पुरोला कांड के बाद भाजपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष मोहम्मद जाहिद ने भी सपरिवार छोड़ा उत्तरकाशी, मुस्लिमों के खिलाफ बढ़ रहा आक्रोश
पुरोला छोड़ के जाने वालों में भाजपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के उत्तरकाशी जिले के जिलाध्यक्ष ज़ाहिद मलिक भी शामिल, मीडिया में व्यक्त की अपनी पीड़ा कि कैसे विवश कर दिया उन्हें उजड़ जाने को
Uttarkashi news : उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी स्थित पुरोला में नाबालिग लड़की को कथित तौर पर भगाकर ले जाने में एक मुस्लिम युवक के शामिल होने के बाद से पूरे प्रदेश में तनाव बढ़ता जा रहा है। लैंड जेहाद वाले मुख्यमंत्री धामी के राज में मुस्लिमों के प्रति लोगों का गुस्सा फूटता नजर आ रहा है, जिसे दक्षिणपंथी संगठन शह दे रहे हैं। इसका शिकार अब भाजपा के खुद के नेता भी होने लगे हैं। भाजपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ से जुड़े स्थानीय नेता भी मुस्लिमों के खिलाफ बन रहे माहौल से डरकर यहां से भाग खड़े हुए हैं। जानकारी के मुताबिक वह यहां पिछले 25 साल से रह रहे थे, मगर बढ़ते तनाव के बीच सुरक्षा के लिए उन्होंने उत्तरकाशी और अपनी बसी-बसाई दुकान को उजाड़ना बेहतर समझा।
मीडिया में आ रही जानकारी के मुताबिक भाजपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के ज़िला अध्यक्ष मोहम्मद जाहिद ने सपरिवार उत्तरकाशी शहर शहर छोड़ दिया है और अपनी दुकान का सारा सामान समेट कर वह देहरादून के लिए रवाना हो गये हैं। उत्तरकाशी में कई अन्य जगहों से भी दर्जनों मुस्लिम दुकानदार दुकान खाली करके सपरिवार डरकर चले गये हैं और कई अपना बोरिया बिस्तर समेट रहे हैं।
स्थानीय लोगों के मुताबिक बुधवार 7 जून की देर रात मोहम्मद जाहिद की पत्नी गुलशाना अपने चार सहयोगियों के साथ दुकान खाली करती नजर आयी थीं। जब भाजपाई नेता ही डर के मारे दुकान खाली करने लगा तो देखादेखी मुस्लिम संप्रदाय के कुछ अन्य दुकानदारों ने भी दुकानें खाली कर दीं।
हालांकि मीडिया में दिये बयान में मोहम्मद जाहिद की पत्नी ने कहा कि वह अपनी मर्जी से दुकान खाली कर रही हैं उन पर किसी तरह का दबाव नहीं हैं। मगर साथ ही वह यह कहना भी नहीं भूलतीं कि कुछ लोगों ने यहां का माहौल ख़राब किया, जिसका खामियाजा उन्हें भी भुगतना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि नाबालिग बच्ची को भगाने की घटना के विरोध में गुरुवार 8 जून को भटवाड़ी ब्लॉक मुख्यालय के व्यापारियों समेत विभिन्न संगठनों जिनमें दक्षिणपंथी संगठन शामिल रहे, ने बाजार बंद कर प्रदर्शन आयोजित किया था। इसके साथ ही बाहरी व्यापारियों को 15 दिन के भीतर दुकानें खाली करने की चेतावनी भी लगातार दी जा रही हैं। कहा जा रहा है कि भवन स्वामियों पर दुकानें खाली करवाने का लगातार दबाव डाला जा रहा है।
उत्तरकाशी के पुरोला क्षेत्र में कथित तौर पर एक नाबालिग लड़की को मुस्लिम युवकों द्वारा बहला—फुसलाकर ले जाने का मामला सामने आया, जिसके बाद पूरे उत्तराखण्ड को मुस्लिम मुक्त करने की मुहिम तेज हो गयी है। रविवार 4 जून को उत्तरकाशी के पुरोला बाजार में मुस्लिम समाज को धमकाने वाले पोस्टर लगाये गये और भारी विरोध प्रदर्शन करते हुए मुस्लिम दुकानदारों की दुकानों में तोड़फोड़ भी की गयी। दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा आयोजित विरोध मार्च में गुस्से को देख डर के मारे रातोंरात 42 मुस्लिम दुकानदारों द्वारा पुरोला छोड़ने की खबरें भी सामने आ रही हैं। इस मामले में जो सबसे बड़ी बात जनज्वार को पता लगी है वह यह है कि नाबालिग लड़की दलित समुदाय से ताल्लुक रखती है।