Kanpur News: फफककर रोया ज्योति का पिता शंकर नागदेव, कहा न्यायालय के फैसले पर हूँ गदगद

Kanpur News: फफककर रोया ज्योति का पिता शंकर नागदेव, कहा न्यायालय के फैसले पर हूँ गदगद
Kanpur News: कानपुर का ज्योति हत्याकांड आज एक बार फिर चर्चा में है। आज अदालत से इस मामले को लेकर फैसला आया है। इस हाईप्रोफाईल मामले में अदालत में सभी आरोपियों की सा को बरकरार रखा है। पारले जी बिस्किट और शहर का चर्चित केसर गुटखा से जुड़ा ये मामला साल 2014 में खासा चर्चित कांड था। मामले को दबाने के लिए ढ़ेर सारा रूपया भी बहाया गया था, लेकिन सारे दांव फेल हो गये।
पीयूष की कहानी पर विश्वास ना होने पर पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की तो पीयूष द्वारा ही अपनी प्रेमिका मनीषा मखीजा के प्रेम जाल में फंसकर भाड़े के हत्यारों से ज्योति की हत्या करवाने और उसे लूट व अपहरण की वारदात दिखाने की कोशिश करने का मामला सामने आया था।
पुलिस ने पीयूष, उसकी प्रेमिका मनीषा मखीजा, मनीषा के ड्राइवर अवधेश कुमार चतुर्वेदी, पीयूष से सुपारी लेकर हत्या की साजिश रचने वाले आशीष कश्यप व सुपारी किलर रेनू उर्फ अखिलेश कनौजिया और सोनू कश्यप के अलावा पुलिस को सही जानकारी न देने के आरोप में पीयूष के पिता ओम प्रकाश, मां पूनम व दो भाइयों मुकेश और कमलेश के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर चार्जशीट कोर्ट भेजी थी।
रेनू और सोनू के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत भी मुकदमा दर्ज किया गया था। रेनू के पास से पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल किया गया चाकू और ज्योति के गहने बरामद किए थे। अवधेश, रेनू और सोनू घटना के बाद से जेल में ही बंद हैं जबकि बाकी आरोपियों को जमानत मिल गई थी।
कानपुर के आठ साल पुराने चर्चित ज्योति हत्याकांड में गुरुवार को अपर जिला जज प्रथम अजय कुमार त्रिपाठी की अदालत ने फैसला सुना दिया है। मामले में ज्योति के पति पीयूष, उसकी प्रेमिका मनीषा मखीजा के अलावा मनीषा के ड्राइवर अवधेश व हत्या में शामिल रहे आशीष, सोनू व रेनू को दोषी करार दिया गया है।
मामले में पुलिस को सही सूचना न देने के आरोपी पीयूष के भाइयों व मां को पर्याप्त साक्ष्य न होने के आधार पर बरी कर दिया गया है। मुकदमे की सुनवाई के दौरान आरोपी पीयूष के पिता ओमप्रकाश की मौत हो चुकी है। पांडुनगर निवासी बिस्कुट व्यापारी ओमप्रकाश श्यामदासानी की बहू ज्योति श्यामदासानी की 27 जुलाई 2014 को संदिग्ध हालात में हत्या हो गई थी। ज्योति के पति पीयूष ने स्वरूप नगर थाने जाकर ज्योति के अपहरण की कहानी सुनाई थी। लगभग 2 घंटे बाद पनकी में ज्योति का खून से लथपथ शव मिला
2014 को कानपुर में हुए ज्योति हत्याकांड ने पूरे उत्तर प्रदेश को हिलाकर रख दिया था। मर्डर का आरोपी फिलहाल कानपुर की जेल में बंद है। पुलिस के मुताबिक, इस क्रूर हत्याकांड को कार में अंजाम दिया गया था, जिसका मास्टरमाइंड खुद उसका बिजनेसमैन पति पीयूष भी मौजूद था। पीयूष ने खुद कबूला था- मर्डर करवाने के लिए 4 लोगों की मदद ली और उनसे कहा था- तब तक चाकू मारते रहना, जब तक उसकी सांसें न उखड़ जाएं।
कौन थी ज्योति
1 सितंबर, 1988 को जबलपुर (MP) में ज्योति का जन्म हुआ था। 2012 में कानपुर के पारले जी बिस्किट का बिजनेस करने वाले ओमप्रकाश श्यामदासानी के छोटे बेटे पीयूष से उसकी शादी हुई थी। दो साल बाद ही 27 जुलाई, 2014 की रात ज्योति की हत्या हो गई। मर्डर का मास्टर माइंड कोई और नहीं बल्कि पति था। इस हत्या में चार और लोग शामिल थे, जो कानपुर जेल में बंद हैं।
क्या हुआ था उस रात?
27 जुलाई की रात करीब 10 बजे पत्नी को लेकर पीयूष शहर के वरांडा रेस्टोरेंट डिनर के लिए गया। वहां से करीब 11.30 बजे दोनों कार से घर के लिए निकले। तभी रास्ते में चार बदमाशों ने उनकी कार रोक ली और पीयूष को बाहर निकालकर ज्योति को साथ ले गए।
लगभग एक घंटे बीत जाने के बाद करीब 12.30 बजे पीयूष ने स्वरूप नगर थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई। रात 2 बजे पुलिस को शहर के पनकी इलाके में कार में एक युवती की डेड बॉडी पाए जाने की सूचना मिली। जिसकी शिनाख्त ज्योति श्यामदासानी के रूप में हुई।
मामला हाई प्रोफाइल होने की वजह से मौके पर तत्कालीन आईजी आशुतोष पांडेय खुद पहुंचे थे। ज्योति की डेडबॉडी पर सारे गहने और कार में महंगा मोबाइल पड़ा मिलने से पुलिस को शक हुआ। इसके बाद ज्योति के घरवालों ने दामाद पर हत्या का इलजाम लगाया। साथ ही पुलिस को पीयूष के किसी दूसरी महिला के साथ अफेयर होने का भी आरोप लगाया। जिसके बाद पीयूष पुलिस की राडार में आ गया।
अफेयर के चलते हुआ मर्डर
जांच में मर्डर के पीछे अफेयर की बात सच निकली। पुलिस ने उस समय बताया था- पीयूष का ऑफिस में काम करने वाली एक महिला से अफेयर था। इसकी जानकारी पीयूष के मोबाइल की कॉल डिटेल से मिली थी। पीयूष ने एक नंबर पर वारदात के दिन छह घंटे में 150 SMS किए थे।
पूछताछ में पीयूष ने कबूला था- मैंने मर्डर प्लान किया था, क्योंकि मेरे अफेयर में वो रोड़ा बन गई थी। इसमें मैंने 4 लोगों की मदद ली और उनसे कहा था- तब तक चाकू मारते रहना, जब तक उसकी सांसें न उखड़ जाएं।
पोस्टमार्टम में सामने आई बेरहमी
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में ज्योति के शरीर पर 17 बार चाकू से घाव की पुष्टि हुई थी। 4 पेट में, 4 गर्दन पर, 2 सिर के पिछले हिस्से, 4 पैर और 2 पीछे हिप में चाकू के घाव मिले थे। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पीयूष ने कितनी बेरहमी से पत्नी के मर्डर प्लान किया था।











