Constable Netresh Sharma कौन हैं, जिन्होंने खुद को दांव पर लगाकर मासूम और महिलाओं की बचायी जान
Constable Netresh Sharma कौन हैं, जिन्होंने खुद को दांव पर लगाकर मासूम और महिलाओं की बचायी जान
Constable Netresh Sharma : राजस्थान के कसौली (Kasauli Violence) में जब शहर हिंसा की जद में आया तो उसी दौरान एक पुलिस कांस्टेबल हीरो बनकर सामने आया। इस कांस्टेबल (Constable Netresh Sharma) ने इंसानियत की वो मिसाल कायम कर दी है कि हर कोई उन्हें अब सैल्यूट कर रहा है। सोशल मीडिया पर भी उनकी खूब चर्चा हो रही है। आइए नेत्रेश शर्मा के बारे में जानते हैं-
कौन हैं नेत्रेश शर्मा
नेत्रेश शर्मा (Netresh Sharma) 2013 बैच के कांस्टेबल है। उनकी हमेशा सिग्मा ड्यूटी पर तैनाती रहती है। साल 2018 से वह करोली शहर थाने में तैनात है। वह 31 साल के हैं और करौली की घटना में साहस दिखाने पर उनका प्रमोशन कर दिया गया है। उन्हें हेड कांस्टेबल बना दिया गया है।
नेत्रेश शर्मा ने क्या कहा
कांस्टेबल ने कहा कि मैं सिग्मा गाड़ी पर गश्त पर था। नव संवत्सर पर बाइक रैली दोपहर बाद 3.30 बजे रवाना हुई थी। करीब 5 बजे रैली हटवाड़ा बाजार पहुंची थी। मैं 200 मीटर आगे गणेश गेट पर था। इस दौरान सूचना आई कि एसएचओ साहब की गाड़ी में दो-तीन घायलों को लेकर गए हैं और हटवाड़ा बाजार में पथराव हो गया। मैं सिग्मा से हटवाड़ा बाजार पहुंचा तो वहां भीषण आगजनी हो रही थी। एक दुकान के बाहर दो-तीन घायल बैठे हुए थे। उनके सिर फूटे हुए थे। उन्होंने मुझे रोका। मैं उन्हें हटवाड़ा बाजार से सिग्मा पर बैठाकर एक किलोमीटर दूर हॉस्पिटल लेकर गया। वहां से वापस हटवाड़ा बाजार पहुंचा। इसके बाद फूटाकोट चौराहे पर पहुंचा तो भीषण आगजनी हो रही थी। दुकानें धू-धूकर जल रही थीं। इस बीच वहां एक मकान देखा तो दिल दहल गया।
उन्होंने कहा कि मकान के दोनों और लाख की दुकानें थीं। मकान के तीन तरफ से आग की लपटें निकल रही थीं। अंदर से तीन महिलाओं और एक बच्चे के चीखने-चिल्लाने की आवाजें आ रही थीं। लपटों से घिरी और चिल्ला रही एक महिला की गोद में चार साल का बच्चा था। आग की लपटों से बचाने के लिए महिला ने उसे कपड़े में लपेट रखा था। चीख-पुकार के बीच आग की लपटों को देखकर मैं एकबारगी पेशोपेश में पड़ गया। अगले ही पल मैं उबरा और सिग्मा गाड़ी खड़ी की। दौड़कर आग की लपटों के बीच से होते हुए मकान में घुस गया क्योंकि फर्ज तो सबसे ऊपर था ही..चार जानें बचाने के आगे खुद की जान की परवाह कहां बाकी रह गई थी। मकान के भीतर पहुंचा तो तीनों महिलाओं और बच्चे का रो-रोकर बुरा हाल था। मैंने उनका हौंसला बढ़ाया और कहा कि कुछ नहीं होगा, सब सुरक्षित बाहर निकल जाएंगे। इसके बाद बच्चे को मैंने अपनी गोद में लिया। महिलाओं से कहा कि आप सभी तेजी से मेरे पीछे दौड़कर आएं। मकान से बाहर निकलकर करीब बीस मीटर दूर आए और बच्चे को संभाला तो वह पीछे आ रही अपनी मां की ओर दौड़ पड़ा।
मुख्यमंत्री ने की तारीफ और दिया प्रमोशन
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांस्टेबल को फोन कर उन्हें बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने बातचीत में उनसे कहा कि आपने बहुत शानदार काम किया है। मेरी ओर से आपको बहुत-बहुत बधाई। मुझे सुनकर पढ़कर बहुत अच्छा लगा और डीजी साहब को बुलाया। मैंने कहा कि आप ऐसे कांस्टेबल को प्रमोट करो। हमने तय किया है कि आपको कांस्टेबल से हेड कांस्टेबल में प्रमोट किया जाएगा। मैं आपको बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। वहीं कांस्टेबल नेत्रेश ने हौंसलाअफजाई के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद दिया और कहा कि सर यह मेरी ड्यूटी थी जो मैंने निभाई थी।