जम्मू-कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों को किया गया नजरबंद, गुपकार गठबंधन विधानसभा सीटों के खिलाफ करने वाला था विरोध-प्रदर्शन
जम्मू-कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों को किया गया नजरबंद
Jammu & Kashmir : जम्मू-कश्मीर में नए परिसीमन के तहत बनने वाले विधानसभा सीटों के खिलाफ शनिवार 1 जनवरी को गुपकार गठबंधन विरोध-प्रदर्शन करने वाला था लेकिन इस मार्च से पहले ही पुलिस ने इनके नेताओं को नजरबंद कर दिया है।
तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों को किया गया नजरबंद
बता दें कि परिसीमन आयोग के खिलाफ प्रस्तावित विरोध को रोकने के लिए जम्मू-कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों को नजरबंद कर दिया गया है। श्रीनगर में हाई सिक्योरिटी जोन, गुपकार रोड को सील कर दिया गया है। बता दें कि यहां फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला ठहरे हुए हैं| पुलिस ने इन नेताओं के घरों के बाहर ट्रक खड़ा कर दिए गए हैं। इनमें से किसी को भी वहां से अंदर जाने या बाहर निकलने नहीं दिया जा रहा है।
ट्वीट के जरिए दिखाई व्यवस्था
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने फोटो ट्वीट कर वहां का हाल दिखाया है| उन्होंने ट्वीट के जरिए दिखाया कि कैसे उनके घर, उनके पिता और बहनों के घर को बंद कर दिया गया है और गेट के बाहर सुरक्षा ट्रक तैनात कर दिए गए हैं। साथ ही उन्होंने लिखा कि 'पुलिस ने मेरे पिता के घर को मेरी बहन के घर से जोड़ने वाले आंतरिक द्वार को भी बंद कर दिया है। फिर भी हमारे नेताओं के पास दुनिया को यह बताने की हिम्मत है कि भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है।'
परिसीमन के खिलाफ नारेबाजी
जनसत्ता में छपी खबर के अनुसार कुछ जगहों पर नेशनल कांफ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के समर्थकों ने विशेष दर्जे की बहाली की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन भी किया है। पूर्व विधायकों सहित पार्टी समर्थकों ने नेताओं की नजरबंदी और परिसीमन के खिलाफ नारेबाजी भी की है| साथ ही उन्होंने गुपकार रोड की ओर मार्च करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया।
विरोध प्रदर्शन क्यों हो रहा है
बता दें कि फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व वाले गुपकार गठबंधन ने परिसीमन आयोग के उस प्रस्ताव पर विरोध करने की घोषणा की थी| इसके तहत जम्मू संभाग में छह नए विधानसभा सीटें बनाई जानी है जबकि कश्मीर घाटी में सिर्फ एक सीट का प्रस्ताव रखा गया है। जिसका विरोध गुपकार गठबंधन कर रहा है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार गुपकार गठबंधन इस प्रस्ताव को गलत करार देता रहा है| साथ ही उन्होंने आरोप लगते हुए कहा है कि प्रस्तावित सीट, एक व्यक्ति-एक वोट के वयस्क मताधिकार के खिलाफ है। उधर आयोग का कहना है कि सीटों के बंटवारे में आबादी के अलावा प्रशासनिक इकाइयों, क्षेत्र और सीमा से निकटता जैसे अन्य पहलुओं को भी ध्यान में रखा गया है।