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राजनीति

बाबरी मस्जिद विध्वंस केस के फैसले पर जोशी बोले जय सिया राम, आडवाणी ने फैसले को बताया ऐतिहासिक

Janjwar Desk
30 Sep 2020 8:33 AM GMT
बाबरी मस्जिद विध्वंस केस के फैसले पर जोशी बोले जय सिया राम, आडवाणी ने फैसले को बताया ऐतिहासिक
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राम मंदिर का निर्माण देश के महत्वपूर्ण आंदोलन के रूप में सामने आया था और इसका उद्देश्य देश की अस्मिता और मर्यादाओं को सामने रखने का था

6 दिसंबर 1992 के बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में लखनऊ की सीबीआई की विशेष अदालत ने सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया है। बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में बरी होने के बाद वरिष्ठ बीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी ने अदालत के फ़ैसले को ऐतिहासिक बताया।

उन्होंने पत्रकारों से कहा,"राम मंदिर का निर्माण देश के महत्वपूर्ण आंदोलन के रूप में सामने आया था और इसका उद्देश्य देश की अस्मिता और मर्यादाओं को सामने रखने का था। ये अब पूरा होने जा रहा।

"ये फ़ैसला इस बात को सिद्ध करता है कि छह दिसंबर की घटनाओं के लिए कोई षड्यंत्र नहीं था, वह अचानक हुआ है। हमारा स्वयं का राम मंदिर आंदोलन के उद्देश्य का जन जागरण और देश में जनमत बनाना था, एक वायुमंडल बनाना था, लोगों के सामने तथ्य रखना था। इस फैसले से सिद्ध हो गया है कि हमारा आंदोलन एक सामान्य जनतांत्रिक आंदोलन था,कोई षड्यंत्र नहीं था, हम खुश हैं, देश खुश है। अब भव्य मंदिर का निर्माण पर ध्यान देना चाहिए जय श्रीराम।"

बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में फ़ैसला आने के बाद लालकृष्ण आडवाणी ने कहा,"कोर्ट द्वारा लिया गया निर्णय ऐतिहासिक है, बहुत खुशी का दिन है। यह सिद्ध करता है कि अयोध्या में छह दिसंबर को जो हुआ वह अचानक हुआ है, कोई षड्यंत्र नहीं था।"

बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में फ़ैसला आने के बाद केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा"लखनऊ की विशेष अदालत द्वारा बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में श्री लाल कृष्ण आडवाणी, श्री कल्याण सिंह,डा.मुरली मनोहर जोशी,उमाजी समेत 32 लोगों के किसी भी षड्यंत्र में शामिल न होने के निर्णय का मैं स्वागत करता हूँ। इस निर्णय से यह साबित हुआ है कि देर से ही सही मगर न्याय की जीत हुई है।


फैसले पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फ़ैसले पर प्रतिक्रिया करते हुए ट्वीट किया है "सत्यमेवजयते CBI की विशेष अदालत के निर्णय का स्वागत है, तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा राजनीतिक पूर्वाग्रह से ग्रसित हो पूज्यसंतों, नेताओं, विहिप पदाधिकारियों, समाजसेवियों को झूठे मुकदमों में फँसाकर बदनाम किया गया, इस षड्यंत्र के लिए इन्हें जनता से माफी मांगनी चाहिए"


एआईएमआईएम के अध्यक्ष और सांसद असदउद्दीन ओवैसी ने फ़ैसले पर एक शेर ट्वीट किया है "वही कातिल, वही मुंसिफ़ अदालत उस की. वो शाहिद बहुत से फैसलों में, अब तरफ़दारी भी होती है"


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