ममता बनर्जी ने प्रेस कांफ्रेंस कर पीएम मोदी को दी खुली चुनौती, कहा मुझे डराने की कोशिश बेकार जाएगी
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जनज्वार डेस्क। केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार में टकराव के बीच पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलप्पन बंदोपाध्याय ने पद और सिविल सेवा से इस्तीफा दे दिया है और वे 'टीम ममता' से जुड़ गए हैं। केंद्र सरकार द्वारा 31 मई तक दिल्ली आने के फरमान के बीच यह फैसला लिया गया। ममता बनर्जी ने बंदोपाध्याय को तीन साल के लिए अपना मुख्य सलाहकार नियुक्त किया है। वहीं एचके द्विवेदी अब बंगाल के नए मुख्य सचिव नियुक्त किए गए हैं।
ममता बनर्जी ने कहा कि मुख्य सचिव को तीन महीने का एक्सटेंशन देने की अनुमति के लिए 10 मई पत्र को पत्र लिखा था। कोविड की स्थिति को देखते हुए अलप्पन बंदोपाध्याय को तीन महीने के विस्तार की अनुमति देने की अपील की गई थी।
मुख्यमंत्री बनर्जी ने आगे कहा कि कलाईकुंडा में पीएम ने कभी नहीं कहा कि मेरे साथ हवाई समीक्षा के लिए आओ। पीएम कलाईकुंडा पहुंचे ताकि वो दिल्ली के लिए रवाना हो सकें। उसके बाद क्या हुआ आप सभी जानते हैं। ममता ने कहा कि केंद्र हिटलर और स्टालिन की तरह बर्ताव कर रहा है।
बनर्जी ने कहा कि यह केंद्र सरकार का ब्लंडर है। वो हमारी सरकार को पूरी तरह से गिराना चाहते हैं। वो केवल राजनीतिक प्रतिशोध का खेल खेलना चाहते हैं। जो कि असंवैधानिक और अवैध है। यह प्रधानमंत्री और गृहमंत्री देश के लिए वास्तव में खतरनाक हैं। वह न केवल इस का फेडरल स्ट्रक्चर खत्म कर रहे हैं बल्कि ब्यूरोक्रेट्स का मोराल भी गिरा रहे हैं।
बनर्जी आगे पूछा कि मिस्टर मोदी देश को क्या संदेश देना चाहते हैं। वो संघीय संरचना के आपदा खड़ी करना चाहते हैं? वो ब्यूरोक्रेसी को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं? केंद्र सरकार की जब मर्जी आए तब क्या वह हमारे मुख्य सचिव को बुला लेंगे? क्या वो बंधुवा मजदूर हैं? केंद्र सरकार बंगाल कैडर के ब्यूरोक्रेट्स का सम्मान करे। वह केंद्र सरकार में भी काम करते हैं।
उन्होंने आगे कहा- अगर इस तरह विवादों का सामना होगा तो देश का भविष्य क्या होगा, मिस्टर प्राइम मिनिस्टर, मिस्टर बिजी प्राइम मिनिस्टर, मिस्टर मन की बात प्राइम मिनिस्टर। जब तक लोगों का मेरे साथ समर्थन है आप कुछ नहीं कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि मैं सभी राज्य सरकारों, विपक्षी राज्य सरकारों, सभी ब्यूरोक्रेट्स, देश के सभी वरिष्ठ राजनेता, सभी एनजीओ, सभी बुद्धिजीवी, सभी राजनीतिज्ञों से अपील करती हूं कि एक साथ आइए और लड़ाई लड़िए। यह केवल बंधोपाध्याय की लड़ाई नहीं है। यह सभी ब्यूरोक्रेट्स की लड़ाई है।
बनर्जी ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि मुझे डराने की कोशिश बेकार जाएगी। बता दें कि केंद्र सरकार के कार्मिक मंत्रालय ने शुक्रवार को बंगाल के चीफ सेक्रेटरी अलपन बंदोपाध्याय को दिल्ली तलब किया था, अलपन को सोमवार सुबह 10 बजे दिल्ली बुलाया गया था। लेकिन वो सोमवार को नहीं पहुंचे और बंगाल में ही अपने काम में जुटे रहे।
अब केंद्र सरकार अलपन बंदोपाध्याय के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकती है क्योंकि नियमों के मुताबिक, अगर अफसर को लेकर केंद्र और राज्य के बीच में कोई विवाद होता है तो केंद्र का फैसला ही माना जाता है।