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राजनीति

UP Election 2022 Result : सपा की हार के पीछे बड़ी वजह बनी संगठन की कमजोरी, सक्रिय नेताओं को मिल सकती है नई जिम्मेदारियां

Janjwar Desk
14 March 2022 5:46 PM IST
UP Election 2022 Result : सपा की हार के पीछे बड़ी वजह बनी संगठन की कमजोरी, सक्रिय नेताओं को मिल सकती है नई जिम्मेदारियां
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सपा की हार के पीछे बड़ी वजह बनी संगठन की कमजोरी

UP Election 2022 Result : सपा अब उन संगठनों को नए सिरे से सक्रिय करने की तैयारी कर रही है, जिन्होंने विधासभा चुनाव में सक्रिय भूमिका निभाई है...

UP Election 2022 Result : समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की हार के पीछे संगठन का कमजोर होना एक बड़ी वजह माना जा रहा है| सपा के तमाम बड़े नेताओं ने संगठन की कमजोरी को लेकर सवाल भी उठाए हैं| यही वजह है कि सपा अब उन संगठन को नए सिरे से सक्रिय करने की तैयारी कर रही है| उन नेताओं को चिन्हित किया जा रहा है, जिन्होंने विधासभा चुनाव में सक्रिय भूमिका निभाई है| ऐसे नेताओं को समाजवादी पार्टी नई जिम्मेदारियां सौंप सकती है|

समाजवादी पार्टी की नई रणनीति

बता दें कि उत्तर प्रदेश विधनसभा चुनाव में भले ही हार गई हो लेकिन अभी स्थानीय निकाय चुनाव होने हैं, जिसमें संगठन की अहम भूमिका हो सकती है| समाजवादी पार्टी की रणनीति है कि संगठन को सक्रिय करके स्थानीय निकाय के चुनाव में जोरदार उपस्थिति दर्ज कराई जाए| विधानसभा चुनाव में पार्टी का वोट बैंक बढ़ा है| 2017 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को 21.82 फीसदी वोट मिला था जो 2022 के विधानसभा चुनाव में 32 फीसदी पहुंच गया|

वोट बैंक बनाए रखने की जिम्मेदारी

इस चुनाव में विधायकों की संख्या भी पिछले चुनाव की तुलना में 47 से बढ़कर 111 हो गई है| समाजवादी पार्टी स्थानीय निकाय चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल करके अपना बढ़ा हुआ वोट बैंक बनाए रखने की कोशिश जारी रखेगी| सपा के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि अगर विधानसभा चुनाव में प्राप्त हुआ 32 फीसदी वोट बैंक बना रहा तो स्थानीय निकाय चुनाव में काफी फायदा मिलेगा| हालांकि इसके लिए संगठन का मजबूत और सक्रिय होना जरुरी है|

सपा के चुनावी रणनीतिकारों की समीक्षा

चुनाव में मिली हार के बाद सपा के चुनावी रणनीतिकारों का मानना है कि समाजवादी पार्टी का संगठन विधानसभा चुनाव में काफी देर से सक्रिय हुआ था| पार्टी ने अक्टूबर में प्रदेश कार्यकारिणी घोषित की| कार्यकारिणी जारी होने में नवंबर गुजर गया| जनवरी-फरवरी तक संगठन लगातार मनोनयन होते रहे| ऐसे में चुनावी जिम्मेदारियां तय करने में चूक हो गई| जब भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता गांव - गांव और शहर - शहर में चुनाव प्रचार कर रहा था तब समाजवादी पार्टी के संगठन से जुड़े तमाम नेता अपने टिकट और सिफारिशों के लिए प्रदेश मुख्यालय में डेरा डाले हुए थे| यही वजह रही कि तमाम नेता अपने विधानसभा क्षेत्र में जातीय गोलबंदी भी नहीं कर पाए|

ऐसे बनाया जाएगा पार्टी संगठन को मजबूत

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार संगठन को मजबूत करने के लिए उन नेताओं को चिन्हित किया जा रहा है, जिन्होंने इस बार चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन किया है| साथ ही चुनाव में नेताओं की सक्रियता का अंदाजा लगाने के लिए उनके बूथ पर मिले वोट की भी जानकारी ली जा रही है| जिन नेताओं को जिलों का प्रभार दिया गया था, वहां हासिल वोटो से भी नेता की मेहनत का आकलन कराया जा रहा है| मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 30 मार्च को विधानसभा की क्षेत्रवार समीक्षा के लिए एक बैठक आयोजित की जाएगी| सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh yadav) खुद सभी नेताओं को मिली जिम्मेदारी और उनके कामकाज की समीक्षा करेंगे|

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