शिवसेना ने तैयार की यूपी में BJP को हराने की रणनीति, 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी
शिवसेना सांसद संजय राउत किसान नेता राकेश टिकैत से मिले। भाजपा को हराने की रणनीति पर चर्चा की।
UP Election 2022 : महाराष्ट्र में पिछले कुछ वर्षों से शिवसेना और भाजपा के बीच सियासी तनातनी जारी है। महाराष्ट्र में भाजपा की दखलंजादी का आरोप शिवसेना लगाती रही है, लेकिन वो इस मामले में बहुत कुछ कर नहीं पाती। ऐसा इसलिए कि केंद्र में मोदी सरकार है। लेकिन उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपनों के विरोधी तेवर से परेशान भाजपा को शिवसेना ने और कमजोर करने का रास्ता ढूंढ लिया है। शिवसेना ने यूपी में भाजपा को कमजोर करने की रणनीति के तहत 50 से 100 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया है।
शिवसेना के सांसद संजय राउत इस योजना पर अमल करने के मकसद से भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत से मुजफ्फरनगर में मुलाकात की। मिले। मुलाकात को लेकर मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि हमारे बीच पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसानों के ज्वलंत मुद्दों पर प्रमुखता से चर्चा हुई। शिवसेना यूपी सहित देशभर के किसानों को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
अयोध्या और मथुरा सहित 100 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है शिवसेना
इतना ही नहीं संजय राउत ने ट्वीट कर बताया है कि मैंने उत्तर प्रदेश के किसानों की गंभीर समस्याओं और उनके समक्ष उत्पन्न मुद्दों तथा देश की राजनीतिक स्थिति पर विचार विमर्श किया। मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में संजय राउत ने कहा कि शिवसेना ने अयोध्या और मथुरा सहित उत्तर प्रदेश में 50 से 100 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारने की योजना बनाई है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी किसी भी गठबंधन का हिस्सा नहीं होगी।
राम मंदिर निर्माण का श्रेय नहीं ले सकती भाजपा
उन्होंने कहा कि शिवसेना ने राम जन्मभूमि आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और अनेक बलिदान दिए हैं। शिवसेना को उम्मीद है कि हिन्दुत्व और किसानों के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करके वह भाजपा को राज्य में चुनौती दे सकती है। राउत ने यह स्पष्ट किया कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर हुआ है और कोई भी राजनीतिक दल इसका श्रेय नहीं ले सकता।
किसान नेता राकेश टिकैत को लेकर उन्होंने कहा कि उनके प्रतिनिधि संसद में जाएं और किसानों के हक में आवाज बुलंद करें। शिवसेना इस काम में उनका साथ देगी। एक सवाल के जवाब में संजय राउत ने कहा कि राकेश टिकैत की ओर किसान आशा की नजर से देख रहा है।
बता दें कि केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों को भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत खुलकर विरोध किया था। अपने प्रयासों की वजह से वो किसान आंदोलन के अगुवा बनकर उभरे थे। सालभर से ज्यादा समय तक चले आंदोलन के बाद केंद्र सरकार ने यूपी सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले विवादित तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया था।