एआईपीसी सदस्य

100. चंद्रशेखरन – अखिल भारतीय किसान संगठन

101. अनिल वी टी – आईज़ेन

102. हसन -देशीय मानविका वेदी

103. आनंद प्रसाद – आईएनसी, कर्नाटक

104. रूपा यादव – अधिवक्ता, उत्तराखंड

105. सिंथिया स्टीफन – व्यक्तिगत

106. स्वाति – एद्देलु कर्नाटक

107. फ़ादर डेसमंड साल्डान्हा एसजे – गोवा

108. मेहबूब – कर्नाटक युवा कांग्रेस

109. सुनील जे – कर्नाटक

110. गंगाधर एन – कर्नाटक

111. शमीर जी – एद्देलु कर्नाटक, चिक्कबल्लापुर

112. बसवराज – आशा किरण सामाजिक सेवा संस्थे

113. जय पाल सिंह – आरएमपीआई, पंजाब

114. अमरावती – जीविका कर्नाटक

115. शरण एच – केवीएस

116. रोशन विलियम्स – एआईपीसी, कर्नाटक

117. एन. इंदिरम्मा – एद्देलु कर्नाटक

118. एल फेलिक्स दुरैराज – रिटायर्ड एसबीआई अधिकारी, तमिलनाडु

119. प्रकाश जॉन फिगरेडो – कर्नाटक

120. मैइलारीआर दोड्डमनी कलबुर्गी – एद्देलु कर्नाटक

121. ज्योसिता – बिहार

122. प्रवीर पीटर – साझा कदम, झारखंड

123. उमेशा – संविधान संरक्षण पदे, कर्नाटक

124. वीणा बख्शी – फिल्म उद्योग, महाराष्ट्र

125. श्रीरंगाचारी आर – कर्नाटक जनशक्ति

126. प्रदीप ई – व्यक्तिगत

127. सोनिया – इंडिया विद कांग्रेस

128. प्रवीण – व्यक्तिगत

129. बी. कोटेश्वर राव – जन विज्ञान वेदिका

130. अफ़रोज़ – वोट चोरी होवी है

131. राधिका नंदकुमार

132. भास्कर राव – ओपीडीआर

133. ज्योति बहन – महिला मुक्ति संघर्ष समिति

134. गुडिबंडा गंगप्पा – डीएसएस

135. स्कूल नरसिम्हा – डीएसएस

136. सत्यनारायण – डीएसएस

137. पाटिल वीरनागौड़ा – अधिवक्ता

138. रोज़लिन मैरी – स्नेहा सामाजिक सेवा सोसाइटी

139. इमैनुअल अकिलन – जेसुइट

140. जो – जीजेएसई

141. माइकल नोयल – जेसुइट्स

142. लिसा पेरेज़ – चिंतित नागरिक

143. संतनाम – अधिवक्ता

144. डोरोथी – एनएपीएम

145. रोज़ेल – वाईडब्ल्यूसीए गोवा

146. फ्रांसिस जेवियर – सेंट जोसेफ कॉलेज, त्रिची

147. एमिलियाना फर्नांडिस – ASRO

148. चंद्रशेखर – एद्देलु कर्नाटक

149. अगाथिन, रिटायर्ड

150. मोहम्मद हुसैन एच इंजीनियर – स्वराज अभियान

151. मंजू के – कार्यकर्ता

152. भीमनागौड़ा – केपीसीसी ग्रेजुएट सेल

153. रमेश बेलकोंडा – सामाजिक कार्यकर्ता

154. माधव देशपांडे – तकनीकी विशेषज्ञ, साइबर सिक्योरिटी (name repeat)

155. अजय आनंद फिलोमिन राज – एएन अल्टीमेट

156. संतोष टी – केपीसीसी

157. मिनी के ए – शिक्षिका, केरल

158. पिल्सी पीटर – कॉन्वेंट, केरल

159. मौली चांडी – केरल

160. पुष्पा पी मैथ्यू – केरल

161. एल्सम्मा पी ओ – केरल

162. लूसी पी वी – केरल

163. सेलिनम्मा थॉमस – केरल

164. लिंसी एम वी – केरल

165. शर्ली जोसेफ – केरल

166. सोफी एम – केरल

167. सोमी वर्की – केरल

168. बिंदु पी ए – केरल

169. अनिजा थॉमस – केरल

170. जेसिंथा – उत्तराखंड

171. वी मथलाने जेसिंधा – केरल

172. अनिल कुमार – बिहार

173. रेसी अलेक्स – केरल

174. बॉब – गुजरात

175. अल्बर्ट मुथुमलाई – तमिलनाडु

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