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मिर्जापुर में दलित युवक की संदिग्ध मौत के बाद पुलिस ने जला दी लाश, शरीर पर चोट और प्रताड़ना के थे गहरे निशान

Janjwar Desk
30 July 2023 3:40 PM GMT
मिर्जापुर में दलित युवक की संदिग्ध मौत के बाद पुलिस ने जला दी लाश, शरीर पर चोट और प्रताड़ना के थे गहरे निशान
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दलित युवक धर्मराज के परिजनों से मिलता जांच दल, पुलिस पर सबूत मिटाने के लिए लाश जलाने का आरोप

परिजनों के अनुसार मृतक के सिर और सीने पर गंभीर चोट के निशान थे। उसकी एक आंख फोड़ दी गई थी। दोनों पैर भी हत्यारों ने तोड़ दिये थे और गंभीर रूप से प्रताड़ित किया था। पांच फीट की उंचाई से गिरने से इस तरह मृत्यु संभव ही नहीं है, जैसा कि पुलिस प्रशासन द्वारा बताया जा रहा है...

मिर्जापुर । यूपी के मिर्जापुर जनपद के लालगंज थानाक्षेत्र स्थित सहिरा गांव में 21 जुलाई को एक दलित युवक धर्मराज की लाश संदिग्ध हालत में बरामद हुयी थी, जिसे शुरुआती छानबीन के बाद पुलिस ने आत्महत्या करार दिया था, जबकि परिवार का आरोप है कि उनके लड़के की हत्या की गयी है। परिजनों का कहना है कि धर्मराज के शरीर पर चोटों के कई निशान पाये गये थे।

इस घटना पर कम्युनिस्ट पार्टी (माले) और अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा (खेग्रामस) का संयुक्त छह सदस्यीय जांच दल पार्टी राज्य सचिव सुधाकर यादव के नेतृत्व में शनिवार 29 जुलाई को सहिरा गांव पहुंचा और मामले की पड़ताल की।

जांच दल ने मृतक धर्मराज के परिजनों व गांव वासियों से भेंट की, शोक-संवेदना व्यक्त की और घटना के बारे में जानकारी ली। इस दौरे के बाद जांच दल के नेता माले राज्य सचिव सुधाकर यादव ने जांच रिपोर्ट जारी की अरौर कहा कि दलित युवक धर्मराज की हत्या हुई है, मगर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी इसे आत्महत्या बताकर अपराधियों को बचाने में लगे हैं।

जांच दल का आरोप है कि शासक दल के समर्थक अपराधियों की इन पर मजबूत पकड़ है। परिजनों ने टीम को बताया कि धर्मराज की लाश का पोस्टमार्टम करने के बाद उन्हें शव सुपुर्द करने के बजाय रात के अंधेरे में प्रशासन द्वारा बलपूर्वक जलाकर साक्ष्य मिटाया गया। परिजनों के अनुसार मृतक के सिर और सीने पर गंभीर चोट के निशान थे। उसकी एक आंख फोड़ दी गई थी। दोनों पैर भी हत्यारों ने तोड़ दिये थे और गंभीर रूप से प्रताड़ित किया था। पांच फीट की उंचाई से गिरने से इस तरह मृत्यु संभव ही नहीं है, जैसा कि पुलिस प्रशासन द्वारा बताया जा रहा है। लेकिन लालगंज थाना प्रभारी इस हत्याकांड को आत्महत्या बताकर हत्या आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही हैं। इसकी जितनी भी निंदा की जाए, कम है।

परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने हत्या की रिपोर्ट दर्ज नहीं की है और मृतक के पिता के साथ बदसलूकी की गई। पिता को 'चमरहो मत करो' शब्दों का इस्तेमाल कर भगाया गया। लाश को परिजनों को सौंपने के बजाय थाना प्रभारी ने पुलिस बल की जोर जबरदस्ती से श्मशान घाट पर जलवा दिया।

जांच दल ने घटना की न्यायिक जांच कराने की मांग की। साथ ही, हत्याकांड की रिपोर्ट दर्ज कर हत्यारों को गिरफ्तार करने और लालगंज थानाध्यक्ष के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की मांग भी की। चेतावनी दी कि अगर मृतक के परिजनों को शीघ्र न्याय नहीं मिला, तो प्रतिरोध संघर्ष तेज किया जाएगा।

जांच दल की सदस्य और खेग्रामस राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जीरा भारती ने कहा कि दलित धर्मराज के हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर 4 अगस्त को लालगंज तहसील मुख्यालय पर प्रदर्शन किया जायेगा।

जांच दल के अन्य सदस्य व माले जिला सचिव राम प्यारे राम ने कहा कि अगर दलित के हत्यारों को गिरफ्तार नहीं किया गया और थाना प्रभारी को दंडित नहीं किया गया तो 4 अगस्त के बाद डीएम मिर्जापुर का घेराव किया जायेगा। जांच दल में उपरोक्त के अलावा इंकलाबी नौजवान सभा (इंनौस) के नेता अमरेश भारती, ब्लाक सचिव लालचंद कोल और दुर्जन मांझी शामिल थे।

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