Breaking : टूलकिट मामले में दिशा रवि को पटियाला सेशन कोर्ट से 1 लाख के मुचलके पर मिली जमानत
जनज्वार। टूलकिट मामले में गिरफ्तार पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को अभी-अभी पटियाला सेशन कोर्ट से जमानत मिल गयी है। पटियाला हाउस कोर्ट के सत्र न्यायालय में दिशा रवि की जमानत याचिका की अनुमति देते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने 100,000 रुपये के मुचलके पर जमानत दी है।
दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार 22 फरवरी को टूलकिट मामले में आरोपी जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को फिर एक दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया था। हालांकि, पुलिस ने 5 दिन की पुलिस रिमांड मांगी थी, लेकिन अदालत ने उसके आग्रह को नामंजूर कर दिया था और आज इस पर फैसला आया है।
सोमवार 22 फरवरी को तीन दिन की न्यायिक हिरासत खत्म होने पर दिशा रवि को पटियाला हाउस स्थित मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा के समक्ष पेश किया गया था। जांच अधिकारी ने अदालत से दिशा का पांच दिन की पुलिस रिमांड स्वीकार करने का आग्रह करते हुए कहा कि इस मामले में सह-आरोपी निकिता जैकब व शांतनु मुलुक सोमवार को ही जांच में शामिल हुए हैं।
गौरतलब है कि दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस को 21 वर्षीय पर्यावरण एक्टिविस्ट दिशा रवि की गिरफ्तारी के मामले में नोटिस जारी किया था। डीसीडब्ल्यू के मुताबिक दिशा की गिरफ्तारी में कानूनी प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया गया था। उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया था कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दिशा को पिछले तीन महीने से चल रहे किसान आंदोलन को समर्थन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
दिल्ली महिला आयोग ने नोटिस में दिल्ली पुलिस से दिशा के खिलाफ दर्ज की गई कॉपी मांगी है। आयोग ने पूछा था, "क्या दिशा की गिरफ्तारी के दौरान तय प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया था? साथ ही मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उसे कोर्ट में प्रस्तुत होने से पहले पसंद का वकील भी नहीं मुहैया करवाया गया था।"
दिशा को जानने वाले कई एक्टिविस्ट्स ने यह भी दावा किया कि गिरफ्तारी के दौरान उसके माता पिता को भी ये जानकारी नहीं दी गई थी कि उसे कहां लेकर जाया जा रहा है। संविधान के अनुच्छेद 22(1) हर व्यक्ति को गिरफ्तारी के बाद पसंद के वकील द्वारा कानूनी प्रतिनिधित्व का अधिकार देता है। आयोग ने पुलिस से मामले में अब तक की कार्यवाही की जानकारी मांगी है।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा था, "दिशा को कृषि आंदोलन से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दिशा को कोर्ट में प्रस्तुत करने से पहले पसंद का वकील नहीं दिया गया, साथ ही कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार गिरफ्तारी के दौरान भी कानूनी प्रक्रियाओं का सही तरीके से पालन नहीं किया गया।"