पटना में सूदखोर बाप-बेटे पर महादलित महिला को नंगा कर पीटने और मुंह में पेशाब करने का आरोप, कर्ज का डेढ़ हजार लौटाने के बावजूद किया कुकृत्य
महादलित महिला के साथ सूदखोर बाप-बेटे द्वारा मानवता को शर्मसार करने वाला कांड करने के बाद पीड़िता के गांव पहुंचा जांच दल
विशद कुमार की रिपोर्ट
Patna news : पटना में सूदखोर दबंगों पर महादलित महिला को नंगा घुमाकर पेशाब पिलाने का मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक पिछले 23 सितंबर को बिहार की राजधानी पटना जिले के एक गांव में मानवता को शर्मसार करने वाली यह बेहद शर्मनाक खबर सामने आई है। आरोप है कि गांव के एक दबंग द्वारा गांव की एक महादलित महिला को नंगा करके पीटा गया और उसे जबरन पेशाब भी पिलाया गया।
खबर के मुताबिक पटना जिले के खुसरूपुर के मौसिमपुर गांव में कुछ माह पूर्व 45 साल की महादलित महिला ने गांव के एक दबंग व्यक्ति से डेढ़ हजार रुपये का कर्ज लिया था। महिला ने वह पैसा सूद समेत उस व्यक्ति को लौटा दिया। इसके बावजूद भी वह व्यक्ति महिला से और सूद की मांग करने लगा। बताया जा रहा है कि जब महिला ने सूद का पैसा देने से इनकार कर दिया तो दबंग व्यक्ति ने महिला को 23 सितंबर की रात को उसके घर से उठवा लिया और अपने घर ले गया। उसे वहां पीटने के बाद नग्न कर दिया गया और उसे जबरन पेशाब भी पिलाया गया। महिला ने बताया है कि 24 सितंबर को किसी तरह वह वहां से भाग निकली और इसकी सूचना खुसरूपुर थाने को दी।
महिला ने आरोप लगाया गया है कि उसके साथ बदमाशों ने मारपीट की, उसे नंगा करके घुमाया और पेशाब पिलाया। सूचना मिलते ही पुलिस ने घायल महिला को इलाज के लिए खुसरूपुर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। पुलिस अनुमंडल पदाधिकारी सियाराम यादव ने बताया कि महिला द्वारा आरोप लगाया गया है कि महिला ने किसी व्यक्ति को ₹ 9,000 कर्ज के रूप में दिलवाया था। इतना ही नहीं महिला ने खुद भी ₹1,500 कर्ज लिया था। महिला ने बताया कि खुद के कर्ज का पैसा वह वापस कर दी थी, जबकि जिस व्यक्ति को उसने कर्ज दिलाया था उसने पैसे वापस नहीं किए। कर्ज देने वाले दबंग व्यक्ति ने महिला से पैसे की मांग की। जब महिला ने पैसा देने से इनकार किया तो गांव के दबंग व्यक्ति जिसका नाम प्रमोद सिंह बताया गया है, उसने महिला को जबरन उठाकर ले गया। उसके साथ मारपीट की गई फिर उसे पेशाब भी पिलाया गया। इस घटना को पटना पुलिस ने गंभीरता से लिया है और इसकी गहन जांच कर रही है। घटना के बाद पूरे गांव में तनाव व्याप्त है और पूरे गांव में पुलिस कैंप कर रही है।
फतुहा पुलिस अनुमंडल पदाधिकारी ने बताया कि छानबीन में पेशाब पिलाने और नग्न करने की बात की जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि महिला के आवेदन पर खुसरूपुर थाना में एससी-एसटी के तहत मामला दर्ज कराया गया है। घटना की गंभीरता को देखते हुए गांव में पुलिस कैंप कर रही है। उन्होंने बताया कि आरोपी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
ग्रामीण एसपी पटना के सैयद इमरान मसूद ने कहा है कि अनुसंधान के क्रम में यह पाया गया कि अभियुक्त पक्ष का और पीड़िता के बीच पैसे के लेन-देन को लेकर विवाद चल रहा था, जिसके चलते अभियुक्त पक्ष द्वारा महिला के साथ मारपीट की गयी, अभी तक की जांच में महिला के साथ मारपीट की पुष्टि हुई है लेकिन अन्य आरोप जो लगाए गए हैं उसकी अभी जांच की जा रही है।
दबंगों की पहचान गांव के ही प्रमोद सिंह और उसके बेटे अंशु कुमार के तौर पर हुई है। इनके साथ ही अन्य चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पीड़िता के परिजनों ने बताया कि दबंग महिला को 23 सितंबर की रात को उसके घर से उठा ले गए थे। जब महिला घर पर नहीं दिखी तो हमने उसे ढूंढ़ना शुरू किया। हमने देखा कि वह बिना कपड़ों के ही दबंगों के घर की तरफ से भागती हुई आ रही है। उसके शरीर पर कोई भी कपड़ा नहीं था। हमने उसे को कपड़े में लपेटा और उसे अपने साथ घर ले आए।
परिजनों ने बताया जब हमने महिला से पूछा तो उसने बताया कि दबंग प्रमोद सिंह ने उसके कपड़े उतारे हैं और उसके बेटे ने उसके मुंह पर पेशाब किया है। जब वह घर लौटी तो उसके सिर पर गहरी चोट के निशान भी थे। वहीं उसके जांघ पर पीटने के निशान थे। इस घटना के बाद परिजन इतने घबरा गए हैं कि वे गांव छोड़ने के बारे में सोचने लगे हैं।
पुलिस ने बताया कि महिला ने रात को मारपीट की शिकायत की है, उसने प्रमोद सिंह, अंशु सिंह और 3-4 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस ने फिलहाल महिला की शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर लिया है। वहीं दबंगों के घर पर इस घटना के बाद से ताला लगा हुआ है और पुलिस ने उन्हें पकड़ने के लिए जगह-जगह छापेमारी कर रही है।
बताते चलें कि पटना जिले के खुसरूपुर में एक सूदखोर और उसके सहयोगियों द्वारा एक दलित महिला को निर्वस्त्र कर पीटने और उसके मुंह पर पेशाब करने की वीभत्स घटना की जांच में भाकपा-माले व ऐपवा की एक उच्चस्तरीय फैक्ट फाइंडिंग टीम खुसरूपुर पहुंची। इस टीम में ऐपवा की नेत्री शशि यादव, माले के पालीगंज विधायक संदीप सौरभ, फुलवारी विधायक गोपाल रविदास, ऐपवा की राज्य सचिव अनिता सिन्हा, राखी मेहता और अनुराधा देवी शामिल थी।
जांच टीम ने पाया कि जिस महिला को अपमानित किया गया उन्होंने दो साल पहले सूदखोर प्रमोद सिंह से कुछ कर्ज लिया था, जिसका भुगतान दो से तीन दिन में ही कर दिया था। सूदखोर उस दो-तीन दिन का भी सूद चाहते थे और लगातार दबाव बनाए हुए थे। साहूकार की इस अनुचित मांग को लेकर पीड़िता ने पुलिस में कई बार शिकायत भी की थी।
जांच दल ने पाया कि सूदखोर के आतंक से रविदास जाति के 8 घरों का टोला आतंक के साए में हैं। 5 लोग बाजाप्ता अपने घर में ताला लगा चुके हैं। हाल ही में 2 और लोग गांव छोड़कर भागने पर मजबूर हुए। सिर्फ यही परिवार बचा हुआ था।
पिछले 21 सितंबर को आरोपी प्रमोद सिंह और उसका बेटा अंशू सिंह एक बार फिर सूद का तकादा करने पहुंचे। जांच टीम को प्राप्त सूचना के मुताबिक अंशू सिंह ने महिला पर ईंट चला दिया। पुलिस आई और उसने मामले को रफा-दफा कर दिया। 23 सितंबर को सूदखोर दिन भर महिला पर हमले के लिए घात लगाए बैठे रहे। दिनभर वह महिला अपना घर बंद करके रही। बाद में सूदखोरों ने कहा कि यदि वह बाहर नहीं निकलती है तो उसके पति की हत्या कर देंगे। तब महिला घर से बाहर निकली और उसे निर्वस्त्र किया गया तथा मुक्कों एवं लाठियों से पीटा गया। बाद में पुलिस आई और प्राथमिक इलाज करवाया गया।
अस्पताल में भर्ती पीड़िता ने दावा किया कि उधार ली गई 1500 रूपए की रकम ब्याज समेत चुकाने के बावजूद उसे यह प्रताड़ना सहनी पड़ी है। महिला ने पुलिस को दिए बयान में कहा कि प्रमोद सिंह ने अपने बेटे से मेरे मुंह पर पेशाब करने के लिए कहा और उसने वैसा ही किया।
जांच टीम ने कहा है कि पूरे देश में भाजपा और आरएसएस ने हिंसा व घृणा का जो माहौल बनाया है, उसकी वजह से दलितों व महिलाओं पर हमले की घटना में लगातार वृद्धि हो रही है। बेगूसराय में भी वहां के भाजपा सांसद गिरिराज सिंह लगातार नफरत का माहौल बनाने में लगे हुए हैं।
जांच टीम ने कहा है कि बिहार में सूदखोरी काफी गंभीर समस्या है। हमने बिहार सरकार से भी बारंबार कहा है कि सूदखोरी का अंत होना चाहिए, बावजूद गरीब लोग इसकी चपेट में आते जा रहे हैं। खुसरूपुर की घटना तो सूदखोरों के आतंक का एक ऐसा उदाहरण है जिसकी मिसाल भी नहीं मिलेगी।
भाकपा-माले का जांच दल इस घटना के जिम्मेवार अपराधी प्रमोद सिंह और अंशू सिंह की तत्काल गिरफ्तारी, पीड़ित महिला का समुचित इलाज, सूदखोरी पर रोक लगाने व उसकी माफी तथा पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा देने व पुनर्वास की मांग बिहार सरकार से की है।