AAP को राष्ट्रीय पार्टी बनने में लगेंगे 15-20 साल, प्रशांत किशोर ने किस आधार कर दिया ऐसा दावा
आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी बनने में लगेंगे 15-20 साल, प्रशांत किशोर ने किस आधार कर दिया ऐसा दावा
Prashant Kishor : पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Election Result 2020) में आम आदमी पार्टी (AAP) ने राष्ट्रीय फलक पर छाने के लिए तैयारियां शुरू कर दी है। पार्टी के नेता 2024 लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) के लिए रणनीति बनाने में लगे हुए हैं लेकिन अगर चुनावी राणिनीतिकर प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) की माने तो आम आदमी पार्टी (AAP) को केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को टक्कर देने में कम से कम 15 से 20 साल तक का समय लगेगा।
प्रशांत किशोर ने किस आधार पर किया ये दावा
एक बेवसाइट के साथ बातचीत में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा है कि 2019 के लोगसभा चुनावों में आम आदम की पार्टी को 27 लाख वोट मिले, जबकि केंद्र की सत्ता पर काबिज होने के लिए किसी भी दल को 20 करोड़ या इससे ज्यादा वोट चाहिए। आम आदमी पार्टी को यह उपलब्धि हासिल करने में कम से कम 20 का समय और लग जाएगा। प्रशांत किशोर का कहना है कि एक-दो राज्यों में चुनाव जीतकर सत्ता में आना अलग बात है पर जहां तक पूरे भारत के स्तर पर राजनीतिक ताकत के रूप में उभरने की बात है तो यह केवल भाजपा और कांग्रेस ही कर पायी है। ऐसा करने में उन्हें लंबा समय लगा है। कांग्रेस तो देश की सबसे पुरानी पार्टी रही ही है भाजपा को भी इस मुकाम पर पहुंचने में 50 साल का समय लगा है। यह पार्टी 1978 से यह मुकाम हासिल करने के संघर्ष में लगी हुई थी।
प्रशांत किशोर की इस बात का तर्क यह है कि सिर्फ राष्ट्रीय पार्टी का तमगा हासिल कर लेने से काम खत्म नहीं हो जाता है। सीपीएम और बसपा भी राष्ट्रीय पार्टी की सूची में शामिल रही है पर वे कभी भी 5 से 6 प्रतिशत से अधिक का वोट प्रतिशत हासिल नहीं कर पाएं हैं। ऐसे में राष्ट्रीय राजनीति में काबिज होने के लिए यह काफी नहीं है। देश की राजनीति में एक चुनौती के तौर उभरने के लिए कम से 30 प्रतिशत वोट तो चाहिए ही। ऐसे में जब तक 20 करोड़ वोट पाने की कोई पार्टी अपनी हैसियत नहीं बनाती है वह देश की सत्ता में काबिज किसी दल को हराने की सोच भी सकता है। इसके लिए एक लंबे समय तक काम करना होगा। पंजाब के विधानसभा चुनाव में आप के क्लीन स्वीप करने को लेकर सवाल पूछे जाने पर प्रशांत किशोर ने यह बात बातें कही थी। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के समर्थक आज भी डटे हुए हैं। इसके साथ ही प्रशांत किशोर ने कहा कि किसी के लोकप्रिय होने का यह मतलब नहीं है कि वह चुनाव नहीं हार सकता है, जैसा कि बंगाल में हुआ है। इसके बाद उन्होंने अगला उदाहरण अखिलेश यादव का दिया। किशोर ने कहा कि अखिलेश यादव की सभाओं में खूब भीड़ आ रही थी और 30 फीसदी से ज्यादा वोट मिला, इसके बाद भी हार का सामना करना पड़ा।
2019 लोकसभा में मिले बीजेपी को बंपर वोट
बीजेपी को 2019 लोकसभा चुनाव के मुकाबले 2019 लोकसभा चुनाव में बड़े पैमाने पर लोगों का समर्थन मिला था। चुनाव आयोग के आकड़ों के अनुसार 2014 के आम चुनाव में बीजेपी को कुल 17.16 करोड़ वोट मिले थे लेकिन अगर 2019 आम चुनाव की बात करें तो बीजेपी के वोट प्रतिशत और ज्यादा बढ़ा। 2019 लोकसभा में 300 से ज्यादा सीट जीतने वाली बीजेपी को कुल 22.90 करोड़ वोट मिले थे। 2019 में बीजेपी को उत्तर प्रदेश में 4.28 करोड़, पश्चिम बंगाल में 2.30 करोड़, मध्य प्रदेश में 2.14 करोड़, राजस्थान में 1.90 करोड़, गुजरात में 1.80 करोड़ और महाराष्ट्र में 1.49 करोड़ वोट मिले।
वोट के मामले में कांग्रेस का है दूसरा स्थान
वहीं अगर पैन इंडिया में वोट प्रतिशत की बात करें तो कांग्रेस इस मामले में दूसरे नंबर पर है। कांग्रेस को 2019 के आम चुनाव में करीब 12 करोड़ वोट मिले थे। इस चुनावों में कांग्रेस का वोट प्रतिशत 2014 लोकसभा चुनाव 19.03 प्रतिशत की तुलना में बढ़कर 19.5 प्रतिशत पहुंच गया। कांग्रेस को 2019 चुनाव में एक करोड़ 25 लाख स ज्यादा वोट मिले थे।