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राजनीति

National Herald Case में राहुल गांधी से पूछताछ से पहले कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने की नारेबाजी, पुलिस ने हिरासत में लिया

Janjwar Desk
13 Jun 2022 9:49 AM IST
National Herald Case में राहुल गांधी से पूछताछ से पहले कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने की नारेबाजी, पुलिस ने हिरासत में लिया
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National Herald Case में राहुल गांधी से पूछताछ से पहले कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने की नारेबाजी, पुलिस ने हिरासत में लिया

National Herald Case : कांग्रेस के दो मुख्यमंत्रियों- राजस्थान के अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के भूपेश बघेल, पार्टी नेता राहुल गांधी को समन मिलने के बाद आज प्रवर्तन निदेशालय के खिलाफ पार्टी के प्रदर्शन में शामिल होंगे....

National Herald Case : नेशनल हेराल्ड मामले (National Herald Case) में समन मिलने के बाद कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) आज प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समक्ष पेश होंगे। इससे पहले राहुल गांधी के समर्थन में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की। पुलिस ने कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया है। कांग्रेस कार्यकर्ता राहुल गांधी जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे।

कांग्रेस के दो मुख्यमंत्रियों- राजस्थान के अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के भूपेश बघेल, पार्टी नेता राहुल गांधी को समन मिलने के बाद आज प्रवर्तन निदेशालय (ED) के खिलाफ पार्टी के प्रदर्शन में शामिल होंगे। दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले बघेल ने कहा कि एआईसीसी से हम सभी राहुल के साथ जाएंगे..सरकार ईडी, सीबीआई और आईटी विभाग का दुरुपयोग कर रही है।

इससे पहले रविवार को कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने राहुल गांधी को नोटिस दिए जाने को लेकर कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले राहुल गांधी को भेजा गया प्रवर्तन निदेशालय का समन निराधार है और ऐसा प्रतीत होता है कि जांच एजेंसी का अधिकार क्षे्र भाजपा नेताओं या पार्टी के द्वारा शासित राज्यों तक नहीं है। पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में मनी और मनी लॉन्ड्रिंग होना चाहिए। नेशनल हेराल्ड मामले में कर्ज को हिस्सेदारी में बदला गया है और उधार देने वाले बैंक नियमित आधार पर ऐसा करते हैं। इस मामले में पैसे का कोई लेन-देन नहीं हुआ। उन्होंने पूछा कि इसे मनी लॉन्ड्रिंग का मामला कैसे कहा जा सकता है।

क्या है नेशनल हेराल्ड मामला

देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने 1938 में नेशनल हेराल्ड अखबार (National Herald Newspaper) की स्थापना की थी। इस अखबार का मालिकाना हक एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) के पास था। आजादी के बाद 1956 में एजेएल को अव्यवसायिक कंपनी के रूप में स्थापित किया गया। साल 2008 में एजेएल के सभी पब्लिकेशन को बंद कर दिया गया। कंपनी पर नब्बे करोड़ रुपये का कर्ज हो गया।

कांग्रेस नेतृत्व ने 'यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड' नाम की एक नई अव्यवसायिक कंपनी बनाई। इस कंपनी में सोनिया गांधी और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) सहित मोतीलाल वोरा, सुमन दुबे, ऑस्कर फर्नांडिस और सैम पित्रोदा को डायरेक्टर बनाया गया। नई कंपनी में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास 76 फीसदी शेयर थे जबकि बाकी के पास 24 फीसदी और अन्य निदेशक के पास थे। इसके बाद एजेएल की शेयर 'यंग इंडियन' को दे दिए गए। इसकी एवज में यंग इंडियन को कांग्रेस पार्टी का लोन चुकाना था। 9 करोड़ शेयर के साथ यंग इंडियन को इस कंपनी के 99 फीसदी शेयर मिल गए। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने 90 करोड़ का लोन माफ कर दिया। इस तरह यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड को मुफ्त में एजेएल का मालिकाना हक मिल गया।

ईडी ने नेशनल हेराल्ड फंड (National Herald Fund) में कथित रप से हेराफेरी करने के आरोप में गांधी परिवार सहित कई कांग्रेस नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने आरोप लगाया था कि कुछ कांग्रेसी नेताओं ने यंग इंडियन लिमिटेड के जरिए गलत तरीके से एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड का अधिग्रहण किया है। उनका आरोपी था कि यह सबकुछ दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित हेराल्ड हाउस की 2000 करोड़ रुपये की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया। साजिश के तहत यंग इंडियन लिमिटेड को एजेएल की संपत्ति का अधिकार दिया गया है।

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