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राजनीति

सुशांत मामले में शिवसेना ने बोला हमला, कहा मीडिया के एक वर्ग की मदद से BJP रच रही साजिश

Janjwar Desk
9 Aug 2020 1:05 PM GMT
सुशांत मामले में शिवसेना ने बोला हमला, कहा मीडिया के एक वर्ग की मदद से BJP रच रही साजिश
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संजय राउत ने कहा कि एक टीवी चैनल मुख्यमंत्री के खिलाफ अपमानजनक और धमकी भरी भाषा का उपयोग करता है, इसने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार सहित कई नेताओं और लोगों को व्यथित कर दिया है.....

मुंबई। शिवसेना सांसद संजय राउत ने रविवार को भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि वह राजनीतिक लाभ लेने के लिए राज्य के एक मंत्री को सुशांत सिंह राजपूत मामले से जोड़ रही है। पार्टी के समाचार पत्र 'सामना' में राउत ने दावा किया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार को बदनाम करने के लिए भाजपा मीडिया के एक वर्ग की मदद लेकर साजिश रच रही है।

राउत ने कहा, 'एक टीवी चैनल मुख्यमंत्री के खिलाफ अपमानजनक और धमकी भरी भाषा का उपयोग करता है। इसने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार सहित कई नेताओं और लोगों को व्यथित कर दिया है। मीडिया के एक हिस्से को विपक्षी पार्टी का समर्थन प्राप्त है और वह सरकार को अस्थिर करना चाहती है। पवार ने मुझसे पूछा है कि सरकार ने संवैधानिक पद संभालने वाले ठाकरे का अनादर करने वाले के खिलाफ क्या कार्रवाई शुरू की है।'

उन्होंने संदेह जताया कि पूरा मामला सुनियोजित था। विपक्ष ने इस मामले को पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे से केवल इसलिए जोड़ा, क्योंकि उनके कई बॉलीवुड सेलिब्रिटीज के साथ अच्छे संबंध हैं। उन्होंने इसे 'महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ साजिश' करार दिया।

बिहार पुलिस पर निशाना साधते हुए राउत ने कहा कि यह अनावश्यक रूप से इस मामले में कूदी है। अभिनेता ने जो कुछ हासिल किया वह मुंबई के कारण था। राउत ने कहा, 'सुशांत और उनके पिता कृष्ण किशोर सिंह के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध नहीं थे, क्योंकि वह पुनर्विवाह (पिता के) फैसले से परेशान थे। उन्हें बिहार पुलिस में एफआईआर दर्ज करने के लिए उकसाया गया था, जो मुंबई में एक घटना की जांच करने आई थी।'

बिहार के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडे की निंदा करते हुए शिवसेना नेता ने कहा कि वह टीवी डिबेट में हिस्सा लेकर, मुंबई पुलिस पर टिप्पणी करके सर्विस रूल्स तोड़ रहे हैं। राउत ने कहा कि हाई-प्रोफाइल मामले को देखते हुए मुंबई पुलिस को हर एक दिन के बाद मीडिया को बताना चाहिए था और स्पष्ट करना चाहिए था कि यदि किसी मंत्री या राजनेता का नाम आता है तो वह इसकी जांच करेगी।

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