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राजनीति

सपा और भाजपा के बीच कानपुर मेट्रो को लेकर क्रेडिट वार, BJP ने विरोधियों के दावे को बताया 'बकवास'

Janjwar Desk
28 Dec 2021 10:10 AM GMT
Akhilesh Yadav
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समाजवादी पार्टी ने अक्टूबर 2016 की एक तस्वीर भी अपने दावों के पक्ष में पेश की।

समाजवादी पार्टी ने अक्टूबर 2016 की एक तस्वीर भी अपने दावों के पक्ष में पेश की है। तस्वीर में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने तत्कालीन केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू और तत्कालीन कानपुर भाजपा सांसद मुरली मनोहर जोशी की उपस्थिति में परियोजना की आधारशिला रखी थी।

कानपुर। मंगलवार को प्रधानमंत्री द्वारा कानपुर मेट्रो ( Kanpur Metro ) का उद्घाटन होते ही विकास कार्यों को लेकर एक बार फिर यूपी में समाजवादी पार्टी ( Samajwadi Party ) और भारतीय जनता पार्टी ( Bhartiya Janta Party ) आमने सामने आ गए गए हैं। इस बार कानपुर मेट्रो को लेकर दोनों में क्रेडिट ( Credit War ) लेने की होड़ है। सपा द्वारा कानपुर मेट्रो परियोजना पर क्रेडिट लेने के दावों को भाजपा ने 'बकवास' करार दिया है। इससे पहले साल 2016 में भी समाजवादी पार्टी और भाजपा के बीच कानपुर मेट्रो को लेकर क्रेडिट वार देखने को मिला था।

मुरली मनोहर जोशी को दिया था मेट्रो का श्रेय

उस समय सपा के दावों के विपरीत भाजपा ने कानपुर में मेट्रो लाने का श्रेय तत्कालीन सांसद और ​वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी ( Murli Manohar Joshi ) को दिया था। दूसरी तरफ सपा ने दावा किया था कि हमारी सरकार मेट्रो ला रही है। दूसरी तरफ रिकॉर्ड बताते हैं कि जनवरी 2018 में योगी सरकार ( Yogi Government ) ने यूपी मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन बनाने के लिए लखनऊ मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन को पुनर्गठित किया था।

सपा ने तस्वीर पेश कर किया दावा

दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी के नेताओं का दावा है कि मेट्रो परियोजना की आधारशिला 2016 में अपने कार्यकाल के दौरान भाजपा नेताओं की उपस्थिति में रखी गई थी। समाजवादी पार्टी ने अक्टूबर 2016 की एक तस्वीर भी अपने दावों के पक्ष में पेश की है। तस्वीर में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ( Akhilesh Yadav ) ने तत्कालीन केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू और तत्कालीन कानपुर भाजपा सांसद मुरली मनोहर जोशी की उपस्थिति में परियोजना की आधारशिला रखी थी।

इसके उलट भाजपा का कहना है कि अखिलेश यादव को हर परियोजना पर दावा करने की आदत हो गई है। कानपुर मेट्रो परियोजना का निर्माण कार्य 15 नवंबर, 2019 को सीएम योगी आदित्यनाथ ( CM Yogi Adityanath ) के कार्यकाल में शुरू हुआ था और 9 किलोमीटर लंबी परियोजना का पहला चरण रिकॉर्ड कार्यकाल में पूरा हुआ।

भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि कानपुर मेट्रो देश में सबसे तेजी से बनने वाली मेट्रो परियोजना है। भाजपा ने कहा कि काम शुरू होने के बाद से इस परियोजना के उद्घाटन में सिर्फ 25 महीने लगे।

2019 में पहली बार मेट्रो के लिए जारी किए गए थे 100 करोड़

रिकॉर्ड बताते हैं कि जनवरी 2018 में योगी सरकार ने कानपुर, आगरा और गोरखपुर सहित उत्तर प्रदेश में विभिन्न मेट्रो परियोजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए यूपी मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ( UPMRC ) बनाने के लिए लखनऊ मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन का पुनर्गठन किया था। कानपुर मेट्रो परियोजना को शुरू करने के लिए सबसे पहले 3 सितंबर 2019 को योगी सरकार द्वारा 100 करोड़ रुपये जारी किए गए थे। दिसंबर 2024 तक कानपुर में 32.5 किमी लंबे दो कॉरिडोर को पूरा करने का लक्ष्य है। मेट्रो परियोजनाएं केंद्र और राज्य सरकार के बीच एक साझेदारी हैं।

बता दें कि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा, कुशीनगर हवाईअड्डा और गोरखपुर के एम्स जैसी उत्तर प्रदेश में हाल ही में प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की जा रही विभिन्न परियोजनाओं को लेकर भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच क्रेडिट को लेकर आमना-सामना हुआ है। पीएम ने सपा पर पलटवार करते हुए कहा कि पार्टी केवल रिबन काटने में विश्वास करती है जबकि उनकी सरकार जमीन पर परियोजनाओं को क्रियान्वित करने में विश्वास करती है।

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