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राजनीति

Varun Gandhi : भ्रष्टाचार, महंगाई और आर्थिक नीतिगत अव्यवस्था के कारण काम धंधे बंद, BJP सांसद वरुण गांधी ने साधा निशाना

Janjwar Desk
8 Dec 2021 7:20 PM IST
Varun Gandhi On Inflation : जनता को राहत देने के समय उन्हें किया जा रहा आहत, वरूण गांधी ने मोदी सरकार पर उठाए सवाल
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Varun Gandhi On Inflation : जनता को राहत देने के समय उन्हें किया जा रहा आहत, वरूण गांधी ने मोदी सरकार पर उठाए सवाल

Varun Gandhi : वरुण गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा कि भ्रष्टाचार, महंगाई और आर्थिक नीतिगत अव्यवस्था के कारण बड़ी संख्या में छोटे उत्पादक और दुकानदार काम-धंधा बंद करने पर मजबूर हैं...

पीलीभीत से निर्मल कांत शुक्ल की रिपोर्ट

Varun Gandhi : भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) के फायर ब्रांड युवा नेता व पीलीभीत (Pilibhit) के सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) ने अब व्यापारियों के हित में ट्वीट कर इशारे ही इशारे में बहुत कुछ कह दिया है। ऐसे में जब पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं, तब उनके इस ट्वीट (Tweet) से उन ज्वलंत मुद्दों को बल मिलना लाजमी है, जिनको विपक्ष उठाकर लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर हो रहा है।

वरुण गांधी ने अब उस मुद्दे को छेड़ दिया है, जिसे पूरे देश का छोटा उत्पादक और दुकानदार काफी समय से उठाता रहा है। सांसद ने अमेजॉन और वॉल मार्ट जैसे बड़ी कंपनियों से खरीदारी ना करके बल्कि पड़ोस के छोटे दुकानदारों से खरीदारी करने की जन सामान्य से अपील की है। सांसद ने एक अखबार में छपी खबर ट्वीट के साथ साझा करते हुए कहा है कि भ्रष्टाचार, महंगाई और आर्थिक नीतिगत अव्यवस्था के कारण बड़ी संख्या में छोटे उत्पादक और दुकानदार काम धंधा बंद करने को मजबूर हैं।

पीलीभीत के भाजपा सांसद वरुण गांधी अपने आए दिन किए जाने वाले ट्वीट को लेकर लगातार सुर्खियों में हैं। वह उन्हीं मुद्दों को छेड़ रहे हैं, जिन मुद्दों पर पार्टी के अन्य सांसद कहीं भी सार्वजनिक रूप से बोलने से कन्नी काट जाते हैं।

बीते दिनों लखीमपुर खीरी कांड को लेकर उन्होंने जिस तरह से घटना के मौके के वीडियो वायरल कर ट्वीट किए, उससे भाजपा के अंदर ही खलबली मच गई। फिर उन्होंने उत्तर प्रदेश में धान खरीद की व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए ट्वीट कर दिया। तीनों कृषि कानून को गलत ठहराने वाले वरुण गांधी पहले सांसद थे, जिन्होंने अपनी पार्टी की सरकार होने के बावजूद प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी। किसानों की हित में तमाम सलाह केंद्र सरकार को दे दी।

अब बुधवार को सांसद वरुण गांधी ने ट्वीट करके व्यापारियों के हित की बात कही है।

वरुण गांधी का ट्वीट -

'भ्रष्टाचार, महंगाई और आर्थिक नीतिगत अव्यवस्था के कारण बड़ी संख्या में छोटे उत्पादक और दुकानदार काम-धंधा बंद करने पर मजबूर हैं। एमाज़ॉन,वालमार्ट के बजाय अपने पड़ोस के छोटे दुकानदारों से खरीदारी करके इनका साथ दीजिए। वैश्विक मंदी के समय इन्होंने ही देश की अर्थव्यवस्था को सम्भाला था।'

अखबार की इस खबर को किया ट्वीट से साझा-

सांसद वरुण गांधी ने ट्वीट के साथ एक अखबार में छपी खबर, जिसका शीर्षक - " 6% छोटे दुकानदारों का 14% उत्पादकों ने समेटा कारोबार" है। इस खबर में कहा गया कि एफएमसीजी क्षेत्र के छोटे निर्माताओं पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है। खाने-पीने की वस्तुओं की बढ़ती महंगाई ने छोटे दुकानदारों और उत्पादकों को कारोबार समेटने पर मजबूर कर दिया है। रिटेल इंटेलीजेंट प्लेटफॉर्म बाइजॉम और वैश्विक फर्म नील्सन ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि नवंबर में 6 फीसदी छोटे दुकानदार बाजार से गायब हो गए, जबकि 14 फीसदी उत्पादकों ने भी ताला लगा दिया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, अक्तूबर तिमाही में एफएमसीजी उत्पादों के छोटे विनिर्माताओं की उद्योग में भागीदारी घटकर महज 2 फीसदी रह गई है। इस दौरान 14 फीसदी छोटे विनिर्माताओं ने अपना कारोबार बंद कर दिया। इसके उलट बड़े एफएमसीजी उत्पादकों की हिस्सेदारी बढ़कर 76 फीसदी पहुंच गई है।

नील्सन के दक्षिण एशिया प्रमुख समीर शुक्ला ने कहा, छोटे विनिर्माता बढ़ती महंगाई का दबाव नहीं सहन कर सके। लगातार घाटे की वजह से उन्हें अपना कारोबार समेटना पड़ा। चाय, बिस्कुट, साबुन और क्रीम जैसे घरेलू इस्तेमाल के उत्पादों की बिक्री भी अक्तूबर के मुकाबले नवंबर में 14.4 फीसदी कम रही। इसका प्रमुख कारण छोटे दुकानदारों की संख्या में कमी है। इस दौरान छोटे और चालू किराना दुकानदारों की बिक्री में 8.8 फीसदी गिरावट आई। अगर पिछले साल से तुलना करें तो उपभोक्ता उत्पादों की बिक्री 10.4 फीसदी बढ़ी है।

इस साल डिब्बाबंद खाद्य उत्पादों की मांग बढ़ी है, क्योंकि ऑफिस दोबारा खुलने और यात्राओं पर प्रतिबंध हटने से लोग घरों से बाहर निकलने शुरू हो गए हैं। कोयला, डीजल जैसे कच्चे माल के बढ़ते दाम से अगले कुछ महीनों में सीमेंट की खुदरा कीमतें 15-20 रुपये और बढ़ जाएंगी। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने बताया कि अगस्त से अब तक सीमेंट का खुदरा मूल्य 10-15 रुपये प्रति बोरी बढ़ चुका है। मार्च तक यह अपने रिकॉर्ड स्तर 400 रुपये प्रति बोरी के भाव पहुंच जाएगी।

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