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हल्द्वानी में एक लाश के निकल आए दो दावेदार, 3 दिन की फजीहत के बाद पुलिस के पहरे में नसीब हुआ पूनम को अंतिम संस्कार

Janjwar Desk
13 Nov 2022 4:38 PM GMT
हल्द्वानी में एक लाश के निकल आए दो दावेदार, 3 दिन की फजीहत के बाद पुलिस के पहरे में नसीब हुआ पूनम को अंतिम संस्कार
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हल्द्वानी में एक लाश के निकल आए दो दावेदार, 3 दिन की फजीहत के बाद पुलिस के पहरे में नसीब हुआ पूनम को अंतिम संस्कार, मृतका के बैंक खाते और बीमा पॉलिसी कराई फ्रीज

पूनम की लाश पर कई लोगों के दावे का यह मामला सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह तक भी पहुंचा, इससे पहले ही मृतका के क्योंकि ईसाई धर्म स्वीकार करने की पुष्टि हो चुकी थी तो प्रशासन ने दोनों ही पक्षों के तर्कों में झोल को देखते हुए पूनम का अंतिम संस्कार बतौर लावारिस पुलिस कोटे से ईसाई धर्म के वरिष्ठ पादरियों की मौजूदगी में ईसाई परम्परा से करवा दिया....

Haldwani news : जीते जी किसी अपने का साथ न मिलने का दंश झेलते हुए दुनिया से रुखसत हुई एक महिला की मौत के बाद उसकी लाश के इतने दावेदार उत्पन्न हो गए कि मामला प्रशासन के लिए दर्द-ए-सिर बन गया। कैंसर जैसी घातक बीमारी से मौत की आगोश में गई हल्द्वानी की इस महिला की कहानी किसी प्रहसन से कम नहीं है। जीते जी एक नौकरानी के सहारे अपनी बची उम्र के दिन काट रही इस महिला की मौत के तत्काल बाद न केवल उसका एक पुत्र प्रकट हो गया, बल्कि उसके पति पक्ष से भी मृतका की लाश पर दावा किए जाने लगा। विद्रूप यह है कि यह दावा मृतका का मानवीय गरिमा के साथ उसके शरीर का अंतिम संस्कार किए जाने से अधिक उसके द्वारा छोड़ी गई संपत्ति पर अधिकार जमाने का था।

रिश्तों के कत्ल का यह किस्सा तब शुरू होता है जब हल्द्वानी में पूनम नाम की एक महिला की मौत हो जाती है। जानकारी के मुताबिक 59 वर्षीय पूनम अल्का सिंह पुत्री प्रवीण सिंह नैनीताल रोड काठगोदाम स्थित अपने मायके में रहती थी, लेकिन उसकी वैवाहिक जिंदगी इतनी उलझी हुई थी कि उसके जीते जी उसे कोई अपना बताने में भी हिचकता था।

पूनम की पहली शादी गोरापड़ाव निवासी चरनजीत सिंह से हुई थी। चरनजीत सिंह की शादी के बाद हत्या हो गई थी। इसके बाद से ही पूनम अपने मायके में ही रह रही थीं। बाद में पूनम ने राजू डेनियल नाम के व्यक्ति से उनकी दूसरी शादी कर ली। राजू डेनियल वर्तमान में पंजाब में हैं, जबकि पूनम मायके में रहती थीं। इस मामले में बताया यह जा रहा है कि राजू ने इसके बाद किसी और महिला से शादी कर ली। कुल मिलाकर पूनम की जिंदगी में चरणजीत और राजू, दो शख्स ऐसे थे जिनसे उसने विवाह किया था। इसमें से चरणजीत की मौत हो गई थी और राजू उसे छोड़कर पंजाब में रह रहा था। इन्हीं परिस्थितियों में पूनम कैंसर का शिकार हुई, जिसकी वजह से वह लंबे समय से बीमार चल रही थी। 8 नवंबर को पूनम की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई।

बेटा हुआ प्रकट

मौत के बाद जब ईसाई रीति-रिवाज से पूनम के अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही थी कि तभी सन्नी नाम का युवक वहां पहुंचा और उसने खुद को पूनम का बेटा बताते हुए शव उसके सुपुर्द करने की मांग करने लगा। एकाएक पूनम की मौत के बाद बेटे के प्रकट होते ही मामला विवाद का रूप लेने लगा। विवाद थोड़ा ज्यादा बढ़ा तो टीपीनगर चौकी प्रभारी संजीत राठौर और फिर कुछ देर बाद कोतवाली पुलिस भी मौके पर पहुंच गई।

पुलिस ने किसी तरह मामला शांत कराया और दोनों पक्षों को मजबूत साक्ष्य पेश करने को कहा। जिसके बाद मामला सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह के दफ्तर पहुंच गया। काठगोदाम थानाध्यक्ष प्रमोद पाठक ने दोनो पक्षों को ताकीद की कि दोनों पक्षों में जो साक्ष्य उपलब्ध कराएगा, शव उसी के सुपुर्द किया जाएगा। इसी के साथ पूनम के शव को पोस्टमार्टम के लिए भी भेज दिया गया।

इसके बाद पोस्टमार्टम हाउस में विवाद बढ़ा और जब दावा पेश करने की बात आई तो लाश का एक और दावेदार प्रकट हुआ। इस बार राजू डेनियल के परिजन डेनियल और निर्मला की शादी की तस्वीर लेकर पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गए। साक्ष्य के तौर पर उन्होंने आधार कार्ड भी पेश किया और सन्नी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि जब निर्मला का पति जिंदा है तो उसके शव पर किसी और का अधिकार कैसे हो सकता है। यह बात दीगर थी कि मौत के तीन दिन गुजर जाने के बाद भी डेनियल पंजाब से हल्द्वानी नहीं पहुंच पाया था।

मुझे कुछ न हो, इसलिए दादी के सुपुर्द कर गई थी मां: सन्नी

इस दिलचस्प मामले में खुद को पूनम का पुत्र कहने वाले सन्नी का कहना था कि पहली पत्नी की मृत्यु के बाद मेरे पिता ने पूनम से दूसरी शादी की थी। संतान पैदा होने पर दोनों की आपसी सहमति से सरोगेसी से पुत्र के रूप में उसका (सन्नी) जन्म हुआ। पिता की हत्या के बाद मां पूनम को डर था कि उनकी संतान की भी हत्या की जा सकती है, इसी वजह से उन्होंने मुझे दादी के सुपुर्द कर दिया और खुद मायके आ गई। जब से उसे अपनी मां के जीवित होने का पता तब से ही वह लगातार उनकी सेवा कर रहा था।

दूसरी तरफ डेनियल की कहानी कुछ इस तरह बताई जा रही है कि उसने भी पंजाब में दूसरी शादी कर ली है। पूनम की मौत की खबर सुनकर डेनियल की भाभी निर्मला और अन्य लोग बगैर डेनियल की उपस्थिति के पूनम के शव का अंतिम संस्कार पर अपना दावा पेश करने लगे थे। इस पर सन्नी का सवाल था कि बगैर पति के कैसे अंतिम संस्कार संभव है। सन्नी ने खुद को पूनम का असली वारिस बताते हुए कहा कि जिस डेनियल को पूनम का दूसरा पति कहकर दावा ठोंका जा रहा है, वह पंजाब में रहता है और वह पिछले कई सालों से हल्द्वानी नहीं आया। डेनियल ने दूसरी शादी कर ली है।

पुलिस के पहरे में हुआ अंतिम संस्कार

पूनम की लाश पर कई लोगों के दावे का यह मामला सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह तक भी पहुंचा। इससे पहले ही मृतका के क्योंकि, ईसाई धर्म स्वीकार करने की पुष्टि हो चुकी थी तो प्रशासन ने दोनों ही पक्षों के तर्कों में झोल को देखते हुए पूनम का अंतिम संस्कार बतौर लावारिस पुलिस कोटे से ईसाई धर्म के वरिष्ठ पादरियों की मौजूदगी में ईसाई परम्परा से करवा दिया। अंतिम संस्कार के बाद मृतका के प्रकाश में आए बैंक खातों और बीमा पॉलिसी को पुलिस ने फ्रीज करवा दिया है।

इतना ही नहीं, मृतका के घर की सारी संपत्ति को सील करके काठगोदाम पुलिस को उसकी हिफाजत की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। पूनम के रिश्तेदार बताने वाले दोनों पक्षों को अपना विवाद न्यायालय में ले जाने का सुझाव देते हुए प्रशासन का कहना है कि जी भी पक्ष न्यायालय से पूनम के वारिस होने का फैसला ले आएगा, मृतका की सारी संपत्ति उसी को सौंप दी जाएगी।

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