बर्खास्त विधानसभाकर्मियों को सुप्रीम कोर्ट से भी नहीं मिली राहत, विशेष याचिका खारिज होने को विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने बताया राज्य के युवाओं की जीत
Uttarakhand Sachivalaya Bharti SCAM : उत्तराखंड विधानसभा में बैक डोर से भर्ती हुए कर्मचारियों की बर्खास्तगी का मामला सर्वोच्च न्यायालय से भी बर्खास्त कर्मचारियों के खिलाफ चला गया है। बर्खास्त कर्मचारियों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर विशेष याचिका को भी न्यायालय ने खारिज करते हुए विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय पर अपनी मुहर लगा दी है। स्पीकर ऋतु खंडूरी भूषण ने इसे राज्य के युवाओं की जीत बताया है।
बता दें कि उत्तराखंड विधानसभा में बैक डोर से भर्तियों का मामला उजागर होने के बाद विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल को सस्पेंड करते हुए तीन सितंबर को भर्तियों की जांच के लिए पूर्व प्रमुख सचिव डीके कोटिया की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय विशेष जांच समिति गठित की गई थी। इस जांच समिति की रिपोर्ट की सिफारिश पर 22 सितंबर को विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषण ने 2016 में हुईं 150 भर्तियों, 2020 में हुईं 6 नियुक्तियों, 2021 में हुई 94 भर्तियों को रद्द करते हुए इन कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया था।
बर्खास्त किए यह कर्मचारी विधानसभा अध्यक्ष के इस निर्णय के खिलाफ उत्तराखंड उच्च न्यायालय पहुंच गए थे। जहां न्यायालय ने इन कर्मचारियों की बर्खास्तगी को गलत बताते हुए इनकी पुनर्नियुक्ति के निर्देश दिए थे। न्यायालय के इस निर्णय के खिलाफ विधानसभा की ओर से इस मामले को हाई कोर्ट की खण्ड पीठ में चुनौती दी गई थी। जिस पर कोर्ट ने दोनों पक्षों से जवाब भी मांगा था। हाईकोर्ट की खण्ड पीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान विधानसभा सचिवालय से बर्खास्त 228 कर्मचारियों की बर्खास्तगी के आदेश को सही मानते हुए एकलपीठ के आदेश को निरस्त कर दिया था।
हाईकोर्ट के इस फैसले से निराश बर्खास्त कर्मचारियों ने आखिरी उम्मीद के तौर उच्चतम न्यायालय में एक विशेष याचिका दायर की थी, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने उनकी इस याचिका को खारिज करते हुए बर्खास्त कर्मचारियों को झटका दे दिया। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद उत्तराखंड विधानसभा के 228 कर्मचारी बर्खास्त ही रहेंगे। याचिका खारिज होने के बाद स्पीकर ऋतु खंडूरी भूषण ने इसे युवाओं की जीत बताते हुए कहा कि नियम विरुद्ध की गई इन नियुक्तियों की बर्खास्तगी को सर्वोच्च न्यायालय ने सही मानकर कोटिया समिति की सिफारिशों पर मुहर लगा दी है।