Bengal By Election 2021 : अपने गढ़ में अपराजेय साबित हुईं ममता बनर्जी, मोदी सरकार की तिकड़मों को जनाधार पर नहीं पड़ा असर
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Bengal By Election 2021। मोदी सरकार (Modi Govt) के तमाम हमलों और तिकड़मों के बावजूद पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के जनाधार पर कोई असर नहीं पड़ा है। उप चुनाव के नतीजे में चारों सीटों पर कब्जा कर ममता ने साबित कर दिया है कि अपने गढ़ में वह अपराजेय बनी हुई हैं और उनकी लोकप्रियता बढ़ती ही जा रही है।
टीएमसी (TMC) ने कूच बिहार जिले के दिनहाटा में उपचुनाव जीता है और पश्चिम बंगाल के शेष तीन विधानसभा क्षेत्रों में भारी अंतर से आगे चल रही है जहां 30 अक्टूबर को उपचुनाव हुए थे।
दिनहाटा सीट से टीएमसी के पूर्व विधायक उदयन गुहा ने 1,63,005 वोटों के अंतर से जीत हासिल की है। दूसरे नंबर पर बीजेपी प्रत्याशी अशोक मंडल हैं। इस निर्वाचन क्षेत्र में टीएमसी को करीब 84 फीसदी वोट मिले, जबकि बीजेपी को करीब 11 फीसदी और लेफ्ट को करीब 2 फीसदी वोट मिले।
उदयन गुहा ने अपनी जीत को 'मीठी जीत' बताया। "हमने इस चुनाव को एक चुनौती के रूप में लिया और हमने दिनहाटा में सांप्रदायिक ताकत को रोक दिया है। आज यह तय हो गया है कि केंद्रीय मंत्री निसिथ प्रमाणिक कूचबिहार जिले के सिर्फ कागजी शेर हैं। हमने यह सीट भाजपा से हारने के बाद छह महीने के भीतर रिकॉर्ड अंतर से जीती है।"
सभी चार सीटों को मिलाकर अब तक टीएमसी को कम से कम 77 फीसदी वोट मिले हैं, जबकि बीजेपी को 15 फीसदी वोट मिले हैं। वाम दलों को 5 फीसदी और कांग्रेस को 0.28 फीसदी वोट मिले।
दक्षिण 24 परगना जिले के गोसाबा निर्वाचन क्षेत्र में टीएमसी उम्मीदवार सुब्रत मंडल पंद्रहवें दौर की मतगणना के बाद 1,33,318 मतों के बड़े अंतर से आगे चल रहे हैं। यहां टीएमसी को 87 फीसदी वोट मिले, जबकि बीजेपी को महज 9 फीसदी वोट मिले।
उत्तर 24 परगना जिले की खरदाहा सीट पर राज्य के मंत्री और टीएमसी उम्मीदवार सोवन्देब चट्टोपाध्याय नौवें दौर की मतगणना के बाद 46,928 मतों के अंतर से आगे चल रहे हैं। टीएमसी को 67 फीसदी, सीपीएम को 15.62 फीसदी और बीजेपी को 14.88 फीसदी वोट मिले।
नदिया जिले के शांतिपुर निर्वाचन क्षेत्र में टीएमसी उम्मीदवार ब्रजकिशोर गोस्वामी नौवें दौर की मतगणना के बाद 28,606 मतों के अंतर से आगे चल रहे हैं।
दिनहाटा और शांतिपुर सीटों पर उपचुनाव हुए क्योंकि मौजूदा सांसद निसिथ प्रमाणिक और जगन्नाथ सरकार ने इस साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव में जीत के बाद संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों से विधायक के रूप में शपथ नहीं ली। टीएमसी के विजयी उम्मीदवारों की मौत के बाद खरदाहा और गोसाबा के लिए उपचुनाव हुए।