Ram Rahim Z plus security: बलात्कारी राम रहीम को मिली जेड प्लस सुरक्षा, खट्टर सरकार पर उठे ये सवाल

Ram Rahim Z plus security: रेप और हत्या के आरोपी डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह Z प्लस सुरक्षा में में रहेंगे. राम रहीम की सुरक्षा के संबंध में ADG CID ने रोहतक रेंज के कमिश्नर को पत्र लिखा था. पत्र में उन्होंने बताया था कि गृह मंत्रालय से मिली सूचना के मुताबिक राम रहीम को खालिस्तान समर्थक आतंकवादियों से खतरा है. इसी को देखते हुए गुरमीत राम रहीम की सुरक्षा को बढ़ाने का फैसला लिया गया है. बताया जाता है कि इससे पहले भी उसको धमकियां मिलती रही हैं.
4 साल 4 महीने से जेल में बंद है डेरा प्रमुख
डेरामुखी गुरमीत राम रहीम 7 फरवरी से फरलो पर है. इस दौरान वह गुरुग्राम स्थित अपने डेरे में परिवार के साथ रह रहा है. दरअसल, 4 साल 4 महीने से जेल में बंद डेरा प्रमुख ने परिवार से मिलने के लिए 21 दिन की फरलो छुट्टी की मांग की थी. इसके बाद उन्हें फरलो दिया गया था. गुरमीत को फरलो दिए जाने के विरोध में हाईकोर्ट में 23 फरवरी को सुनवाई होनी है.
एक दिन में ही फरलो पर लग गई मुहर
राम रहीम की फरलो की मांग पर रोहतक कमिश्नर ने गुरुग्राम कलेक्टर से सुरक्षा और दूसरे मुद्दों पर उनका पक्ष मांगा गया था. इस बीच गुरुग्राम कलेक्टर ने मात्र एक दिन में ही एक जनवरी को राम रहीम को फरलो देने की सिफारिश वाला पत्र रोहतक प्रशासन को पत्र का जवाब भेज दिया था. गुरुग्राम कलेक्टर ने यह भी लिखा कि राम रहीम का परिवार यहीं पर रहता है, इस बात को सत्यापित कर लिया गया है. इस पत्र में साफ लिखा गया कि अगर राम रहीम फरलो के दौरान यहां आना चाहता है तो स्थानीय लोगों और पुलिस को उनसे कोई ऐतराज नहीं है. इसके साथ ही पत्र में लिखा गया है कि राम रहीम ने जेल में सजा के दौरान कोई भी अपराध नहीं किया है और वह हार्डकोर अपराधी की श्रेणी में नहीं आता है. लिहाजा, राम रहीम के लिए फरलो पर रिहाई की सिफारिश की जाती है.
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने किया विरोध
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) सहित कई राजनीतिक दल भी हरियाणा सरकार द्वारा गुरमीत राम रहीम को फरलो देने के फैसले का विरोध कर चुके हैं. हालांकि फरलो की इजाजत दिए जाने पर मुख्यमंत्री खट्टर ने सफाई में कहा था कि कोई कैदी जो अपनी कैद की सजा का तीन साल पूरा कर चुका हो, फरलो के लिए अर्जी दे सकता है. राज्य में भारतीय जनता पार्टी-जननायक जनता पार्टी सरकार का नेतृत्व कर रहे खट्टर ने कहा, इस बारे में अदालती फैसले हैं कि यदि कैदी तीन साल बाद फरलो चाहता है तो वह ले सकता है. उन्होंने कहा, यह उसका (कैदी का) अधिकार है और उसे यह मिलना चाहिए.
निर्दलीय उम्मीदवार ने उठाया था फरलो का मुद्दा
पंजाब के समाना विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार परमजीत सिंह सोहाली (56) ने याचिका दायर की थी. इसमें कहा गया था कि डेरा प्रमुख को फरलो ऐसे समय में दी गई, जब पंजाब विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. वहीं, डेरा पंजाब के कुछ इलाकों में प्रभाव का दावा कर करता रहा है. ऐसे में डेरा प्रमुख की रिहाई से प्रदेश के विधानसभा चुनाव पर गलत प्रभाव पड़ेगा. इसके साथ ही यह भी कहा गया था कि इतने घिनौने अपराध करने वाले दोषी को यह राहत नहीं मिलनी चाहिए थी. हालांकि, इस याचिका में मांग की गई है कि गुरमीत राम रहीम को फरलो देने के फैसले को रद्द किया जाए. इस फरलो के आदेश को गैरकानूनी व गैरजरूरी बताया गया है. ऐसे में उसे एक बार फिर सुनारिया जेल भेजे जाने की मांग की गई है.
20 साल की कैद की सजा काट रहा है राम रहीम
राम रहीम सिंह (54), सिरसा स्थित अपने आश्रम में दो महिला अनुयायियों से बलात्कार के मामले में 20 साल की कैद की सजा काट रहा है. सिरसा में ही डेरा का मुख्यालय है. उसे पंचकूला की एक विशेष सीबीआई अदालत ने अगस्त 2017 में मामले में दोषी करार दिया था. मीडिया सूत्रों के मुताबिक राम रहीम को गुरुग्राम में अपने परिवार से मिलने के लिए फरलो दिया गया है. उसने इसके लिए सुनरिया जेल अधीक्षक के पास अर्जी दी थी और बाद में गुरुग्राम में संबद्ध अधिकारियों से भी एक सिफारिश मांगी गई थी.











