Mayawati News : TV डिबेट में शामिल नहीं होंगे BSP के प्रवक्ता, मायावती ने मीडिया पर लगाया जातिवादी रवैये का आरोप
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Mayawati News : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) में मायावती (Mayawati) की पार्टी बीएसपी (BSP) का सूपड़ा साफ हो गया है| यूपी चुनाव में मिली करारी हार के बाद मायावती (Mayawati) ने अब बड़े फैसले लेने शुरू किए हैं| बता दें कि आज शनिवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर ऐलान किया है कि बहुजन समाज पार्टी के सभी प्रवक्ता अब किसी भी टीवी डिबेट में शामिल नहीं होंगे| इसके साथ ही मायावती ने मीडिया पर जातिवादी रवैये का आरोप लगाया है|
मायावती ने ट्वीट कर मीडिया पर लगाए ये आरोप
बता दें कि यूपी चुनाव में जबरदस्त शिकस्त के बाद आज सुबह बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर लिखा है कि 'यूपी विधानसभा आमचुनाव के दौरान मीडिया द्वारा अपने आकाओं के दिशा-निर्देशन में जो जातिवादी द्वेषपूर्ण व घृणित रवैया अपनाकर अम्बेडकरवादी बीएसपी मूवमेन्ट को नुकसान पहुंचाने का काम किया गया है वह किसी से भी छिपा नहीं है। इस हालत में पार्टी प्रवक्ताओं को भी नई जिम्मेदारी दी जाएगी।
1. यूपी विधानसभा आमचुनाव के दौरान मीडिया द्वारा अपने आक़ाओं के दिशा-निर्देशन में जो जातिवादी द्वेषपूर्ण व घृणित रवैया अपनाकर अम्बेडकरवादी बीएसपी मूवमेन्ट को नुकसान पहुंचाने का काम किया गया है वह किसी से भी छिपा नहीं है। इस हालत में पार्टी प्रवक्ताओं को भी नई जिम्मेदारी दी जाएगी।
— Mayawati (@Mayawati) March 12, 2022
बसपा प्रवक्ता को डिबेट शो में शामिल न होने का दिया आदेश
बता दें कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने अगले ट्वीट में लिखा है कि 'इसलिए पार्टी के सभी प्रवक्ता श्री सुधीन्द्र भदौरिया, श्री धर्मवीर चौधरी, डा. एम एच खान, श्री फैजान खान व श्रीमती सीमा कुशवाहा अब टीवी डिबेट आदि कार्यक्रमों में शामिल नहीं होंगे।'
2. इसलिए पार्टी के सभी प्रवक्ता श्री सुधीन्द्र भदौरिया, श्री धर्मवीर चौधरी, डा. एम एच खान, श्री फैजान खान व श्रीमती सीमा कुशवाहा अब टीवी डिबेट आदि कार्यक्रमों में शामिल नहीं होंगे।
— Mayawati (@Mayawati) March 12, 2022
चुनाव नतीजों के बाद मायावती ने दी थी ये प्रतिक्रिया
बता दें कि इससे पहले चुनाव के नतीजे आने के बाद मायावती ने कहा था कि यूपी में चुनाव परिणाम बसपा की उम्मीदों के विपरीत है| हमें इससे निराश नहीं होना चाहिए| इसके बजाय, हमें इससे सीखना चाहिए, आत्मनिरीक्षण करना चाहिए और अपने पार्टी आंदोलन को आगे बढ़ाना चाहिए और सत्ता में वापस आना चाहिए| 2017 से पहले, उत्तर प्रदेश में बीजेपी की अच्छी हिस्सेदारी नहीं थी| इसी तरह, आज कांग्रेस भी बीजेपी के समान दौर से गुजर रही है| यूपी चुनाव परिणाम हमारे लिए प्रयास जारी रखने के लिए एक सबक है' इसके साथ ही मायावती ने सपा पर आरोप लगाया था कि बसपा के खिलाफ नकारात्मक अभियान ने जनता को गुमराह किया गया है|