UP Election 2022 : मायावती बोलीं, बीजेपी और सपा हिन्दू-मुस्लिम करके यूपी का माहौल खराब करना चाहते हैं
लखनऊ। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yada) के जिन्न वाले बयान और उस पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) की तरफ से किये गये पलटवार को बसपा (BSP) सुप्रीमो ने दोनों दलों की मिलीभगत करार दिया है। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (Mayawati) ने बीजेपी (BJP) और सपा (SP) को आड़े हाथों लेते हुए अपने ट्वीट में लिखा कि, ''सपा मुखिया द्वारा जिन्ना को लेकर कल हरदोई (Hardoi) में दिया गया बयान व उसेे लपक कर भाजपा की प्रतिक्रिया यह इन दोनों पार्टियों की अन्दरुनी मिलीभगत व इनकी सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है ताकि यहां यूपी विधानसभा आमचुनाव में माहौल को किसी भी प्रकार से हिन्दू-मुस्लिम करके खराब किया जाए।
सपा (Samajwadi Party) व भाजपा (BJP) की राजनीति एक-दूसरे के पोषक व पूरक रही है। इन दोनों पार्टियों की सोच जातिवादी व साम्प्रदायिक होने के कारण इनका आस्तित्व एक-दूसरे पर आधारित रहा है। इसी कारण सपा जब सत्ता में होती है तो भाजपा (BJP) मजबूत होती है जबकि बीएसपी (BSP) जब सत्ता में रहती है तो भाजपा (BJP) कमजोर।''
बता दें कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने रविवार को हरदोई में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, सरदार पटेल, जवाहरलाल नेहरू और जिन्ना एक ही संस्था से पढ़कर निकले। बैरिस्टर बने और उन्होंने आजादी दिलाई। यह भी कहा कि आजादी के लिए हर तरह का संघर्ष किया।
अखिलेश यादव के बयान पर बीजेपी की ओर से प्रतिक्रिया आनी स्वाभाविक थी। उनके इस बयान को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने 'शर्मनाक' और 'तालिबानी मानसिकता' वाला बताया है। इसके साथ ही सीएम योगी ने अखिलेश से माफी मांगने की बात भी कही है। सीएम योगी ने कहा, 'समाजवादी पार्टी प्रमुख ने कल जिन्ना और सरदार पटेल की तुलना की. ये शर्मनाक है। ये तालिबानी मानसिकता है जो बांटने में विश्वास रखती है। सरदार पटेल ने देश को एक सूत्र में पिरोया था।' उन्होंने कहा कि अखिलेश को अपने इस बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए। यूपी सरकार के मंत्री मोहसिन रजा (Mohsin Raza) ने अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के इस बयान को उनकी 'राजनीतिक अपरिपक्वता' बताया है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव को अपने बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए।