Inflation in India : अपराधबोध न महसूस करें, महंगाई पर भाजपा कार्यकर्ताओं से बोले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह
Inflation in India : अपराधबोध न महसूस करें, महंगाई पर भाजपा कार्यकर्ताओं से बोले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह
Inflation in India : देश में महंगाई आसमान को छू रही है। सरकार की ओर से पिछले दिनों जारी आंकड़ों के अनुसार थोक महंगाई दर में 15 फीसदी तक का इजाफा हुआ है। ऐसा साल 1998 के बाद पहली बार हुई है। खुदरा महंगाई दर पहले ही आठ साल के सबसे ऊंचे स्तर पर है। ऐसे में इसका खामियाजा देश की आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भाजपा कार्यकर्ताओं को सलाह दी है कि वे बढ़ती महंगाई पर अपराधबोध न महसूस करें।
राजनाथ सिंह ने पुणे में भाजपा कार्यकर्ताओं से मुखातिब होते हुए कहा कि रूस यूक्रेन युद्ध के चलते सफाई चैन ठप्प हो गई है। महंगाई कई देशों में बढ़ी है लेकिन हमें अपराधबोध महसूस नहीं होना चाहिए।
राजनाथ सिंह ने कहा कि महंगाई से अमेरिका जैसे अमीर देश भी प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि बढ़ती महंगाई के बारे में बहस जारी है..कोविड 19 महामारी के दौरान समूचा देश ठहर गया था। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अर्थव्यवस्था की हालत खराब नहीं होने दी और हमें इसकी सराहना करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि रूस यूक्रेन संकट के चलते वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला बाधित हो गई है और आयात-निर्यात प्रभावित हुआ है। इस स्थिति में यह स्पष्ट है कि इसका किसी भी देश पर प्रभाव पड़ेगा। आप यह जानकार हैरान होंगे कि अमेरिका जो सबसे धनी देश है, वहां मुद्रास्फीति पिछले चालीस वर्षों में अपने चरम पर है। हमें अपराधबोध नहीं महसूस करना चाहिए।
आरबीआई द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति की दर अप्रैल में 7.79 प्रतिशत थी, जबकि मुद्रास्फीति की थोक दर 15.2 प्रतिशत थी।
पिछले एक साल में एलजीपी, पेट्रोल-डीजल, सीएनजी से लेकर कुकिंग ऑयल, खाद्य पदार्थों के दाम बढ़े हैं। IANS-सी वोटर सर्वे के अनुसार, कीमतों में इजाफा प्रमुख समस्या है, इसके बाद बेरोजगारी और भ्रष्टाचार है। यह पूछे जाने पर कि आपके अनुसार सबसे महत्वपूर्ण समस्या क्या है, पुडुचेरी के 43 प्रतिशत लोगों ने मूल्य वृद्धि कहा, इसके बाद केरल (37 प्रतिशत), तमिलनाडु (35 प्रतिशत), असम (34 प्रतिशत) और पश्चिम बंगाल (25 प्रतिशत) का स्थान है। सर्वेक्षण के अनुसार, पिछले एक साल से आय या तो कम हो गई है या स्थिर बनी हुई है, फिर भी भारतीय परिवार बढ़ते खचरें के चक्र में फंसते दिख रहे हैं।