Congress Protest : कांग्रेस की देशभर में 17 अगस्त से 'महंगाई चौपाल', दिल्ली में 28 को 'हल्ला बोल'
Congress Protest : कांग्रेस की देशभर में 17 अगस्त से 'महंगाई चौपाल', दिल्ली में 28 को 'हल्ला बोल'
Congress Protest : कांग्रेस ने गुरुवार को घोषणा की कि वह 28 अगस्त को नई दिल्ली के रामलीला मैदान में महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ एक रैली करेगी। पार्टी ने कहा कि वह प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 17 से 23 अगस्त तक खुदरा बाजारों, मंडियों में संवाद सत्र आयोजित करेगी। इसके बाद दिल्ली में 28 अगस्त को 'महंगाई पर हल्ला बोल' करेगी। पार्टी महासचिव जयराम रमेश के अनुसार, इस रैली से पहले 17 अगस्त से 23 अगस्त के बीच देश के सभी विधानसभा क्षेत्रों की मंडियों, खुदरा बाजारों और अन्य कई स्थानों पर 'महंगाई चौपाल' आयोजित की जाएगी।
पीएम मोदी के काला जादू वाले तंज पर पलटवार
उन्होंने एक बयान में कहा है कि कांग्रेस ने गत 5 अगस्त को मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन किया, जिसके साथ लोगों ने खुद को जोड़ा। प्रधानमंत्री ने हताशा में आकर इसे 'काला जादू' बताने का प्रयास किया, जो इस बात को दर्शाता है कि भाजपा सरकार आसमान छूती महंगाई और बेरोजगारी पर अंकुश लगाने में नाकाम रही है।' रमेश के अनुसार, कांग्रेस महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ अपनी लड़ाई को आने वाले हफ्तों में और तेज करेगी।
कांग्रेस का रामलीला मैदान में महंगाई पर हल्ला बोल
साथ ही उन्होंने कहा कि 'कांग्रेस 17 अगस्त से 23 अगस्त के बीच देश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में मंडियों, खुदरा बाजारों और अन्य कई स्थानों पर 'महंगाई चौपाल' आयोजित करेगी। इसका समापन 28 अगस्त को रामलीला मैदान में 'महंगाई पर हल्ला बोल' रैली के साथ होगा। इस रैली को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संबोधित करेंगे। वहीं कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि रामलीला मैदान की रैली को पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी संबोधित करेंगे।
'महंगाई पर हल्ला बोल - चलो दिल्ली' कार्यक्रम का आयोजन
रमेश ने बताया कि इस रैली से इतर प्रदेश कांग्रेस कमेटियां राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर 'महंगाई पर हल्ला बोल - चलो दिल्ली' कार्यक्रम का आयोजन करेंगी। उन्होंने दावा किया कि 'भारत के लोग मोदी सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन का खामियाजा भुगत रहे हैं। दही, छाछ, पैक की गई खाद्य वस्तुएं जैसे आवश्यक सामानों पर अत्यधिक करों के कारण महंगाई बढ़ रही है, जबकि सार्वजनिक सम्पत्तियों को मित्र पूंजीपतियों को हस्तांतरित करने और सेना में भर्ती की दिशाहीन अग्निपथ योजना जैसे कदमों से रोजगार की स्थिति बद से बदतर हो रही है।'