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राजनीति

Twitter ट्रेंड है 'Modi रोजगार दो' PM साइकिल बलास्ट खोज लाए- लोग बोले ये सरकार नहीं कार्टून फिल्म चल रही

Janjwar Desk
21 Feb 2022 9:54 AM IST
upchunav2022
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(अस्पताल रोजगार की बजाए अहम पदों पर बैठे लोग कुर्सी के लिए नफरत फैला रहे)

जिस तरह हिंदू मुस्लिम करने के लिए जबरदस्ती कोई न कोई एंगल ढूंढ निकाला जाता है वैसे ही अबकी बार पीएम मोदी ने कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा, भानुमति ने कुनबा जोड़ा वाला काम किया है...

Modi Rojgar Do: ट्विटर (Twitter) पर मोदी रोजगार दो ट्रेंड कर रहा है और प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) साइकिल पर बम फटने की बात बता रहे हैं। देश के गृहमंत्री अमित शाह 12वीं के बाद इंटर में एडमिशन लेने की बात कहते हैं। देश के भीतर इतने अहम पदों पर बैठे लोगों ने बिल्कुल मजाक बनाकर रख दिया है अपने पदों का भी और देश का भी।

कुल मिलाकर देश के प्रधानमंत्री मोदी कल हरदोई (Hardoi) में यही बताना चाहते थे कि जनता साइकिल पर चढ़ना बंद कर दे। क्योंकि ये सपा का चुनाव चिन्ह है और बम धमाकों में साइकिल का इस्तेमाल किया गया था। जिस तरह हिंदू मुस्लिम करने के लिए जबरदस्ती कोई न कोई एंगल ढूंढ निकाला जाता है वैसे ही अबकी बार पीएम मोदी ने कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा, भानुमति ने कुनबा जोड़ा वाला काम किया है।

प्रधानमंत्री का बयान और ट्वीटर ट्रेंड

जबरदस्ती साइकिल को चुनाव में घुसाया गया। मतलब साइकिल इतनी बुरी है कि इसकी फैक्ट्री भारत में बंद हो जानी चाहिए। आवाम को कई बार पीएम के बयान पर हैरानी भी होती है और हंसी भी आती है। लोगों को कल से यह भी हैरानी हो रही कि पीएम उसी साइकिल पर क्यों चढ़ते हैं।

प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश विधानसभा के बचे चार चरणों के लिए साइकिल को महज इसलिए बदनाम किया क्योंकि वो समाजवादी पार्टी का चुनाव निशान है। अब समाजवादी पार्टी की भाजपा से मुख्य टक्कर है। वो तो भला हो बसपा टक्कर में नहीं है नहीं तो यही प्रधानमंत्री हाथी पर बम बांधकर ब्लास्ट करने की तरकीब समझा रहे होते।

मौजूदा केंद्र सरकार के लिए लोगों के कमेंट

और पीछे पीछे उनके अंधभक्त हाथी से हुए धमाकों की कड़ियाँ भी खोज निकालते। स्मृति ईरानी, संबित पात्रा सरीखों को टेसू बहाने का भी रोजगार बनता। उम्मीद है आज साइकिल कम्पनियां और साइकिल दुकानदार पीएम की आलोचना कर रहे हों कि उनने साइकिल को इस तरह बेहया बना दिया।

अब साइकिल पर किसी को रोजगार करते जाने पर शक की निगाहों से भी देखा जा सकता है। यही तो इस देश की नई विडंबना हो चली है, राजा साइकिल चला ले तो महान है, फिर भले ही वो साइकिल आतंकवादी ही क्यों न हो।

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