बनभूलपुरा में हजारों लोगों को उजाड़कर बेघर किये जाने के विरोध में निकला कैंडल मार्च, सड़कों पर उतरी जनता
बनभूलपुरा में हजारों लोगों को उजाड़कर बेघर किये जाने के विरोध में निकला कैंडल मार्च, सड़कों पर उतरी जनता
Banbhoolapur live matter : बनभूलपुरा इलाके की बहुचर्चित रेलवे जमीन पर अतिक्रमण के ध्वस्तीकरण की चल रही कार्यवाही के विरोध गुरुवार को बनभूलपुरा के लोगों ने गुरुवार 29 दिसंबर की शाम विशाल कैंडिल मार्च निकाला। कैंडिल मार्च में लगे जोरदार नारों के साथ पूरा इलाका गुंजायमान रहा। कड़कड़ाती ठंड के बीच अपना आशियाना बचाने की उम्मीद में इलाके के तमाम बुजुर्ग सहित छोटे छोटे मासूम बच्चे भी सड़कों पर उतर पड़े।
कैंडिल मार्च में बड़ी संख्या में महिलाओं ने भी हिस्सेदारी की। शांतिपूर्ण ढंग से निकाले गए कैंडिल मार्च में लोगों ने सरकार से न्याय की गुहार लगाते हुए उन्हें न उजाड़े जाने की मांग की। अपनी छत टूटने के डर को चेहरे पर लिए इन लोगों की सरकार से गुहार थी कि अगर उन्हें हटाना ही है तो उनके पुनर्वास की व्यवस्था पहले की जाए। कैंडल मार्च में बनभूलपुरा की जनता के साथ तमाम जनवादी सामाजिक संगठन भी शामिल रहे। क्षेत्र की मेहनतकश जनता के पक्ष में विभिन्न सामाजिक संगठन मजबूती से खड़े हैं।
बता दें कि बुधवार 28 दिसंबर को रेलवे की जमीन पर कार्यवाही के पहले चरण में रेलवे और प्रशासन की टीम ने सीमांकन का काम किया। इसी को लेकर बुधवार को सुबह से लेकर शाम तक क्षेत्र की जनता सड़क पर बैठी रही। महिलाएं, स्कूली बच्चे धरने में शामिल होकर सरकार से उन्हें बेघर न करने की मांग करते रहे।
इसी को लेकर गुरूवार 29 दिसंबर की शाम को पांच बजे लाइन नंबर 17 चोरगलिया रोड स्थित मुजाहिद चौक पर बनभूलपुरा के लोग एकत्रित हुए और उन्होंने वहां से ताज चौराहे तक कैंडिल मार्च निकाला गया। कैंडिल मार्च में क्षेत्र के बड़े बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे शामिल रहे।
बनभूलपुरा क्षेत्र में बस्तियां बचाने के लिए निकाला गया कैंडल मार्च मुजाहिद चौक से शुरू हुआ, जो विभिन्न क्षेत्रों से होता हुआ लाइन नंबर 1 स्थित ताज चौराहे पर पहुंचा। कैंडल मार्च में हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर निकले। लोगों ने बनभूलपुरा, लाइन नंबर 17, चोरगलिया रोड, लाइन नम्बर 1, बनभूलपुरा में जोरदार तरीके से जुलूस निकाला। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं-बच्चे, नौजवान, बुजुर्ग भी शामिल हुए।
कैंडल मार्च के दौरान मांग की गई कि उत्तराखंड सरकार 2016 के शपथ पत्र के अनुरूप अपनी अवस्थिति ग्रहण करे और उच्च न्यायालय में 20 जनवरी को आए जनविरोधी फैसले पर पुनर्विचार याचिका डाले। साथ ही सर्वोच्च न्यायालय में जनता की पैरवी करे। इसके अतिरिक्त मलिन बस्ती श्रेणी में बनभूलपुरा क्षेत्र की पांच मलिन बस्तियों ढोलक बस्ती/गफूर बस्ती, चिराग अली शाह, इन्द्रा नगर पूर्वी, इंदिरानगर पश्चिमी "ए", इंदिरा नगर पश्चिमी "बी" को पुनः मालिन बस्ती की श्रेणी में शामिल किया जाए।
कैंडिल मार्च को समर्थन देने के लिए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्या, विधायक सुमित हृदयेश, खटीमा विधायक भुवन कापड़ी, जसपुर आदेश चौहान, जिलाध्यक्ष राहुल छिमवाल, सपा नेता अब्दुल मतीन सिद्दीकी समेत तमाम नेताओं ने अपना समर्थन दिया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि वह बनभूलपुरा की जनता के साथ हैं। उनके साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।
वहीं नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि क्षेत्रवासियों को किस भी सूरत में उजड़ने नहीं दिया जाएगा। सरकार उनके साथ अन्याय कर रही है और कांग्रेस उनकी आजवा बनकर उभरेगी। विधायक सुमित हृदयेश ने कहा कि कांग्रेस उनके लिए न्याय की लड़ाई लड़ेगी। उन्हें किसी भी सूरत में उजड़ने नहीं दिया जाएगा। यहां की जनता के साथ हो रहे अन्याय का बदला जरूर लिया जाएगा।
भुवन कापड़ी और आदेश चौहान ने भी यहां की जनता को भरोसा दिलाया कि वह उन्हें किसी भी सूरत में उजड़ने नही देंगे। वहीं अब्दुल मतीन सिद्दीकी और शुएब अहमद ने भी कहा कि जब उनके पुरखे यहीं पर रहते आए हैं तो यह जमीन रेलवे की कैसे हो गई। उन्होंने न्याय व्यवस्था पर भरोसा जताते हुए कहा कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है और आशा है कि फैसला उनके पक्ष में आएगा। इसके अलावा आज के कैंडल मार्च में बस्ती बचाओ संघर्ष समिति बनभूलपुरा के घटक संगठन क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, परिवर्तनकामी छात्र संगठन, प्रगतिशील महिला एकता केन्द्र भी शामिल रहे।