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देवभूमि को मुस्लिममुक्त करने की मुहिम तेज, पुरोला बाजार में मुस्लिमों को धमकाते पोस्टर लगाने वाले कट्टरपंथी कितने दलित हितैषी !

Janjwar Desk
7 Jun 2023 6:19 PM IST
देवभूमि को मुस्लिममुक्त करने की मुहिम तेज, पुरोला बाजार में मुस्लिमों को धमकाते पोस्टर लगाने वाले कट्टरपंथी कितने दलित हितैषी !
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देवभूमि को मुस्लिममुक्त करने की मुहिम तेज, पुरोला बाजार में मुस्लिमों को धमकाते पोस्टर लगाने वाले कट्टरपंथी कितने दलित हितैषी !

Purola news : पुरोला में मुस्लिमों के खिलाफ हुए प्रदर्शन में चेतावनी दी गयी कि आरोपित विशेष समुदाय के व्यापारी युवाओं के साथ ही अन्य मुस्लिम समुदाय के बाहरी व्यापारी पुरोला छोड़कर चले जायें, नहीं तो अंजाम भुगतने को तैयार रहें....

Purola news : उत्तरकाशी के पुरोला क्षेत्र में कथित तौर पर एक नाबालिग लड़की को मुस्लिम युवकों द्वारा बहला—फुसलाकर ले जाने का मामला सामने आया, जिसके बाद पूरे उत्तराखण्ड को मुस्लिम मुक्त करने की मुहिम तेज हो गयी है। इसके तहत रविवार 4 जून को उत्तरकाशी के पुरोला बाजार में मुस्लिम समाज को धमकाने वाले पोस्टर लगाये गये और भारी विरोध प्रदर्शन करते हुए मुस्लिम दुकानदारों की दुकानों में तोड़फोड़ भी की गयी। दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा आयोजित विरोध मार्च में गुस्से को देख डर के मारे रातोंरात 42 मुस्लिम दुकानदारों द्वारा पुरोला छोड़ने की खबरें भी सामने आ रही हैं।

इस मामले में जो सबसे बड़ी बात जनज्वार को पता लगी है वह यह है कि नाबालिग लड़की दलित समुदाय से ताल्लुक रखती है। भाकपा माले के राज्य सचिव इंद्रेश मैखुरी कहते हैं, यह वही उत्तराखण्ड है जहां अल्मोड़ा में जगदीश चंद्र नाम के दलित युवक द्वारा सवर्ण समुदाय की लड़की से प्रेम विवाह करने पर उसे मौत के घाट उतार दिया गया था। फिलहाल दलित हितैषी नजर आने यह भीड़ जगदीश चंद्र की मौत के वक्त कहां थी। उत्तराखंड में दलित नाबालिग बच्ची के बहाने उत्तरकाशी के पुरोला में पंचायत करने वाले कट्टरपंथी कितने दलित हितैषी हैं, यह कई उदाहरणों से साफ होता है।'

वहीं सामाजिक कार्यकर्ता सुरेश भाई जनज्वार से हुई विशेष बातचीत में कहते हैं, पुरोला वाली घटना के बाद से हिंदुवादी संगठन पूरे राज्यभर में मुस्लिमों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन आयोजित कर रहे हैं। बेशक एक बहुत ही छोटी बच्ची को शादी के नाम पर बहला-फुसलाकर ले जाना बहुत बड़ा क्राइम है, मगर इसे सिर्फ संप्रदाय विशेष से जोड़कर देखना गलत है।'

गौरतलब है कि उत्तरकाशी के पुरोला इलाके में 'लव जिहाद' के नाम पर यह मामला लगातार तूल पकड़ रहा है। इस मामले में पुलिस द्वारा दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें से एक अल्पसंख्यक समाज से था। इस दोनों की गिरफ्तारी के बाद मुस्लिमों के खिलाफ प्रदेश में लगातार माहौल गर्मा रहा है। रविवार 4 जनवरी को पुरोला मार्केट में मुस्लिम समुदाय के लोगों की बंद दुकानों पर पोस्टर चिपकाकर उन्हें अपना कारोबार बंद करके शहर छोड़ देने की धमकी दी गयी। खानापूर्ति के नाम पर पुलिस ने सिर्फ इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। फिलहाल दुकानों से पोस्टर हटा दिए हैं, मगर स्थानीय स्तर पर मिल रही जानकारी के मुताबिक यहां बसे मुस्लिम समुदाय के लोग डरे-सहमे हैं और कई तो अपना बोरिया-बिस्तर समेटने की तैयारी करने लगे हैं।

गौरतलब है कि संप्रदाय विशेष के खिलाफ शनिवार 3 जून को दक्षिणपंथी समूहों की ओर से उत्तरकाशी में विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया था, जिसके बाद रविवार 4 जून को मुस्लिम संप्रदाय से ताल्लुक रखने वाली सभी दुकानों पर धमकी भरे पोस्टर चिपका दिए गये। जगह जगह चिपकाये गये पोस्टरों में धमकी दी गई कि मुस्लिम अपना कारोबार बंद कर दें और 15 जून को होने वाली महापंचायत से पहले शहर छोड़कर चले जाएं अन्यथा उन पर एक्शन लिया जाएगा। इतना ही कई दुकानों पर ब्लैक क्रॉस का चिन्ह भी लगाया गया था।

मुस्लिमों के खिलाफ रोष को भड़काने में नेता सबसे बड़ी भूमिका निभाते हैं। आरोप है कि पुरोला में एक समुदाय विशेष के व्यक्ति पर अपने मामा के घर आई नवीं में पढ़ने वाली नाबालिग लड़की का बहला-फुसलाकर अपहरण कर लिया गया। मीडिया में आयी खबरों के मुताबिक उवेद खान पुत्र अहमद और उसके साथी जितेंद्र सैनी पर आरोप है कि वह दोनों खरसाड़ी क्षेत्र की नवीं में पढ़ने वाली नाबालिग छात्रा को बहला-फुसला कर भगाकर ले जा रहे थे। आरोप लगाये जा रहे हैं कि दोनों युवक छात्रा को शादी का झांसा देकर विकासनगर भागने की फिराक में थे कि परिजनों और स्थानीय लोगों को घटना के बारे में पता चल गया। शक होने पर स्थानीय लोगों ने इन लोगों को रोका और पूछताछ की। दावा है कि दोनों ने छात्रा को ले जाने की बात स्वीकारी जिसके बाद दोनों को पुलिस के हवाले कर दिया गया।

हालांकि इस घटना में मुस्लिम युवक के अलावा हिंदू धर्म से ताल्लुक रखने वाला युवक भी शामिल था, मगर रोष सिर्फ मुस्लिमों के खिलाफ है। घटना के बाद से मुस्लिम समुदाय के व्यापारियों के खिलाफ पुरोला में भारी उबाल है, ​दक्षिणपंथी समूहों से समर्थित भीड़ मांग कर रही है कि यहां से सारे मुस्लिमों को खदेड़ दिया जाये। न सिर्फ यहां से बल्कि देवभूमि को ही मुस्लिम मुक्त करने की मांग लोग करने लगी है।

पुरोला में मुस्लिमों के खिलाफ हुए प्रदर्शन में चेतावनी दी गयी कि आरोपित विशेष समुदाय के व्यापारी युवाओं के साथ ही अन्य मुस्लिम समुदाय के बाहरी व्यापारी पुरोला छोड़कर चले जायें, नहीं तो अंजाम भुगतने को तैयार रहें। भीड़ द्वारा आरोपियों के अलावा अन्य मुस्लिम दुकानदारों की दुकानों के बोर्ड उखाड़कर फेंक दिये गये। इस भीड़ को दक्षिणपंथी संगठनों का पूरा समर्थन था। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक अपने खिलाफ माहौल को देखते हुए पुरोला मुख्य बाजार से मुस्लिम समुदाय के 42 दुकानदार रातोंरात दुकानें छोड़कर भाग गए।

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