हिंदू IT सेल ने करवायी पत्रकार राणा अयूब पर FIR, बाढ़ पीड़ितों के लिए चंदा जुटाने के नाम पर धोखाधड़ी का आरोप
पत्रकार राणा अयूब पर लगा फंड रेजिंग के नाम पर धोखाधड़ी का आरोप, हिंदू आईटी सेल ने दर्ज करवाई FIR
जनज्वार ब्यूरो। चर्चित पत्रकार राणा अयूब (Rana Ayyub) एक बार फिर चर्चा में हैं, चर्चा का कारण है उन पर लगा धोखाधड़ी का आरोप। उनके खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि उन्होंने बाढ़ पीड़ितों के नाम पर चंदा जुटाने के मामले में धोखाधड़ी की है।
यह एफआईआर गाजियाबाद पुलिस द्वारा दर्ज की गयी है। पत्रकार राणा अयूब के खिलाफ धोखाधड़ी और गबन के अलावा IT act के तहत भी मुकदमा दर्ज किया गया है। उन पर आरोप लगा है कि उन्होंने कोरोना के रोगियों और कुछ पूर्वी राज्यों में बाढ़ पीड़ितों के लिए चंदा जुटाने के नाम पर धोखाधड़ी की है।
गाजियाबाद पुलिस (ghaziabad Police) द्वारा पत्रकार राणा अयूब के खिलाफ जो FIR दर्ज की गयी है, उसमें कंप्यूटर संसाधनों का इस्तेमाल कर आपराधिक विश्वासघात और धोखाधड़ी के आरोप लगाये गये हैं। राणा के खिलाफ एफआईआर 7 सितंबर को दर्ज की गई थी।
गौरतलब है कि राणा अयूब पर यह एफआईआर गैर सरकारी संगठन हिंदू आईटी सेल के संस्थापक विनोद पांडे की शिकायत पर दर्ज की गयी है।
Alleged journalist @RanaAyyub in greed of personal luxury has diverted money for herself in the name of COVID relief fund
— Ramesh Solanki🇮🇳 (@Rajput_Ramesh) September 8, 2021
As concerned citizen @MODIfiedVikas Founder @HinduITCell along with team have filed FIR against her to bring the truth out in the public domain #JaiSriRam pic.twitter.com/WyRIzyfTI1
इस मामले में पुलिस अधीक्षक ज्ञानेंद्र सिंह का कहना है कि वह इस मामले की जांच कर रहे हैं। जांच और सबूत मिलने के बाद ही पुलिस राणा अयूब के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर कोई एक्शन लेगी।
इससे पहले पत्रकार राणा अयूब का नाम बुलंदशहर के 72 वर्षीय मुस्लिम व्यक्ति के लिंचिंग के एक वीडियो को लेकर सामने आया था। उन पर आरोप लगा था कि उन्होंने मुस्लिम व्यक्ति का फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया था। इस वीडियो में व्यक्ति ने चार लोगों पर मारने-पीटने, दाढ़ी काटने और अपहरण करके जय श्रीराम नारा बोलने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया था।
FIR filed against #UrbanNaxal & #Terroristsupporter #RanaAyyub for misappropriation of funds illegally collected by her during #Covid.
— Ashoke Pandit (@ashokepandit) September 9, 2021
I am sure these donations must have been used to fund antinational forces in the country . #ArrestRanaAyyub pic.twitter.com/S4KqBOINPf
हालांकि इस मामले में गाजियाबाद पुलिस ने बाद में कहा था कि उसकी जांच में सामने आया है कि वीडियो में बुजुर्ग मुस्लिम व्यक्ति के लगाए गए आरोप झूठे हैं। उसने एक राजनीतिक कार्यकर्ता के इशारे पर ये आरोप लगाए थे।