भाजपा विधायक कृष्णानंद राय के हत्यारे इनामी शूटर को लखनऊ एसटीएफ ने मुठभेड़ में किया ढेर
लाल घेरे में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय का हत्यारा 1 लाख का इनामी शूटर जिसे यूपी एसटीएफ ने मुठभेड़ में मार गिराया, बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी का रहा है बेहद करीबी
जनज्वार, लखनऊ। उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स एसटीएफ ने भाजपा नेता कृष्णानंद राय हत्याकांड के आरोपी और एक लाख रुपये के इनामी बदमाश हनुमान पांडे उर्फ राकेश पांडे को मुठभेड़ में मार गिराया है। राकेश पांडे बाहुबली डॉन और विधायक मुख्तार अंसारी और माफिया डॉन रहे मुन्ना बजरंगी का बेहद करीबी था।
पुलिस के मुताबिक राकेश पांडे और यूपी एसटीएफ की लखनऊ के सरोजनी नगर में मुठभेड़ हुई। राकेश पांडे मऊ के कोपागंज का रहने वाला था, वो अब तक कई सनसनीखेज वारदातों में शामिल रहा था।
राकेश पांडे एनकाउंटर के बाद एसटीएफ के एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि बनारस एसटीएफ और लखनऊ की टीम पांडे का पीछा कर रही थी, जिसके बाद सरोजिनी नगर में बदमाश की गाड़ी पेड़ से टकरा गई। इसके बाद बदमाशों ने बच निकलने के लिए पुलिस पर गोलियां चलायीं और पुलिस ने भी जवाबी फायर किए। इस क्रॉस फायरिंग में एक बदमाश राकेश पांडे घायल हो गया, जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया गया। इनामी बदमाश राकेश पांडे के साथ चार लोग और थे जो मौके का फायदा उठाकर भाग गए।
दरअसल इनामी बदमाश मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में 9 जुलाई 2018 को हत्या के बाद हनुमान उर्फ राकेश पांडे मुख्तार अंसारी के गैंग का बड़ा शूटर बनकर उभरा था। राकेश पांडे बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी के गैंग डी-5 का सबसे सक्रिय सदस्य था। वो मुख्तार अंसारी के साथ मऊ में ठेकेदार अजय प्रकाश सिंह समेत 2 लोगों की हत्या के मामले में भी आरोपी था।
हनुमान उर्फ राकेश पांडे भाजपा नेता कृष्णानंद राय हत्याकांड में भी आरोपी था। 2005 में बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई थी। कृष्णानंद राय 2002 में गाजीपुर की मोहम्मदाबाद विधानसभा से विधायक बने थे। वो 29 नवंबर, 2005 को करीमुद्दीनपुर इलाके के सोनाड़ी गांव में एक क्रिकेट मैच के उद्घाटन में जा रहे थे।
उस दिन भारी बारिश हो रही थी और कृष्णानंद राय अपनी बुलेट प्रूफ कार छोड़ अपने साथियों के साथ सामान्य गाड़ी से चले गए थे। मैच का उद्घाटन करने के बाद शाम करीब 4 बजे वो अपने गांव गोडउर लौट रहे थे कि तभी बसनियां चट्टी के पास उनके काफिले को कुछ लोगों ने घेरकर एके- 47 से फायरिंग कर दी। इसमें कृष्णानंद राय समेत 7 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी।
पुलिस के मुताबिक उस दिन कृष्णानंद राय और उनके साथियों पर करीब 400 राउंड फायरिंग की गई थी, जिसमें सभी के शवों से 67 गोलियां शरीर से मिली थीं। मरने वालों में कृष्णानंद राय के अलावा मोहम्मदाबाद के पूर्व ब्लॉक प्रमुख श्यामाशंकर राय, भांवरकोल ब्लॉक के मंडल अध्यक्ष रमेश राय, अखिलेश राय, शेषनाथ पटेल, मुन्ना यादव और कृष्णानंद राय के बॉडीगार्ड निर्भय नारायण उपाध्याय शामिल थे।