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Political News : भगत सिंह के जन्मदिन 28 सितंबर पर कन्हैया कुमार और जिग्नेश कर सकते हैं कांग्रेस ज्वाइन ?

Janjwar Desk
19 Sep 2021 7:42 AM GMT
Political News : भगत सिंह के जन्मदिन 28 सितंबर पर कन्हैया कुमार और जिग्नेश कर सकते हैं कांग्रेस ज्वाइन ?
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कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवाणी 28 सितंबर को शहीद भगत सिंह की जयंती पर कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं

कांग्रेस के कई नेताओं का यह भी मानना है कि कन्हैया कुमार का विवादास्पद अतीत पार्टी के लिए कुछ नुकसानदायक हो सकता है, पिछले साल दिसंबर में पार्टी के पटना कार्यालय में हंगामे के लिए भाकपा में भी, उन्हें इस साल की शुरुआत में एक अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ा था....

जनज्वार ब्यूरो। Political News : भाकपा नेता और जेएनयू (JNU) छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से मुलाकात की। जाहिर तौर पर इस मुलाकात को कुमार के कांग्रेस में आने के लिए जमीन तैयार करने की रूप में देखा जा रहा है। इंडियन एक्सप्रेस (Indian express) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने कहा कि गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी (Jignesh Mewani) भी कांग्रेस नेतृत्व के संपर्क में हैं। कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनाव में उत्तरी गुजरात (Gujrat) के बनासकांठा जिले की वडगाम (Vadgam) सीट से उम्मीदवार न उतारकर जिग्नेश मेवाणी की मदद की थी।

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, उनके करीबी सूत्रों ने बताया कि कन्हैया कुमार भाकपा में घुटन महसूस कर रहे थे। उन्होंने 14 सितंबर को राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से मुलाकात की और समझा जाता है कि दोनों ने कांग्रेस में उनके शामिल होने पर चर्चा की।

मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक कांग्रेस से जुड़े विश्वस्त सूत्रों ने भी शनिवार 18 सितंबर को यह जानकारी है कि अगर पंजाब प्रदेश कांग्रेस (Congress) में चल रही उथल-पुथल अगले कुछ दिनों में पूरी तरह खत्म हो गई तो कन्हैया कुमार और जिग्नेश 28 सितंबर को शहीद भगत सिंह (Shaheed Bhagat Singh) की जयंती पर कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं।

कन्हैया के संभावित पार्टी छोड़ने के बारे में पूछे जाने पर भाकपा महासचिव डी. राजा ने कहा कि उन्होंने इस बारे में केवल अटकलें सुनी हैं। बकौल डी राजा, "मैं इतना ही कह सकता हूं कि वह इस महीने की शुरुआत में हमारी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मौजूद थे। उन्होंने बात की और विचार-विमर्श में भाग लिया।"

वहीं कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) बिहार की राजनीति में अहम भूमिका निभाना चाहते हैं। कांग्रेस पिछले तीन दशकों से बिहार में राजनीतिक वनवास में है। पिछले साल के विधानसभा चुनावों में भी सहयोगी दलों राजद और माकपा की तुलना में इसने खराब प्रदर्शन किया। कांग्रेस 70 में से केवल 19 सीटों पर ही जीत सकी थी। राजद ने जिन 144 सीटों पर चुनाव लड़ा, उनमें से आधे से ज्यादा पर जीत हासिल की, जबकि माकपा ने 19 में से 12 सीटों पर जीत हासिल की, जहां उसने उम्मीदवार उतारे।

कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवानी के कांग्रेस में जुड़ने से युवाओं का रूझान पार्टी की ओर बढ़ेगा, क्योंकि पिछले दो सालों में कई युवा नेताओं ने पार्टी का साथ छोड़ दिया। ज्योतिरादित्य सिंधिया, सुष्मिता देव, जितिन प्रसाद और प्रियंका चतुर्वेदी जैसे कई नाम शामिल हैं, जिन्होंने पिछले वर्षों में कांगेस का दामन छोड़ा है।

हालांकि कांग्रेस के कई नेताओं का यह भी मानना है कि कन्हैया कुमार का विवादास्पद अतीत पार्टी के लिए कुछ नुकसानदायक हो सकता है। पिछले साल दिसंबर में पार्टी के पटना कार्यालय में हंगामे के लिए भाकपा में भी, उन्हें इस साल की शुरुआत में एक अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ा था।

अपने वक्तत्व कौशल के लिए जाने जाने वाले कुमार अगर कांग्रेस में शामिल होते हैं, तो पार्टी उन्हें उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र में प्रचार के लिए भी इस्तेमाल कर सकती है। सपा और बसपा (BSP) ने ये साफ कर दिया है कि वे आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के साथ हाथ नहीं मिलाएंगी, पार्टी अपने दम पर चुनाव लड़ेगी।

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