Janjwar Exclusive: गोरखपुर दिलशाद हत्याकांड में अब सामने आया लड़की-लड़का की शादी वाला वीडियो
(गोरखपुर वाले दिलशाद की शादी का सामने आया वीडियो)
Gorakhpur Dilshad Hatyakand: गोरखपुर कचहरी गेट पर 21 जनवरी दिनदहाड़े गोली मारकर एक हत्या कर दी गई थी। मृतक का नाम दिलशाद और मारने वाला एक लड़की का पिता था। हत्या का कारण था युवक दिलशाद को रेपिस्ट बताया जाना। घटना के अगले ही दिन जनज्वार ने पूरी पड़तााल की और सबसे पहले जानकारी दी कि आखिरकार असल में हुआ क्या था?
आप सभी जान चुके हैं कि दिलशाद (Dilshad) ने बड़हलगंज की एक युवती से शादी की थी। शादी के बाद जैसा कि भारत में चलन है हिंदू पिता ने लड़की से शादी करने वाले युवक यानी अपने दामाद को रेपिस्ट बता दिया। रेपिस्ट इसलिए क्योंकि लड़की ने प्रेम विवाह किया था। अपनी मर्जी से शादी की थी। भारतीय समाज में आप अपनी इच्छा से नौकरी कर सकते हैं, अपनी इच्छा से पैसा कमा सकते हैं, घर में पिता की मदद कर सकते हैं, अपनी इच्छा से भाई-बहन को लड़कियां पढ़ा सकती हैं लेकिन अपनी इच्छा से शादी विवाह करने की इजाजत अभी समाज नहीं देता है।
खैर, इस कहानी का मोड़ ये था कि वहां के जो पत्रकार थे, और भारतीय पत्रकारिता सहित पूरे देश में यही छपा कि, 21 जनवरी की दोपहर जिस लड़की के पिता ने दिलशाद को गोली मार दी वह एक रेपिस्ट था। जिसके बाद गोरखपुर और आसपास ये फैला कि एक पिता ने रेपिस्ट को गोली मार दी और उसके बाद सहानूभुति तथा शाबाशियां दीं। लेकिन जनज्वार ने तह दर तह-परत दर परत बताया कि कैसे बिहार के मुजफ्फरपुर के रहने वाले युवक दिलशाद हुसैन ने गोरखपुर के बड़हलगंज की एक लड़की से शादी की और कैसे वह अपराधी बना। और फिर मारा गया।
अब इस मामले में एक नया मोड़ आया है। युवक दिलशाद की शादी का एक वीडियो सामने आया है। इस वीडियो को दुनिया का कोई लैब मार्फ्ड नहीं कह सकता। यह युवक व युवती की शादी का वीडियो किसी जोर या जबरदस्ती में नहीं बनवाया गया। बल्कि यह वीडियो दोनों की मर्जी से की जा रही शादी का है। दिलशाद ने बाकायदा हिंदू धर्म अपनाकर युवती से हैदराबाद के एक आर्य समाज मंदिर में हिंदू रीति रिवाज से शादी की थी।
यहां समझिए सिलसिलेवार पूरा घटनाक्रम
गोरखपुर के बड़हलगंज इलाके की रहने वाले फौजी की बेटी 11 फरवरी, 2020 में दिलशाद हुसैन के साथ हैदराबाद चली गई। बताया जाता है कि दोनों ने आर्य समाज के रीति रिवाज से शादी भी कर ली थी। इधर, छात्रा के पिता की तहरीर पर पुलिस ने 17 फरवरी, 2020 को केस दर्ज किया। 12 मार्च, 2021 को पुलिस ने आरोपित दिलशाद को हैदराबाद में गिरफ्तार कर लिया था। उधर, इस मामले में विवेचना के दौरान पुलिस ने दुष्कर्म के साथ ही छात्र के नाबालिग होने की वजह से पाक्सो एक्ट की धारा बढ़ा दी थी। उसके बाद से आरोपित दिलशाद गोरखपुर जेल में लम्बे समय तक बंद था। बताया जा रहा है कि बीते सितंबर माह में वह जमानत पर छूटा था। 21 जनवरी को उसकी पाक्सो कोर्ट में गवाही थी और लड़की पिता ने इसका बेजा फायदा उठाते हुए उसकी हत्या कर दी।
इस घटना को लेकर भ्रामक दुष्प्रचार यही तक सीमित नहीं रहा। अखबारों में हत्या की घटना को लव जिहाद के रूप में भी परोसा गया। फिर ये खुलासा हुआ कि लड़का मुसलमान है और बिहार के मुजफ्फरपुर का रहने वाला है। जैसे-जैसे लोगों को नई-नई सूचनाएं मिली उसी के अनुरूप लोगों का मन बदला और लोग हत्यारे लड़की के पिता से सहानुभूति रखने लगे। मॉडर्न सोासइटी में रहने वालों के लिए यह अपने आप में चौंकाने वाली बात है।
चौंकाने वाली इसलिए कि हम लोग मॉडर्न होने की बात करते हैं, लेकिन हमारी सोच आज भी पिछड़े समाज वाली है। लोग सामंती सोच से बाहर नहीं निकल पाए हैं। यही वजह है कि लोग सही तथ्यों तक पहुंचकर अपनी धारणा बनाने के बदले पुरानी सोच से प्रेरित होकर हर घटना को अपने-अपने तरीके से लेते हैं। इस मामले में भी वैसा ही हुआ। पहले घटना को लोगों ने आपराधिक माना, जाति और धर्म का मामला सामने आने के बाद यह सांप्रदायिक यानि लव जिहाद में तब्दील हो गया। हद तो तब हो गई जब लोग अपनी धारणाओं को सही मानने लगे। लड़की के हत्यारे पिता से सहानुभूति रखने के साथ आर्थिक सहायता भी देने लगे। तभी तो लड़की के पिता ने बयान दिया है कि, 'अब मुझे जिंदगी भर जेल में रहने का भी पछतावा नहीं होगा।'
इसके अलावा, एक गजब ट्रेंड भी प्रचलन में आ गया है। हमारा समाज, अपराध को अपराध के नजरिए से नहीं लेता। उसे कुछ और मोड़ दे दिया जाता हैं। आपराध को जाति और धर्म के नजरिए से देखा जाने लगा है। गोरखपुर और आसपास के जिलों में इस तरह की कई घटनाएं हुई हैं। हत्या किसी की भी हो उसे खंडित समाज की मानसिकता के नजरिए से देखा और समझा जाता है।