PM मोदी की कश्मीर बैठक, 8 राजनीतिक दलों के 14 नेता होंगे शामिल, जानिए सर्वदलीय बैठक की खास बातें
कश्मीर पर होने वाली बैठक में घाटी का प्रतिनिधित्व करने वाले नेताओं से होगी पीएम मोदी की बातचीत
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर हमेशा से भारत का बहुत संवेदनशील राज्य रहा है। कश्मीर को लेकर अंतरराष्ट्रीय चर्चा भी होती रहती हैं, लेकिन आज 24 जून को सबकी नजर जम्मू-कश्मीर पर प्रधानमंत्री मोदी की होने वाली बैठक पर है। पीएम मोदी 24 जून को जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ दिल्ली में बैठक करेंगे। इस मीटिंग का एजेंडा तो फिलहाल तय नहीं है, लेकिन अगस्त, 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद पहली बार राज्य के मसले पर सर्वदलीय बैठक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में होने वाली है।
दोपहर 3 बजे होने वाली इस मीटिंग में आठ राजनीतिक दलों के 14 नेता शिरकत करेंगे। इनमें चार पूर्व मुख्यमंत्री भी होंगे। इधर बैठक को लेकर जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बढ़ा दी गयी है। आतंकी घटनाओं की आशंका के बीच राज्य में औऱ एलओसी के इलाके में 48 घंटे का हाई अलर्ट जारी किया गया है।
बैठक की गंभीरता इससे समझी जा सकती है कि मीटिंग से तीन घंटे पहले ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पीएम आवास पहुंच गये हैं, जहां मीटिंग होनी है। वहीं कांग्रेस के तीन नेताओं का भी सर्वदलीय बैठक से पहले मंथन जारी है।
सर्वदलीय मीटिंग में कौन-कौन होंगे शामिल
कश्मीर पर होनेवाली बैठक में घाटी का प्रतिनिधित्व करने वाले नेताओं से बातचीत होगी। इस मीटिंग में पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस भी शामिल हैं। पीएम के साथ बातचीत में नेशनल कॉन्फ्रेंस से फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला, कांग्रेस से गुलाम नबी आज़ाद, पीडीपी से महबूबा मुफ़्ती, बीजेपी से निर्मल सिंह, कविंद्र गुप्ता, पीपुल्स कांफ़्रेंस से मुजफ्फर बेग़ और सज्जाद लोन, सीपीआईएम के मोहम्मद युसूफ़ तारिगामी और जेके अपनी पार्टी के अल्ताफ बुख़ारी शामिल होंगे।
कश्मीर से लेकर दिल्ली तक इस बैठक ने हलचल बढ़ा दी है, लेकिन मीटिंग के एजेंडे को लेकर की खुलासा नहीं हुआ है। अनुमान लगाया जा रहा है कि आज की बैठक में परिसीमन को लेकर चर्चा होगी। अनुच्छेद 370 हटने के वक्त यहां पर कुछ विधानसभा सीटों को बढ़ाया भी गया था। तभी परिसीमन की बात आय़ी थी। इस बात के कयास इसलिए भी और लगाये जा रहे हैं, क्योंकि 23 जून को ही चुनाव आयोग ने परिसीमन के मामले पर जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों के साथ बैठक की थी।
इधर बैठक से पहले बीजेपी नेता विजय सोनकर शास्त्री ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा की 25 सीटें बढ़ सकती हैं।
ट्वीट कर उन्होंने कहा कि हमने कई बार परिसीमन का विषय इस आशय से उठाया कि अनुसूचित जातियों व जनजातीयों की लगभग 25 सीटें बढ़ेगी। इन बढ़ी हुई सीटों से जम्मू-कश्मीर का राजनीतिक डिस्कोर्स बदल जायेगा। मोदी जी आज हमलोग के सपनों को करेंगे पूरा।
मिलेगा पूर्ण राज्य का दर्जा?
जम्मू-कश्मीर फिलहाल केंद्रशासित राज्य है। ऐसे में कयास लग रहे हैं कि मीटिंग में पूर्ण राज्य का दर्जा देने को लेकर भी बात हो सकती है। प्रदेश से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित राज्य बनाया गया था। भाजपा और पीडीपी का गठबंधन टूटने के बाद 2018 से वहां राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है। हालांकि, भाजपा और पीडीपी का गठबंधन टूटने के बाद 2018 से वहां राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है। फिलहाल वहां उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के हाथ में शासन की बागडोर है। हालांकि, उस दौरान ही ये कहा गया था कि समय आने पर कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जायेगा। घाटी के कई नेताओं ने राज्य को पूर्ण दर्जा देने की मांग की है।
कश्मीर में चुनाव पर चर्चा?
सर्वदलीय बैठक के लिए एक औऱ अहम मुद्दा हो सकता है, जम्मू-कश्मीर में चुनाव। 2018 में बीजेपी-पीडीपी गठबंधन टूटने के बाद राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था। वहीं फिलहाल शासन की बागडोर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के हाथों में है। 370 हटाने के बाद राज्य में लोकतंत्र पूरी तरह से बहाल करने और हालात सामान्य करने के लिए विधानसभा चुनाव करना एक बड़ी कोशिश हो सकती है। हालांकि, इससे पहले उम्मीद की जा रही थी कि 2019 के लोकसभा चुनावों के साथ ही राज्य में विधानसभा चुनाव करवाए जाएंगे, लेकिन चुनाव आयोग ने प्रशासन द्वारा सुरक्षा को लेकर जताई गई चिंता के बाद इसे नकार दिया था। वहीं गृह मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक - कोविड महामारी के बाद कम आतंकवादी गतिविधियों के बीच राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करने का समय सही है।
पीएम आवास पर होने वाली इस बैठक में गुपकार ग्रुप जहां राज्य में फिर से अनुच्छेद 370 लगाने की मांग कर सकता है, वहीं जेके अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी ने कहा कि, हम प्रधानमंत्री की इस बैठक का स्वागत करते हैं। बातचीत होनी चाहिए। 370 हटाने से लोग जरूर नाराज हैं, इसलिए सरकार को इसका कोई समाधान तो कश्मीर की जनता को देना चाहिए। जम्मू कश्मीर में जल्द चुनाव हो।
इस मीटिंग में घाटी के नेताओं के साथ-साथ गृह मंत्री अमित शाह, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, एनएसए अजित डोभाल समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहेंगे।
मीटिंग में शामिल होने वाले पीडीपी नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि यह देर से आने, लेकिन दुरुस्त आने जैसा है। हम उम्मीद करेंगे कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री हम लोगों की बात को शांति से सुनें और कोई ऐसा हल निकालें, जिससे राज्य में अमन कायम हो। यही नहीं उन्होंने कहा कि पीएम मोदी संग मीटिंग के बाद हम मीडिया को इस बारे में जानकारी देंगे कि हमने क्या प्रस्ताव रखे और क्या बात हुई। फारूक अब्दुल्ला ने पीएम मोदी से मांगों को लेकर कहा, 'हम चाहते तो आसमान हैं, लेकिन फिलहाल उनसे बात करेंगे ताकि राज्य में अमन कायम हो सके।'
Will talk about restoration of Article 370, 35-A during all-party meeting on June 24: #Mehbooba Mufti @MehboobaMufti pic.twitter.com/ZThHA8Txiy
— 𝑲𝒂𝒔𝒉𝒎𝒊𝒓 𝗡𝗲𝘄𝘀 𝗦𝗲𝗿𝘃𝗶𝗰𝗲 (@KNSKashmir) June 22, 2021
हालांकि फारूक अब्दुल्ला ने महबूबा मुफ्ती के उस बयान से पल्ला झाड़ा है, जब गुपकार अलायंस की मीटिंग के बाद महबूबा ने कहा था कि कश्मीर के मसले पर केंद्र सरकार को पाकिस्तान से भी बात करनी चाहिए। महबूबा ने कहा था, 'यदि सरकार अफगानिस्तान में तालिबान से बात कर सकती है तो फिर कश्मीर के मसले पर पाकिस्तान से बात क्यों नहीं हो सकती।' उनके इस बयान को जम्मू में विरोध हो रहा है और आज 24 जून की सुबह ही डोगरा फ्रंट नाम के संगठन से जुड़े लोग सड़कों पर उतरे और महबूबा मुफ्ती को जेल भेजने की मांग की।