अर्नब गोस्वामी को हाईकोर्ट से नहीं मिली जमानत, कहा निचली अदालत में जाकर लगाओ अर्जी
जनज्वार। बॉम्बे हाईकोर्ट ने रिपब्लिक टीवी के प्रबंध निदेशक और मुख्य संपादक अर्नब गोस्वामी की जमानत याचिका पर शनिवार को सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। महाराष्ट्र पुलिस ने अर्नब को आत्महत्या के लिए उकसाने के दोहरे मामले में तीन दिन पहले गिरफ्तार किया था। न्यायमूर्ति एस.एस. शिंदे और न्यायमूर्ति एम.एस. कार्णिक ने गोस्वामी को अपराध दंड संहिता की धारा 439 के तहत नियमित जमानत के लिए निचली अदालत की शरण लेने की अनुमति दी। निचली अदालत सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद चार दिनों के अंदर फैसला दे सकती है।
गोस्वामी को आत्महत्या के लिए उकसाने के दोहरे मामले में 4 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि आर्किटेक्ट अन्वय नाइक और उनकी मां कुमुद नाइक को गोस्वामी ने कथित तौर पर बकाया रकम का भुगतान करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद उन दोनों ने 5 मई, 2018 को आत्महत्या कर ली थी।
अन्वय नाइक की विधवा अक्षता नाइक और उनकी बेटी अदन्या नाइक ने अलग-अलग याचिका दायर कर इस मामले की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराने की मांग की है।
दूसरे घटनाक्रम में, रायगद सत्र न्यायालय ने रायगद पुलिस द्वारा दायर याचिका की सुनवाई की सोमवार को करना तय किया है। पुलिस ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सुनयना पिंगले के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें गोस्वामी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने को कहा है।