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सोनभद्र में 9 साल के बच्चे की अपहरण के बाद हत्या, माले ने कहा प्रशासन की चुप्पी निंदनीय, जल्द गिरफ्तार हो हत्यारोपी भूमाफिया

Janjwar Desk
17 March 2023 11:08 AM GMT
सोनभद्र में 9 साल के बच्चे की अपहरण के बाद हत्या, माले ने कहा प्रशासन की चुप्पी निंदनीय, जल्द गिरफ्तार हो हत्यारोपी भूमाफिया
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सोनभद्र में 9 साल के बच्चे की अपहरण के बाद हत्या, माले ने कहा प्रशासन की चुप्पी निंदनीय, जल्द गिरफ्तार हो हत्यारोपी भूमाफिया

Sonbhadra crime news : दो-दो हत्याकांडों के बावजूद प्रशासन की ओर से ठोस कार्रवाई नहीं हुई। वह हत्यारों को बचाने और घटनाओं पर लीपापोती करने में लगा हुआ है...

Sonbhadra Crime news : भाकपा (माले) के उत्तर प्रदेश राज्य सचिव सुधाकर यादव के नेतृत्व में पार्टी के जांच दल ने शुक्रवार 17 मार्च को सोनभद्र में घोरावल के पेढ़े गांव का दौरा किया। पिछले दिनों पांच मार्च को इस गांव के 9 वर्षीय बालक अनुराग पाल की हत्यारों ने अपहरण कर निर्मम हत्या कर दी और उसकी लाश पांच दिन बाद बरामद हुई। हत्या का आरोपी इलाके का भूमाफिया है, मगर पुलिस उस पर हाथ नहीं डालना चाहती है।

माले राज्य सचिव सुधाकर यादव ने पीड़ित परिवार से मुलाकात के बाद कहा कि गरीबों की जमीनें छीनने और उन्हें डराने के लिए भूमाफिया हत्याएं करा रहे हैं। इसके पहले तकिया गांव निवासी रामआसरे कोल की भी हत्या हो गई थी। दो-दो हत्याकांडों के बावजूद प्रशासन की ओर से ठोस कार्रवाई नहीं हुई। वह हत्यारों को बचाने और घटनाओं पर लीपापोती करने में लगा हुआ है।

माले नेता ने कहा कि लचर कानून व्यवस्था के खिलाफ और हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर भाकपा (माले) 18 मार्च शनिवार को जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करेगी। जांच दल में माले राज्य समिति सदस्य सुरेश कोल व अन्य नेता शामिल थे।

जानकारी के मुताबिक यूपी के सोनभद्र के पेढ़ गांव निवासी बजरंग दल गांव इकाई के अध्यक्ष मंगल पाल के 9 वर्षीय पुत्र अनुराग पाल की अपहरण के बाद हत्या की गयी। इस घटना के बाद लोगों में भारी आक्रोश देखने को मिला। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इस मामले में सर्विलांस सेल प्रभारी साजिद सिद्दीकी, घोरावल चौकी इंचार्ज वंशनारायण राय और एसआई एसके सोनकर को हटाते हुए पुलिस लाइन में बुला लिया गया है। वहीं कुल 6 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया।

इस घटना के संबंध में भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष धर्मवीर तिवारी कहते हैं, पुलिस का रवैया शुरू से ही लचर रहा। सूचना देने और मुकदमा दर्ज कराने के बाद भी पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। अलबत्ता बालक के पिता पर ही उल्टे शक जताया जाता रहा। नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी में ही चार दिन लग गए। यह स्थिति तब रही, जब भाजपा के कार्यकर्ता से जुड़ा हुआ था। इससे अन्य मामलों में पुलिस की सक्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है। जिले में लगातार आपराधिक घटनाएं बढ़ रही हैं, मगर पुलिस उस पर लगाम लगाने में विफल है।

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