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समाज

Hijab controversy: अगर फिर से यह हुआ तो जय श्रीराम वालों को 'हिंदुस्तान जिंदाबाद' कहकर जवाब दूंगी- मुस्कान खान

Janjwar Desk
13 Feb 2022 10:33 AM GMT
Hijab Controversy Karnataka : हिजाब का विरोध करने वाली 3 छात्राओं ने कॉलेज को कहा अलविदा, दो ने NOC तो एक ने लिया टीसी
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Hijab Controversy Karnataka : हिजाब का विरोध करने वाली 3 छात्राओं ने कॉलेज को कहा अलविदा, दो ने NOC तो एक ने लिया टीसी

Hijab Controversy: मेरे चारों ओर इतने सारे लड़के मुझ पर हमला करने के लिए आ रहे थे। मैंने अल्लाह से प्रार्थना की कि वह मुझे उस स्थिति से निकालने में मदद करे और अल्लाह-हू-अकबर शब्द निकल आए...

Hijab Controversy: कर्नाटक में जय श्रीराम का नारा लगाने वालों द्वारा ट्रोल हुई छात्रा मुस्कान (Mushkan) का एक बयान सामने आया है। जिसमें उसने कहा है कि, 'अगर ऐसा फिर से होता है तो मैं इस बार हिंदुस्तान जिंदाबाद कहूंगी।' मुस्‍कान खान (Mushkan Khan) वही छात्रा हैं जिन्‍होंने पिछले दिनों कर्नाटक के एक कॉलेज में श्रीराम का नारा लगाती भीड़ के सामने अल्‍ल‍ाह हू अकबर का नारा लगाया था।

भीड़ मुस्‍कान की ओर तेजी से बढ़ रही थी। जिसके बाद दूसरे छात्रों और श‍िक्षकों ने उन्‍हें सुरक्ष‍ित वहां से निकाला था। कर्नाटक के कई कॉलेजों में पिछले काफी समय से ह‍िजाब पहनने को लेकर विवाद (Karnataka Hijab row) छिड़ा है। कुछ छात्रों ने भगवा शॉल ओढ़कर इसका विरोध किया। मामले को लेकर कर्नाटक हाई कोर्ट में सुनवाई भी चल रही है।

मैं विभाजन पैदा नहीं करना चाहती

टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में मुस्‍कान ने कहा क‍ि मैंने सांप्रदायिक आधार पर अल्लाह-हू अकबर नहीं चिल्लाया। मैं हिंदू-मुस्लिम के बीच विभाजन पैदा नहीं करना चाहती। कॉमर्स सेकेंड ईयर की छात्रा और जिम मालिक की बेटी, 19 वर्षीय मुस्कान का सपना कानून की पढ़ाई करना है। उनके पास कोई रोल मॉडल नहीं है। लेकिन उन्‍हें अपने विश्वास और अल्लाह के सिद्धांतों से ताकत मिलती है। "बचपन से ही हिजाब पहनना प्राथमिकता रही है। मेरे परिवार में हर कोई हिजाब पहनता है। यह हमारे लिए इस्लाम के प्रतीक से परे है। यह हमारे स्वाभिमान जैसा है' मुस्‍कान ने कहा।

उनकी कट्टरता से हैरान थी

उसने कहा कि, जब 8 फरवरी को बेंगलूरू से 100 किमी दूर मांड्या में पीईएस कॉलेज के अंदर भगवा शॉल पहने पुरुषों ने 'जय श्री राम' के नारे लगाए, तो मुस्कान ने काउंटर किया और अल्लाह-हू-अकबर चिल्लाया और बिना किसी घबराहट के सीधे कॉलेज में चली गईं। उस दिन क्‍या हुआ था, इस पर मुस्‍कान कहती हैं, 'मैं उनकी कट्टरता से स्तब्ध थी। उनकी संख्या बहुत थी। मेरे चारों ओर इतने सारे लड़के मुझ पर हमला करने के लिए आ रहे थे। मैंने अल्लाह से प्रार्थना की कि वह मुझे उस स्थिति से निकालने में मदद करे और अल्लाह-हू-अकबर शब्द निकल आए।'

हिंदुस्तान जिंदाबाद कहूंगी

अगर उसे फिर ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ा तो? मुस्कान ने कहा: 'मैं हिंदुस्तान जिंदाबाद जरूर कहूंगी। वह कहती हैं कि उन्हें कॉलेज के प्रवेश द्वार पर अपना अबाया हटाने के लिए कहा गया था। मैं गुस्से से लाल गई थीं। उन्होंने मुझसे कपड़ों का एक टुकड़ा निकालने के लिए कैसे कहा? उनमें कोई मानवता नहीं थी। मुस्‍कान ने आगे क‍ि मुझे नहीं पता कि गलतफहमी क्या है और यह अचानक कहाँ से आ रही है। मेरे अधिकांश मुस्लिम क्‍लासमेट हिजाबी हैं और हमारे कॉलेज ने हमारे खिलाफ कुछ अन्य संस्थानों की तरह कार्रवाई नहीं की है।

बस पढ़ने पर ध्यान देना चाहती हूँ

मुस्कान एक नियमित छात्रा की तरह अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना चाहती हैं। हालांकि, मानसिक शांति और सांत्वना इस तरह की अशांति के साथ मिलना मुश्किल है, उन्‍होंने कहा। 'मुझे एक शेरनी और कई अन्य नामों से बुलाया गया है। सच कहूं तो मुझे इनमें से कुछ भी नहीं चाहिए। मैं सिर्फ पढ़ाई करना चाहती हूं। मैं लोगों से बात करके और अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए थक गई हूं। हिजाब मेरी पहचान है, मुझे इसे पहनना अच्छा लगता है, यही मेरी इज्ज़त है।' उन्‍होंने कहा कि वह भारतीय संविधान की शक्ति में विश्वास करती हैं और उसे और उसके समुदाय के सदस्यों को न्याय दिलाने के लिए इसका इंतजार करेगी। इंशाअल्लाह सब्र करेंगे।

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