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राजनीति

Najeeb Ahmed missing Case : JNU के लापता छात्र नजीब अहमद को नहीं ढूंढ़ पाई सीबीआई, मां ने की देश से मार्मिक अपील

Janjwar Desk
1 July 2025 6:47 PM IST
Najeeb Ahmed missing Case : JNU के लापता छात्र नजीब अहमद को नहीं ढूंढ़ पाई सीबीआई, मां ने की देश से मार्मिक अपील
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नजीब की मां कहती हैं, मेरे नजीब को गायब हुए 9 साल से भी ज़्यादा हो गए हैं, आज तक न दिल्ली पुलिस, न CBI, उन ABVP से जुड़े छात्रों को गिरफ़्तार कर पाई, न ही कोई कार्रवाई कर सकी, जिन गुंडों ने मेरे बेटे के साथ मारपीट की और उस के बाद उसे गायब कर दिया...

Najeeb Ahmed missing Case : दिल्ली के जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय में एमएससी बायो​टेक प्रथम वर्ष के छात्र रहे नजीब अहमद को गायब हुए 9 साल से ज्यादा हो गए हैं और अब सीबीआई ने इस पूरे मामले में क्लोजर रिपोर्ट लगा दी है। यानी भारत की सबसे भरोसेमंद और विश्वसनीय जांच एजेंसी सीबीआई जेएनयू विश्वविद्यालय के हॉस्टल से ही 15 अक्टूबर 2016 को गायब हुए नजीब अहमद को अब नहीं ढूंढ़ेगी।

इस मामले में नजीब के लिए अनवरत संघर्ष करने वाली उनकी मां फातिमा नफीस ने एक पोस्ट लिखकर देश को अपनी पीड़ा बयान की है।

नजीब की मां लिखती हैं...मेरे नजीब को गायब हुए 9 साल से भी ज़्यादा हो गए हैं, लेकिन जिस लापरवाही के साथ पहले दिन से दिल्ली पुलिस और CBI ने काम किया, उसका ही नतीजा है कि आज कोर्ट ने CBI की क्लोज़र रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया।

आज तक न दिल्ली पुलिस, न CBI, उन ABVP से जुड़े छात्रों को गिरफ़्तार कर पाई, न ही कोई कार्रवाई कर सकी,जिन गुंडों ने मेरे बेटे के साथ मारपीट की और उस के बाद उसे गायब कर दिया।

सालों तक मेरे बेटे के बारे में अफ़वाहें फैलाई गईं, झूठ फैलाया गया। जोकि दिल्ली की उच्च अदालत के आदेश के बाद सभी डिजिटल प्लेटफार्म और सोशल मिडिया प्लेटफार्म से हटाया गया लेकिन सच यही है — इतनी बड़ी जांच एजेंसियां और पूरी न्याय व्यवस्था आज तक यह नहीं बता सकी कि मेरा नजीब कहाँ है।

इस पूरे वक्त में, जब सिस्टम ने हमें चुप कराने की कोशिश की, तब JNU के छात्रों और देशभर के छात्रों ने अलग अलग कॉलेज और यूनिवर्सिटीज़ जैसे AMU, JAMIA से मेरा साथ दिया। उन्हीं बच्चों ने सड़कों पर लाठियां खाईं, हमारे लिए आवाज़ उठाई - यही साथ और यही लड़ाई मुझे हौसला देती है।

कई बार लगता है कि कैसे उम्मीद छोड़ दूँ? कैसे ये हौसला टूटने दूँ? आख़िर वो मेरा बेटा है। मुझे मेरा बेटा चाहिए। अगर इसके लिए मुझे देश की हर अदालत तक जाना पड़े - मैं जाऊंगी। आख़िरी सांस तक लड़ूंगी।

मैं उम्मीद करती हूँ कि आने वाले दिनों में और लोग भी मेरे साथ जुड़ेंगे। ये लड़ाई सिर्फ मेरे बेटे की नहीं, हर उस माँ की है जो अपने बच्चे के लिए न्याय चाहती है। इसके लिए मुझे देश की सर्वोच्च अदालत जाना पड़ा तो वहा भी जाऊंगी।"

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