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राजनीति

Himachal Pradesh News : हिमाचल प्रदेश में बीजेपी के लिए बड़ा झटका, नड्डा के करीबी नेता ने दिया पद से इस्तीफा

Janjwar Desk
23 Nov 2021 5:12 PM GMT
Himachal Pradesh News : हिमाचल प्रदेश में बीजेपी के लिए बड़ा झटका, नड्डा के करीबी नेता ने दिया पद से इस्तीफा
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कृपाल परमाल ने भाजपा के उपाध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा

Himachal Pradesh News : कृपाल परमार के इस्तीफे से बीजेपी पार्टी में संकट पैदा हो सकता है क्योंकि आशंका है कि कुछ और इस्तीफे आ सकते हैं।

Himachal Pradesh News : बीजेपी को उपचुनावों में मिली हार के बाद हिमाचल प्रदेश में महत्वपूर्ण कोर ग्रुप और राज्य कार्यकारिणी की बैठक से ठीक एक दिन पहले यानी के आज बड़ा झटका लगा है। हिमाचल भाजपा के उपाध्यक्ष और राज्यसभा के पूर्व सांसद कृपाल परमार ने मंगलवार 23 नवंबर को पार्टी नेतृत्व को तानाशाही करार देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।

कृपाल परमार राष्ट्रीय भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा (जे.पी. नड्डा) के करीबी माने जाने वालों में से एक है। बता दें कि कृपाल परमार को कांगड़ा के फतेहपुर से विधानसभा उपचुनाव के लिए टिकट से वंचित कर दिया गया था। उन्होंने पिछले महीने कहा था कि उनके जैसे पार्टी के वरिष्ठ नेता वर्तमान व्यवस्था में अपमानित महसूस कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने पार्टी के मंच पर इन मुद्दों को उठाने की कोशिश की लेकिन कुछ नहीं कहा गया क्योंकि लोग सुनने को तैयार नहीं थे।

इस्तीफे से संकट होगा हावी

हिमाचल प्रदेश में 24 और 25 नवंबर को होने वाली महत्वपूर्ण कोर ग्रुप और राज्य भाजपा कार्यकारिणी की बैठक से ठीक एक दिन पहले ही यह इस्तीफा भाजपा पार्टी को परेशान करने वाला बताया जा रहा है। मालूम हो कि भाजपा विधायक दल की बैठक 26 नवंबर को निर्धारित की गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कृपाल परमार के इस्तीफे से बीजेपी पार्टी में संकट पैदा हो सकता है क्योंकि आशंका है कि कुछ और इस्तीफे आ सकते हैं। बता दें कि कोर ग्रुप और राज्य कार्यकारिणी की बैठक को उपचुनाव की हार का विश्लेषण करने और सुधारात्मक उपाय करने के लिए बुलाया गया था ताकि पार्टी 2022 के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए पूरी तरह से तैयार हो सके।

इस्तीफे का कारण तानाशाही शैली

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भाजपा नेता कृपाल परमार का इस्तीफा पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के एक वर्ग के बीच बढ़ते असंतोष को और बढ़ा सकता है। जिन्हें लगता है कि पार्टी के फैसलों में उनकी कोई भूमिका नहीं है क्योंकि वरिष्ठ नेतृत्व बहुत निरंकुश तरीके से व्यवहार करता है। बता दें कि इससे पहले पूर्व मंत्री और ज्वालामुखी से मौजूदा विधायक रमेश धवाला ने भी वरिष्ठ नेताओं के कामकाज की तानाशाही शैली और उनके निर्वाचन क्षेत्र में हस्तक्षेप के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त की थी।

पार्टी से नहीं पद से दिया है इस्तीफा

कृपाल परार ने अपने पद से इस्तीफा देना के बाद कहा कि उन्होंने सिर्फ पार्टी के पद से इस्तीफा दिया है। पार्टी से नहीं। बता दें कि भाजपा को कांग्रेस के हाथों हार का सामना करना पड़ा क्योंकि वह मंडी लोकसभा सीट और साथ ही पिछले महीने हुए तीन विधानसभा उपचुनावों में हार गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जुब्बल-कोटखाई उपचुनाव में अपनी जमानत भी गंवा चुकीं नीलम सरेक ने उनसे सलाह किए बिना मंडल इकाई में पदाधिकारियों की नियुक्ति करने पर नाराजगी व्यक्त की है।

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